RE: xxx indian stories आखिरी शिकार
कालबैल बजी। राज ने द्वार खोला। "वैलकम होम ।" - राज अपनी बांहें फैलाता हुआ बोला।
मेरी शेरमन तत्काल उसकी बाहों में आ गई। राज ने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिये ।
कुछ क्षण वे यूं ही आलिंगन में बन्धे खड़े रहे, फिर मेरी ने उसे परे धकेल दिया ।
राज ने आगे बढकर द्वार को भीतर से बन्द कर दिया।
मेरी एक सोफे पर जा बैठी।
“शैम्पेन !" - राज बोला । मेरी ने प्रश्नसूचक नेत्रों से उसकी ओर देखा । राज ने रेफ्रीजरेजर में से शैम्पेन की बातल निकाल ली।
"ओह !" - मेरी बोली - "व्हाई नॉट !"
राज ने बगल की शीशे की आलमारी में से दो गिलास निकाले । वह बोतल और गिलास लेकर मेरी की बगल में आ बैठा ।
मेरी उसके साथ सट गई।
राज ने बड़ी दक्षता से शैम्पेन की बोतल का कार्क उड़ाया और दोनों गिलास शैम्पेन से भर दिये।
उसने एक गिलास मेरी को थमा दिया और दूसरा खुद ले लिया ।
“चियर्स !" - राज उसके गिलास से गिलास टकराता हुआ बोला।
“चियर्स !" - मेरी बोली।
दोनों शैम्पेन पीने लगे।
"इतनी बड़ी इमारत में तुम अकेली रहती हो?" - राज ने पूछा।
"हां ।" - मेरी बोली।
"तुम्हें डर नहीं लगता?"
"कभी-कभी लगता है । लेकिन अक्सर डर लगने के वक्त मैं इस इमारत में अकेली नहीं होती
"जैसे आज?"
"जैसे आज।
"यह कमरा बहुत शानदार ढंग से सजा हुआ है
“इस इमारत का केवल यही कमरा शानदार ढंग से सजा हुआ है । बाकी इमारत क्योंकि इस्तेमाल नहीं होती इसलिये धूल से भरी पड़ी है।"
"इस कमरे पर इतनी मेहरबानी क्यों ?"
"क्योंकि यहां तुम्हारे जैसे दोस्त आते हैं ।"
"ओह !" दोनों चुपचाप शैम्पेन पीने लगे।
"तुम्हारे इस कमरे को देखकर मुझे अपने एक दोस्त की याद आ गई ।" - राज शैम्पेन की चुस्कियां लेता हुआ बोला।
मेरी ने प्रश्नसूचक नेत्रों से उसकी ओर देखा । "वह अपनी एक गर्ल फ्रेंड के बारे में बताया करता था ।"
"क्या ?"
"उसकी गर्ल फ्रेंड भी तुम्हारी ही तरह एक बड़ी सी इमारत में रहती थी लेकिन उस इमारत का एक ही कमरा आधुनिक ढंग से सुसज्जित था जबकि बाकी इमारत खाली पड़ी थी । और कैसा संयोग है कि मेरे उस दोस्त की गर्ल फ्रेंड का नाम भी मेरी था ।"
मेरी तनिक विचलित दिखाई देने लगी ।
राज ने अपना शैम्पेन का गिलास खाली कर दिया ।
मेरी ने भी अपना गिलास खाली करके मेज पर रख दिया।
राज ने बोतल की ओर हाथ बढाया ।
"वेट ।" - मेरी उठती हुई बोली - "मैं जरा कपड़े बदल आऊं।"
"वैरी वैल ।" - राज बोला । मेरी अपने स्थान से उठी और कमरे के पृष्ठभाग में बने एक द्वार की ओर बढी ।
उसने अपने हैण्डबैग में से एक चाबी निकालकर पिछला द्वार खोला और फिर भीतर प्रविष्ट हो गई । अपने पीछे वह द्वार बन्द करती गई ।
राज अपने स्थान से उठा । वह दबे कदमों से द्वार के पास पहुंचा । उसने धीरे से द्वार खोलकर भीतर झांका ।
वह एक छोटा-सा गलियारा था जिसमें एक जीरो वाट का बल्ब जल रहा था । उसके दायें-बायें दो दो दरवाजे थे और विपरीत सिरे पर ऊपर को जाती हुई सीढियां थीं।
मेरी कहीं दिखाई नहीं दे रही थी और न ही दायें बायें के किसी कमरे में प्रकाश था ।
राज गलियारे में आ गया । उसने दायीं ओर के द्वार को तनिक धेकल कर भीतर झांका ।
धूल मिट्टी की गन्ध से उसके नथुने भर गये । भीतर पुराना फर्नीचर भरा पड़ा था |
उसी क्षण उसे सीढियों पर किसी की आहट सुनाई दी।
राज ने जल्दी से वह द्वार बन्द किया और वापिस सजे हुये कमरे में आ गया । अपने पीछे वह द्वार बन्द करना नहीं भूला ।
वह अपने स्थान पर आकर बैठा ही था कि पिछला दरवाजा खुला और मेरी भीतर प्रविष्ट हुई
वह एक लम्बा लगभग पारदर्शक गाउन पहने हुये थी । गाउन में से उसके पुष्ट और युवा शरीर का एक-एक अंग स्पष्ट झलक रहा था ।
मेरी कुछ क्षण द्वार पर खड़ी रही और फिर इठलाती, मुस्कुराती राज की ओर बढी ।
राज ने अपनी बांहें फैलायी ।
मेरी उसकी गोद में आ बैठी ।
राज ने उसकी अपनी बांहों में जकड़ लिया । कुछ क्षण बाद मेरी उसकी बाहों से फिसल गई। वह उसकी बगल में उसके साथ सट कर बैठ गई
राज का चेहरा प्रसन्नता और आनन्द के आवेग से उत्तेजित दिखाई देने लगा । वह तेजी से अपने दोनों हाथों की हथेलियां एक-दूसरी से रगड़ने लगा।
राज ने देखा मेरी बड़े गौर से उसके हाथों के एक्शन को देख रही थी।
"यह क्या कर रहे हो ?" - एकाएक वह बोली ।
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