एक अनोकी कहानी
05-22-2014, 10:09 AM,
#1
एक अनोकी कहानी
आज मैं अपको एक ऐसि कहनि सुनने जा रहा हु जो मैने अपने अखो से देखा था। ये कहनि आज से दो महिना पहले कि है तब मैं अपने घर गया हुअ था। इस्से पहले कि मैं अपनि कहनि सुरु करु अपको अपने सौसेन और उस ओलद मन का परिचय करा दु। मेरि सौसेन का नमे कोमल है। जिसकि उमर बिस साल कि है। उसको देख के कोयि भि कह सकता है कि उसका नमे उसके लिये बिलकुल हि सुत करता है। उसका गनद गोरा और हिघत फ़िवे फ़ित सिक्स इनच कि है। चेहरा इतनि सुनदर है कि जिसको देखने के बाद हर कोइ अपने दिल मे उतरना चहता है।और दुसरा अदमि जिसने उसका रपे किया वो मेरे उनसले के ममा के लदका है। जिनकि उमर सतर साल कि है। लेकिन आज भि बिलकुल हि हत्ता कत्ता है।

अब मैं अपको उस दिन के तरफ़ ले चलता हु। मैं उन दिनो अपने घर गया हुअ था। उस समय मेरे घर पे मेरे चचि और सौसेन और उस ओलद मन जिसे हम तौ कह के बुलते है, के अलवा और कोइ नहि था। उस दिन दोपहर मे मैने देखा कि मेरि चचि जिनकि उमर चलिस साल कि है चत पर एक रूम मे सियि हुयि थि। मैं वहि पास के रूम मे लेता हुअ था। तौजि मेरे रूम मे अये और मुझे देखा और चचि के रूम के तरफ़ चले गये। सयद उनहोने समझा कि मैं सो रहा हु। रूम मे जने के बाद जैसे हि उनहोने दरवजा बनद किया मैने दरवजे के अवज को सुन के समझ गया कि आज कुछ गदबर होने वला है। मैने सोचा कि कयो ना देखा जये। मैं उथ के उस कमरे के विनदोव पर गया और अनदर झका तो देखा कि जैसे हि तौजि चचि के पास जके बैथे चचि सिदा हो गयि और बोलि ' आप आ गये?' तौजि ने बोला हा मैं आ गया। तब चचि ने पुछा कि कोमल कहा है तो तौजि ने बतया कि वो निचे सो रहि है। अब तौजि ने चचि के पैर पर अपना हनथ फ़ेरना सुरु कर दिया। और धिरे धिरे चचि के कपदो को उपर उथना सुरु कर दिया। चचि धिमि धिमि मुसका रहि थि। तौजि ने जैसे हि चचि के सदि और सया को कमर तक उथया तो चचि के चुद को देख के बोले कि वह कया जिसम पया है तुमने। और ये कहते हुये अपने उन्नगलियो से चचि के कोमल बलो को सहलने लगे। चचि ने अपनि अखे बनद कर लिया और अपने हनथ को तौ जि के लुनगि के अनदर दल दिया और उनके लुनद को बहर निकल के उसे सहलने लगि।

अब तौजि ने अपने हनथ को वहा से हता लिया और चचि ने भि अपने हनथ को हता लिया। अब तौजि ने चचि के जनघो को जो कि बिलकुल हि एक दुसरे से सते हुये थे को थोदा सा फ़ैलया और अपने मुह से थोदा सा थुक निकल के चचि के चुद पे रगर दिया। इसके बाद तौजि चचि के जनघ पे बैथ गये। और अपने लुनद को एक हनथ से पकद के जैसे हि चचि के चुद पे सतया चचि ने अपने दोनो हनथो से चुद को फ़ैला के तौजि के लुनद को अपने चुद का रसता दिखया। अब तौजि ने लुनद को चचि के चुद के चेद पे रख के जोर से कमर को झतका मरा और चचि के मुह से आआआह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्ह कि अवज निकल गयि। मैने देखा कि उनका लुनद चचि के चुद मे चला गया था। अब तौजि चचि के उपर लेत गये और धिरे धिरे अपने कमर को हिलने लगे। चचि उनके हर एक झतके के साथ तेज सासे ले रहि थि। इस तरह से कुछ देर तक तौजि चचि कि चुदै करते रहे। लगभग पनदरह मिनुत के बद तौजि चचि से बोले कि कोमल अब जवन हो गयि है। और जोर से एक झतका मरा चचि हाआआआआआआआआआआऊऊऊऊऊऊ कि अवज निकलि। अब तौजि ने बोला आज रात मे मैं उसका रपे करुनगा तुम उसे भेज देना चचि ने अपने गरदन हिला के हमि भरि। अब तौजि का पुरा लुनद चचि के चुद मे चला गया था। अब तौजि ने चचि के होतो को चुसना सुरु किया और अब जोर जोर से झतके लगने सुरु कर दिये। अब मैं समझ गया था कि तौजि का गरम सपुरम चचि के चुद मे गिरने वला था। कुछ देर के बाद चचि भि अपने कमर को उथा उथा के तौजि का पुरा साथ देने लगि और ये दौर पाच मिनुत तक चला इसके बाद दोनो लोग सानत पद गये तो मैं समझ गया कि अब तौजि का सपुरम चचि के चुद मे गिर गया था। अब मैं अपने रूम मे चला गया और सो गया।

रात के समय चचि ने खना बनया और कोमल ने मुझे और तौजि को खना खिलया। खना खते समय मैने देखा कि तौजि कि नजर मक्सिमुम तिमे खना पर कम कोमल के उपर जयदा रहति थि। खना देने के लिये जैसे हि वो निचे झुकति थि तो तौजि उसके बूबस को देखते रहते थे। खना खने के बाद मैं अपने रूम मे उपर चला गया। जैसे हि तौजे उपर जने के लिये तैयर हुये तो उनहोने कोमल से एक लोते मे पनि और तेल के दिबे को उनके कमरे मे लने के लिये बोला। कोमल ने बोला थिक है तौजि मैं लेके उपर पहुनचा दुनगि। खना खने के बाद कोमल एक लोते मे पनि लेके और दिबे मे तेल लेके जैसे हि तौजि के पास जने लगि तो चचि ने बोला कि 'एखो वो तुमहरे बाप के समन है दुसरे एक घर के होके भि पुरे दिन खेतो मे देख रेख करते है पुछ के तुम उनके सरिर मे तेल लगा देना' कोमल ने बोला 'थिक है'।इधर तौजि उसका इनतजर कर रहे थे। जैसे हि वो रूम मे गयि तो तौजि ने उस्से बोला कि अगै रख दो। कोमल ने बोला तौजि कया मैं अपके सरिर का मलिस कर दु। तो तौजि ने बोला कि अछा होता कि कर देति तो उसने बोला थिक है मैं कर देतु हु। और वो दरवाजा को सता के तौजि के बगल मे बैथ गयि। तौजि ने पहले उसे अपने पैर मे तेल लगने के लिये बोला। जब उसने पैर मे तेल लगा दिया तो हनथ मे तेल लगने के लिये बोला।
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एक अनोकी कहानी - by hotaks - 05-22-2014, 10:09 AM

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