मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
06-10-2021, 12:14 PM,
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
प्रमिला के उननत ओर कठोर चुचियां तथा चिकनी और मांसल टांग उसर्को तन बदन पर बिजलियां गिरा रही थी और वह अबेचैनी से अपने होठों पर जुबान फेर रहा था। सबिता के नशीले बदन को देखते हुए अनिल का बदन तप उठा और उसे अपने कपड़े भार स्वरूप लगने लगे। उसने अपने कपड़ों से निजात पाई। फिर पीछे से आकर सबिता के जवान जिस्म से सट गया तथा अगले ही पल उसके हाथ सबिता की बगल से निकल करके आगे आये ओर उसकी उन्नत कठोर चुचियों पर पहुंच गये।

वह बेताबी से उसकी चुचियों को सहलाने लगपा। उसके बेताब हाथों का स्पर्श अपनी उन्नत चुचियों पर पाकर वह बेहाल हो उठी। वह झटके से पलटी। फिर अनिन के निर्वस्त्र टाईट लंड पर अपनी नाजुक उंगलियों पर फिराने हो गया। उसने सबिता को बिछावन पर ढकेला फिर उसके जिस्म पर झुकता चला। थोड़ी देर बद दोनों की आहों कराहों से कमरा गुंज रहा था और दोनों एक दूसरे में समाये अलौकिक सुख लूट रहे थे।
जब इस सुख का अंत हुआ तो दोनो पुरा तृप्त परंतु ठानली लग रहे थे। इसके बाद तो उनकी हर रात सुहाग रात की तरह रंगीन होती थी ओर हर सुबह खुशियों का संदेश लेकर आती थी। - खुशियों से भरे ये दिन तेजी से बीते थे और देखते ही चार बरस का लम्बा समय निकल गया था। इस बीच सबिता ने एक बच्ची को जन्म दियार था। लेकिन इसके बाद ही उसके दुख के दिन शुरू हो गए थे। - वह बीमार रहने लगी थी। बीमार के कारण वह शारीरिक रूप से कमजोर होती चली गई थी। जिससे अब वह अनिल के एकांत के क्षणों में पूरा तृप्त प्रदान नहीं कर पाती थी। ऐसा होते ही अनिल उसकी ओर से विमुख होता चला गया था और उसने नीभा नामक एक लड़की ले अपना नाजायज सम्बंध जोड़ लिए थे।

नीभा लगभग पच्चीस साल की एक भरपूर जवान ओर खुबसूरत चुवती थी। वह स्वभाव से बेहद शौख और रंगीन मिजाज ओरत थी और उसकी इसी रंगीन मिजाज के कारण उसके पति ने उसे छोड़ रखूगा।

दूसरी ओर अनिल के घर वाले भी सबिता से तंग आ चुके थ। क्योंकि उन्हें उसका बीमारी पर बहुत पेसा खर्च करना पड़ रहा था। अब तो स्थिति यह थी कि वे उससे छुटकारा पाना चाहते थे और बात बात पर प्रतिदिन करते रहते थे ताकि सबिता तंग आकर अपने मायके चली जाय। - परतु उनकी आशाओं के विपरीत सबीता ने ऐसा कोई कदम नहीं उठाया। हां समय पर अपने दुख दर्द से अपने मायके वाले को अवश्य परिचित कराती रहती थी। ओर तुम अभी तक जाग रही हो अचानक अनिल के टोकने पर सबिता की विचार श्रृंखला भंग हो गई।
और बिना कुछ बोले बिछावन पर लेट गई। अनिल को यह समझते देर न लगी कि सबिता उससे नाराज है ओर वह यह हरगिज नहीं.चाहती की वह नीभा से को सम्बंध रखे।
इस बात से अनिल को बड़ा बेचैन कर दिया। दूसरे दिन शाम को जब वह सबिता के पास पहुंचा तो उस समय भी वह कुछ बूचैन ओर परेशान थी। उसे यूं परेशान देखकर सबिता ने पूछा क्या बात है डियर कुद पेरशान लग रहे हो। हां परेशान तो हूं ओर इसका कारण है मेरी पत्नी। - खुद तो बीमार रहने के कारण कोई सुख भोग नहीं पाती और चाहती है मैं भी महात्मा बना रहूं। कोई सुचा न भोग हमेशा उसके दुख से दुखी ही उसकी तीमारदारी में लगा रहूं। अनिल झुंझलाहट भरे स्वर में बोला।
तो लग रहो सबिता उससे सटती हुई शरारत पूर्ण स्वर में बोली। और तुम्हे भूल जाउं। अनिल सबिता के भरपूर जवान ओर गुदाज बदल को गहरी नजरों देखता हुआ बोला नहीं सबिता अब यह नहीं हो सकता।
ऐसा कया है मुझमें जो ऐसा नहीं हो सकता। वह सब कुद जो मुझे चाजिए। अनिल उसकी आंखों में झांकता हुआ बोला तुम खुबसूरत हो जवान हो ओर सबसे बड़ी बात यह है कि तुम पूर्ण संतुष्ट प्रदान करती हो। - कहते हुए अनिल ने उसके ब्लाउज में हाथ डालकर उसकी कठोर चुचियों को सहलाने लगा। हाय राम ऐसी मैं। अनिल इठलाती हुई बोली। उसकी इस हरकत मर सबिता के मुंह से एक हल्की सीस्कार निकली ओर वह उसे मीठी झिड़की देती हुई बोली।
बड़े शैतान हो तुम।
तुम्हारी जवानी ही ऐसी हूजोर हैकि जो देखें शैतान बन जाता है। अनिल आवेशित स्वर में बोला फिर वह सबिता को बाहों में भर उसने सम्पूर्ण वस्त्रों को खोलकर उसके शरीर से अलग कर दिया। हाय राम यह क्या। - आज कुछ न बोला डार्लिंग आज जी भर कर प्यार कर लेने दो आज तुम परी लगती हो। हां ऐसी बात है। - डार्लिंग कहते हुए वह भी पूर्ण निर्वस्त्र हो गया। हाय लगता है इधर जरूर कोई इन्जेक्शन लगवा रहे हो।
- सबिता मस्ती में भर बोली आज तो तुम्हारा रोज से कही अधिा टाइट दिख रहा है। तभी अनिल ने उसे लिटा दिया ओर उसकी गांड़ के नीचे तकिया लगा काफी देर तक उसकी चुत को देखता रहा।
फिर ज्योंही उसकी बुर के मुंह पर भिड़ाया अनिल नीचे से उपर तकगिनगना गया। हाय यह क्या कर रहे हो। आज कछ न बोलो मेरी जान।
मैं जेसे कुछ भी कर रहा हूं करने दो मुझे ये तो जानवर करते है। शैतान भी जानवर ही होता है। तुमने तो पहले ही मुझे शैतान कह दी हो। और आज शैतान की करामात को भी देख लो। आज तक सबिता की बुर को किसी मरद ने मुंह से चुमा नहीं था। __ओर न जीभ से चाटा ही था। जीभ का कोर ज्योंही उसकी 'चुत के शिशनिका से टकराई सबिता गनगना सी गई। वह काफी जवान ओर मरदखोर औरत थी फिर भी अनिल उसकी चुत का उपरी परत को चाटना शुरू कर दियासिबिता को इतना आनंद मिलने लगा कि वह मस्त से हो उठे।
और इतनी नशीली हो गई कि उसका चेहरा ही गहाहदार बन गया था। चेहरा गुलाब के फुल की तरह सुर्ख लाल हो गया। और आंखों में एक गहरा नशा छा गया था। ऐसा नशा था जो शराब गांजा भांग आदि सबसे बड़े थे।
Reply


Messages In This Thread
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह - by desiaks - 06-10-2021, 12:14 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,526,462 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 547,203 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,242,876 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 939,553 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,668,630 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,093,755 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,972,720 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,126,960 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,058,832 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 287,344 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 10 Guest(s)