Sex kahani अधूरी हसरतें
04-02-2020, 05:01 PM,
RE: Sex kahani अधूरी हसरतें
हां मैं जानता हूं कि मैं क्या देख रहा था,,,,। मे यह देख रहा था कि तुम्हारी मम्मी जल्दी से वहां से चली जाए ताकि मैं पेशाब कर सकूं,,,,।

झूठ बिल्कुल झूठ,,,,, तुम यह नहीं बल्की कुछ और देख रहे थे,,,,।


तुम कैसी बातें करती हो कोमल मैं भला और क्या देख रहा था मैं तो उनको वहां से चले जाने का इंतजार कर रहा था,,,।

तुम मेरी मम्मी की गांड देख रहे थे जब वह साड़ी उठाकर खड़ी थी तब,,,,( कोमल आवेश में आकर शटाक से बोल गई,,, लेकिन उसके मुंह से यह शब्द कैसे निकल गई है उसे भी नहीं समझ में आया भले ही आवाज में निकले थे लेकिन इन शब्दों का उपयोग उसने आज तक नहीं की थी इसलिए थोड़ा सा झेंप गई,,,, और यह शब्द सुनकर शुभम मन ही मन प्रसन्न होने लगा क्योंकि उसे लगने लगा कि उसकी गाड़ी धीरे धीरे पटरी पर जरूर आ जाएगी।,,, मन में यह सोचते हुए वह कोमल की बात पर एतराज जताते हुए बोला,,,।


यह क्या कह रही हो कोमल तुमसे कोई गलतफहमी हुई है मैं बना ऐसी हरकत क्यों करूंगा,,,,


अगर मुझे कोई और कहता तो शायद मुझे भी इस बात पर यकीन नहीं होता लेकिन यह तो मैंने खुद अपनी आंखों से देखी हुं तो भला इसे कैसे झूठला सकती हूं।,,,


हां कोमल मैं मानता हूं कि तुम्हारी मां की गांड मैं देख लिया था लेकिन वह अनजाने में ही हुआ था।( शुभम अब खुलकर बोलने लगा क्योंकि वह जानता था कि अगर वह इस तरह से खुलकर बोलेगा तभी कुछ बात बन पाएगी वह तो मन में ठान लिया था कि ऐसी ऐसी बातें करेगा कि कोमल की बुर अपने आप ही पानी छोड़ने लगे गी।,,, कोमल शुभम के मुंह से ऐसे खुले शब्द सुनकर सन्न रह गई, लेकिन बोली कुछ नहीं बस उसकी गलती बताते हुए बोली,,,।)

अनजाने में ही नहीं हुआ था सुभम यह सब जानबूझकर हुआ था,,,। मैं तुम्हारी हरकत को अपनी आंखों से देख रही थी।,,,

तुम कुछ नहीं जानती कोमल तुम बेवजह मुझ पर सिर्फ इल्जाम लगा रही हो कुछ जानती होती तो जरूर बता देती,,,, वैसे कोमल,,, तुम पर यह सलवार सुट जच रहा है,,,, मुझे यकीन नहीं हो रहा है कि तुम कोमल हो,,
( शुभम जानबूझकर उसे उकसाते हुए उसकी तारीफ कर रहा था यह शुभम की बहुत ही गहरी चाल थी जिसमें,,,, कॉमल आसानी से गिरफ्तार हुए जा रही थी,,, उसके मुंह से अपनी तारीफ सुनकर वह मन ही मन प्रसन्न हुए जा रही थी क्योंकि पहली बार कोई लड़का भले ही वह रिश्ते में उसका चचेरा भाई था,,, उसके मुंह से अपनी तारीफ सुनकर उसे बहुत ही अच्छा लग रहा था कुछ पल के लिए वह शुभम और उसकी मां के बीच हुए संबंध को भूल जा रही थी, वह सुभम की बात सुनकर बोली,,,।)

अब बेवजह बात को बदलने की जरूरत नहीं है जो सच है वह हमें बता रहे हो और तुम जान बूझकर उसे अनजान बनने की कोशिश कर रहे हो,,,।


मैं भला बात को क्यों बदलने लगा लेकिन जो कुछ भी तुम कह रही हो वह सरासर गलत है और वैसे भी मैं तो सिर्फ तुम्हारी तारीफ कर रहा हूं कि तुम बहुत खूबसूरत लग रही हो,,,।

रहने दो तारीफ करने को तुम्हारे मुंह से तारीफ अच्छी नहीं लगती,,।

ऐसा क्यों क्या मेरे मुंह से अंगारे बरसते हैं,,,,।


जो भी हो मैं नहीं जानती बस इतना जानती हो कि तुम बहुत ही गंदे हो,,, तुम मेरी मां को चो,,,,,,,,,,,,,,( वह इतना कहकर एकाएक खामोश हो गई,,, वह अंदर ही अंदर शरमा गई,,,, शुभम समझ गया कि कोमल क्या कहने जा रही थी और यह जानते ही उसके लंड में हलचल होने लगी,,,, वह तुरंत बोला।


क्या क्या क्या क्या कहा तुमने,,,,।

कुछ नहीं और मैं कुछ कहना भी नहीं चाहती बस इतना जान लो कि मैं तुम्हारे साथ आई हूं यह मेरी मजबूरी है वरना मैं तुम्हारे साथ जिंदगी में कभी नहीं आती,,,।

आखिर इतनी भी बेरुखी किस काम की कोमल,,, तुम मेरे बड़े मामा की लड़की होै इस लिहाज से तुम मेरी बहन हुई,,,,, ( शुभम इतना ही कहा था कि कोमल उसकी बात को बीच में काटते हुए बोली,,,।)

और मेरी मां तुम्हारी बड़ी मामी हुई लेकिन तुम अपनी बड़ी मामी के साथ क्या कर रहे थे,,,,,? ( कोमल प्रश्न सूचक शब्दों में बोली,,,।)
शुभम जानता था कि कोमल क्या कहना चाह रही है और क्या सुनना चाह रही है। बाइक अपनी रफ्तार से आगे बढ़ती चली जा रही थी शुभम समझ गया था कि अब बात को गोल गोल घुमाने से कोई फायदा नहीं है सीधे मुद्दे पर आने की जरूरत हो गई थी क्योंकि अगर यूं ही क्या हुआ क्या नहीं हुआ,,, यही गिनाने लगा तो इसी में समय गुजर जाएगा,,, और हाथ में आया या सुनहरा मौका भी ज्यादा रहेगा इसलिए शुभम मन ही मन में विचार करके बोला,,,।

हां कोमल मैं जानता हूं कि मुझसे गलती हो गई लेकिन क्या करूं मेरी आंखो के सामने नजारा ही कुछ ऐसा था कि मैं अपने आप को रोक नहीं सका,,,,।

तुम रोक सकते थे शुभम अपने आपको लेकिन तुम रुकना नहीं चाहते थे,,,, तुम आगे बढ़ना चाहते थे मैं साफ-साफ देख रही थी तुम्हारे चेहरे के भाव को जब मेरी मां अपनी साड़ी को कमर तक उठाए हुई थी।
( शुभम कोमल के मुंह यह सब सुनकर उत्तेजित हुआ जा रहा था उसे अच्छा लग रहा था कमल के मुंह से यह सब सुनना,,, बात को और ज्यादा नमक मिर्च लगाते हुए शुभम बोला,,,।)

कोमल ईसमे भला मेरी कौन सी गलती है मेरी जगह अगर कोई भी होता तो शायद वह भी वही करता जो मैं किया था,,,, अपनी आंखों के सामने नजारा ही कुछ ऐसा मादक हो तो इंसान क्या करें,,,
( शुभम की बातें सुनकर कोमल के तन बदन में भी अजीब थी हरकत हो रही थी मन ही मन सोचने लगी कि,,, देखु शुभम क्या बोलता है इसलिए वह बोली,,,।)

शुभम एक औरत पेशाब करते हुए तुम्हें भला उसमें ऐसा क्या दिख जाता है कि तुम अपने आपको संभाल नहीं पाए,,,।
( कोमल के बदन में भी जवानी का सुरूर चढ़ रहा था इसलिए तो उसके मुंह से भी पेशाब साड़ी उठाना यह सब जैसी बातें निकल रही थी।)

सच बताऊं तो कोमल में वहां कुछ करने नहीं गया था लेकिन मेरी आंखों ने जो देखा मुझसे रहा नहीं गया अब तुम ही बताओ जब इतनी खूबसूरत औरत अपनी साड़ी उठाकर अपनी मदमस्त बड़ी बड़ी गांड दिखाती हो तो भला कौन अपने आपको संभाल पाएगा,,,।
( शुभम कोमल को उकसाने के उद्देश्य से ऐसी बातें कर रहा था और इस बातों का कोमल पर असर भी हो रहा था गुस्सा के साथ-साथ उसे शुभम की यह बातें ना जाने क्यों अच्छी लगने लगी थी यह उम्र का ही दोष था,, तभी तो कोमल बातचीत को और ज्यादा बढ़ा रही थी वरना वह इस बारे में कुछ बोलती ही नहीं,,,। लेकिन वह बातों का दौर बढ़ाते जा रही थी इसलिए वह शुभम की बात सुनकर बोली,,,,।)

तुम अपने आपको रोक सकते थे शुभम एक औरत अगर साड़ी उठाकर पेशाब करने की तैयारी करती है तो इसमें कोई बड़ी बात नहीं हो जाती कि तुम से रहा नहीं जा रहा हो,,, तुम वहां से जा सकते थे अपनी नजरें हटा सकते थे लेकिन तुमने ऐसा नहीं किया क्योंकि तुम पूरी तरह से वासना से लिप्त हो चुके हो,,,, इसलिए तुम्हें औरत मैं सिर्फ अपना ही फायदा नजर आता है।
( शुभम बड़े आराम से कोमल की बातों को सुन रहा था लेकिन उसकी बातों का बिल्कुल भी बुरा नहीं मान रहा था क्योंकि वह जानता था कि कोमल अभी,,, नादान तो नहीं लेकिन फिर भी कुछ नहीं जानती उसे क्या मालूम की औरतों की हर एक लाछणिक अदाएं मर्दों के लंड पर ही वार करती हैं,,, उसे क्या पता कि औरतों का हल्का सा मुस्कुरा देने से भी लंड करवट बदलनेे लगता है,,,,। शुभम कुछ बोल नहीं रहा था बस मुस्कुराते हुए कोमल की बातों को सुन रहा था और, बाइक के शीशे में उतर खूबसूरत चेहरा देखकर मन ही मन प्रसन्नता के साथ साथ उत्तेजित हुअा जा रहा था। मोटरसाइकिल के शीशे में उसे साफ साफ नजर आ रहा था,, कोमल बार बार हवा से उड़ रही अपनी जुल्फों को संभाल रही थी और साथ ही अपने दुपट्टे को भी,,,, कोमल की यह अदा बेहद खूबसूरत लग रही थी। शुभम कोमल की मदहोश कर देने वाली जवानी की खुशबू में पूरी तरह से मदहोश हो चुका था। कोमल बोले जा रही थी और वहं बस सुने जा रहा था,,, सफर बड़ी मस्ती से कट रहा था। मौसम बड़ा सुहावना होता जा रहा था ऐसा लग रहा था कि कभी भी बारिश गिरने लगेगी और शुभम को बारिश का इंतजार था वह तो मन ही मन भगवान से मना रहा था कि बारिश हो जाए तभी शुभम कोमल की बात पर गौर करते हुए बोला,,,,।)


Messages In This Thread
RE: Sex kahani अधूरी हसरतें - by sexstories - 04-02-2020, 05:01 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,549,034 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 549,786 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,252,689 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 947,212 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,682,059 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,104,194 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,991,120 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,187,651 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,080,798 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 289,537 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 7 Guest(s)