Sexbaba Hindi Kahani अमरबेल एक प्रेमकहानी
04-14-2020, 11:54 AM,
#56
RE: Sexbaba Hindi Kahani अमरबेल एक प्रेमकहानी
लेकिन घराने के लोगों को इतने से ही शांति नही थी. भगत से खानदान के लोगों ने इकट्ठे हो कहा, "अभी तो रात हो गयी है लेकिन कल सुबह इस लड़की का फैसला कर लो. ये अब इतनी आसानी से रुकने वाली नहीं है. इस लड़की ने जो काम किया है वो माफ़ कर देने लायक नहीं है. किसी गैर जाति के लडके के साथ भाग गयी, एक बार भी समाज और खानदान का खयाल न किया."


भगत जो कोमल के पिता भी थे. फैसले के नाम से अंदर तक कॉप गये. उन्हें पता था इस फैसले में क्या होगा? कोमल के ऊपर फैसला आने का एक मतलब उसकी मौत भी हो सकती थी. जो भगत ने अभी तक सोची नही थी. कोमल उनकी बेटी थी तो भला ऐसा कैसे सोचते?


भगत की दशा बता रही थी कि उनको आज नींद नही आएगी. ये रात कई लोगों के लिए बड़ी मुश्किल रातों में शुमार होनी थी. जिनमें राज. कोमल और भगत के साथ में भगत की बीबी यानि कोमल की माँ गोदंती शामिल थी.


भगत थके कदमों से घर को आ गये. घर के अंदर आते ही सबसे पहले उन्हें अपनी बीबी गोदन्ती का सामना करना पड़ा. वो चिंतित हो भगत से बोली, “क्या कह रहे थे सब लोग?"

भगत गम्भीर आवाज में बोले, “अब क्या क्या बताऊँ तुझे? वो लोग कहते हैं कोमल के मामले का कल फैसला करेंगे.”

भगत की बीबी गोदन्ती बिगड़ते हुए बोली, “अब क्या फैसला होगा? लडकी घर आ गयी सब शांत हो गया. अब क्या बचा है फैसला करने को?"


भगत उदास हो बोले, "ये तो में भी नही जानता. ये खानदान वाले जो भी करते है उसका कोई सर पैर तो होता नही. ऊपर से हमारे बड़े भाई तिलक अपनी इज्जत का हवाला दे लडकी की जान के पीछे पड़े हुए हैं. पता नही उन्हें क्या सूझा रहता है?"


ये तिलक पहले नौटंकियों के दीवाने थे. बाद में जुआरी हो गये. कोई ऐब ऐसा नहीं था जो तिलक में नही हो लेकिन जमाने की पंचायत करना जैसे खून में बसा हुआ था. खुद की शादी नहीं हुई थी
शायद इस कारण दूसरों के बच्चे भी अच्छे नहीं लगते थे.

भगत अपनी बीबी से बोले, “अब कोमल कैसी है?"

गोदंती गुस्से से बोली, "अभी थोड़ी देर पहले होश में आई है. पागल हो गयी है पूरी तरह से. पता नहीं ये कैसे इन चक्करों में फंस गयी?"

भगत शांत हो बोले, "चलो अब सो जाओ. सुबह देखेंगे जो भी होगा."


गोदंती अपनी आवाज सम्हालते हुए बोली, “खाना नही खाओगे आज?"

भगत धरती की तरफ देखते हुए बोले, "मुझे तो भूख नही है इन बच्चो को खिला दो. और उस छबिलिया को भी कुछ खिला पिला देना."


गोदन्ती ने सभी लोगों से पूछा कि कोई खाना खाए तो बना दें लेकिन आज किसी को भूख नही थी. कोमल ने तो साफ़ साफ़ मना कर दिया था. आज घर में चूल्हा ही नही जला. सब के सब भूखे सो गये. सारा घर सो रहा था. लेकिन कोमल? भगत और गोदन्ती को तनिक भी नींद न आई.तीनों को आने वाले समय में होने वाली घटनाओं की सोच खाए जा रही थी. नींद तो दूर की बात चैन तक नसीब नहीं हो रहा था इन तीनों को.

उधर राज भी ऐसी ही स्थिति से गुजर रहा था. पूरा घर आधी रात तक राज की चारपाई के आसपास बैठा रहा. जब लगा कि राज को नींद आ गयी है तब जाकर सब सोने गये थे लेकिन राज सोया नहीं था.


खाना तो इस घर में भी नहीं बना था. कोमल के घर की तरह इस घर में भी चूल्हा नहीं जला था. बच्चे से लेकर बूढ़े तक सब भूखे सो गये. शायद इनके मन में भी कल सुबह आने वाले किसी भूचाल का आभास हो रहा था.


एक आम इन्सान की जिन्दगी में सामाजिक जीवन जीते हुए कितनी कठिनाईयां आती हैं ये कोमल के घर का माहौल देख समझ आता है. ऐसा ये कोई अकेला ऐसा परिवार नही था इस गाँव में जो इस कठिनाई को झेल रहा था. इससे पहले कई परिवारों ने ऐसा दुःख झेला था.

तब भगत ने कुछ नहीं बोला था. आज उन लोगों ने भगत के लिए कुछ नही बोला.
शायद तब भगत को ये मालूम नही होगा कि मुझे भी ऐसी परिस्थितियों से जूझना पड़ेगा और अब वो लोग ऐसा समझ रहे थे कि उनको आगे ऐसी परिस्थितियों से जूझना नही पड़ेगा. यही वो कमजोर कड़ी है इस समाज की समाज को कमजोर किये रहती है. वो एकदूसरे के लिए बोलना ही नहीं चाहते हैं.जबकि उनमे से काफी लोग चाहते हैं कि ये सामाजिक कुरीतियाँ बुरी है.


सुबह हुई. भगत, कोमल और गोदन्ती सबसे पहले उठ गये. घर में सुबह की चाय बनी थी. कोमल ने माँ के ज्यादा कहने पर चाय तो पी ली लेकिन उसे राज के बारे में जानने की बहुत उत्सुकता थी. राज कैसा है? कल की घटना के बाद उसे राज की बेहद चिंता हो रही थी. कल एक ही दिन में कितनी घटनाएँ हो गयी थी. कभी बहुत बड़ी खुशी तो कभी बहुत बड़ा गम. ___सब लोग जो खानदान के ही थे. किन्तु इनमे से कुछ पंचायती भी थे जो भगत के पास आ चुके थे. ये लोग कोई और नहीं थे. इनमें एक भगत का सगा बड़ा भाई. चार लोग चाचा ताऊ के और एकाध समाज का रखवाला.


सबने भगत को पास बिठा पूछा, “अब क्या करने वाले हो इस कुलटा लडकी का?"

भगत पीछा छुडाते हुए बोले, “में क्या करूँगा? और अब तो सब ठीक भी हो गया."
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RE: Sexbaba Hindi Kahani अमरबेल एक प्रेमकहानी - by hotaks - 04-14-2020, 11:54 AM

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