RE: Sex kahani अधूरी हसरतें
सीईईीईईीई,,,,,, शुभम प्लीज ऐसा मत कर तेरे पापा आ गए तो हम दोनों का जीना दुश्वार हो जाएगा,,,,,
कुछ नहीं होगा मम्मी बस तुम ऐसे ही खड़ी रहो,,,,,( इतना कहकर शुभम जोर-जोर से अपनी मां की चुचियों को दबाने लगा उसका लंड पेंट मे पूरी तरह से खड़ा हो चुका था जो कि उसकी गांड के बीच की दरार में साड़ी सही धंसता चला जा रहा था,,,। अपने बेटे के लंड का कड़तपन निर्मला को अपनी भारी भरकम गांड पर साफ तौर पर महसूस हो रहा था जिसकी वजह से उसके तन बदन में कामाग्नि पूरी तरह से भड़कने लगी थी,,,,, शुभम अपनी मां की प्यास को और ज्यादा बढ़ाने के लिए हल्के हल्के अपनी कमर को आगे पीछे कर के एैसा हरकत करने लगा कि मानो वह उस की चुदाई कर रहा हो,, ऐसी हरकत की बदौलत निर्मला के भी सब्र का बांध टूटता नजर आ रहा था,,,, कढ़ाई में डाला हुआ तेल पूरी तरह से गर्म होकर छन छना रहा था,,, बिल्कुल निर्मला की जवानी की करा निर्मला की मदहोश कर देने वाली जवानी भी इसी तरह से तड़पते हुए छनछना रही थी,,,, शुभम जोर जोर से अपनी मां की चुचियों को दबा दबा कर एकदम टमाटर की तरह लाल कर दिया था,,,। निर्मला के मुंह से बार-बार गर्म सिसकारी छूट जा रही थी जिसे वह दबाने की पूरी कोशिश कर रही थी क्योंकि वह जानती थी कि घर में उसका पति अशोक है अगर उसके कानों में इस सिसकारी की आवाज चली गई तो घर में भूचाल आ जाएगा,,,। शुभम चाहता तो बता सकता था कि उसके पापा दवाई खाकर कमरे में आराम कर रहे हो खाना खाने भी नीचे नहीं आएंगे,,,,, लेकिन यह बात वह अपनी मां से छिपा रहा था वह देखना चाहता था कि उसकी मां चुदवाने के लिए किस हद तक जा सकती हैं,,,, निर्मला बार-बार उसे रोकने की कोशिश कर रही थी लेकिन शुभम कहां मानने वाला था उसे वैसे भी स्कुल जाते समय शीतल ने उसकी आग को और ज्यादा भड़का दी थी,,, उसका मन तो उसी समय बुऱ के लिए तड़प रहा था अगर शीतल जरा सा भी मौका देती तो उसी समय वह शीतल को चोदने का सुख भोग लेता,,,,,,, वह बार-बार अपनी कमर को आगे पीछे करते हुए अपने लंड को साड़ी सहीत गांड की दरार में घुसेड़ दे रहा था,,,, और अपने बेटे की ईसी हरकत पर निर्मला की बुर पानी पानी हुए जा रही थी,,, तभी शुभम अपनी मां की बड़ी बड़ी चूची को दबाते दबाते एक हाथ नीचे की तरफ ले जा कर के साड़ी के ऊपर से ही बुर को मसलना शुरू कर दिया,,,
आहहहहहहहह,,,, बेटा यह क्या कर रहा है तू तुझे जरा सा भी डर नहीं लग रहा है तेरे पापा आ गए तो गजब हो जाएगा तू ऐसा मत कर, कल मैं जरूर तुझे अपनी बुर का स्वाद चखाऊंगी लेकिन इस समय जाने दे,,,,
नहीं मम्मी मैं किसी से भी नहीं डरता मुझे तुम्हारी बुर चाहिए और अभी चाहिए देख नहीं रही हो मेरा लंड कितना तड़प रहा है तुम्हारी बुर मे जाने के लिए,,,,
निर्मला अजीब से हालात में फंसी हुई थी एक तो उसे अपने पति का डर भी लग रहा था और उसे अपने बेटे की हरकत की वजह से मजा भी आ रहा था ।वह खुद अपने बेटे से चुद़ना चाहती थी लेकिन उसे समझ में नहीं आ रहा था कि अभी रहने दे या अभी इसी समय करवा ले,,,, इसी उधेड़बुन में वह लगी हुई थी और अपने बदन की प्यास बुझाने के लिए अपने बेटे की बात ना मानने के लिए तैयार भी नहीं थी और अपने बेटे की बात सुनकर उसका तन बदन चुदवाने के लिए तड़प उठा और एक बार फिर से वह अपने हाथ को पीछे की तरफ ले जाकर के,,, अपने बेटे के खड़े लंड का जायजा लेते हुए उसे पेंट के ऊपर से ही दबाने लगी,,,, इस बार जैसे ही वह पैंट के ऊपर से अपने बेटे के लंड को दबाईं इसकी मोटाई और गर्माहट अपने हथेली में महसूस करके उसकी बूर एकदम से फुदकने लगी,,,, उसकी बुर से जरा भी सब्र नहीं हुआ और उसकी बुर में मदन रस की बुंदे टपकाना शुरू कर दी,,,, निर्मला एकदम से तड़प उठी और उसने कस के अपने बेटे के लंड को दबा दी,,,, शुभम एकदम पागल हुआ जा रहा था उसके पापा की मौजूदगी में वह आज अपनी मां को चोदने का सुख भोगना चाहता था,,,, इसलिए वह धीरे धीरे अपनी मां की साड़ी को ऊपर की तरफ ऊठाने लगा,,, निर्मला उसका हाथ पकड़ कर उसे रोकने की कोशिश करने लगी लेकिन शुभम जबरदस्ती साड़ी को ऊपर कमर तक उठा दिया और जैसे ही कमर तक गाड़ी आई निर्मला की नंगी गांड शुभम की आंखों के सामने अपना गोरापन लिए चमकने लगी शुभम की आंखों में भी अपनी मां की नंगी गांड देखकर एकदम से चमक आ गई क्योंकि उसकी मां ने पेंटी नहीं पहनी थी और शुभम ऐसा नजारा देखकर एकदम से मदहोश हो गया और गांड के दोनों फंकों पर एक-एक चपत जड़ते हुए बोला,,,,
ओहहहहहह,,,,, मम्मी मेरी जान पहले से ही चुदवाने के लिए तैयार हो तभी तो पेंटी निकाल कर रखी हो,,,, सच-सच बताना (इतना कहते हुए वह फिर से जोर से अपनी मां की नंगी गांड पर चपत लगा दिया और निर्मला के मुंह से आह निकल गई,,,) मेरा मोटा लंड अपनी बुर में डलवाने के लिए तड़प रही हो ना,,,,( इतना कहने के साथ ही वह अपनी मां की बड़ी बड़ी गांड को दोनों हथेली में भर भर कर दबाने लगा,,,, अपने बेटे की इस तरह की हरकत से निर्मला एकदम मदहोश होने लगी,,,, उसे मजा आ रहा था और वह गर्म सरकारी लेते हुए बोली,,
ससससहहहहह,,,, शुभम मैं तुझसे झूठ नहीं बोलूंगी सच बताऊं तो जो तू कह रहा है वह एकदम सच है,,, मैं तेरे लंड के लिए तड़प रही हुं,,, जब से स्कूल से लौटी हूं तब से मैं तुझसे चुदवाने के फिराक में हूं इसीलिए आते ही अपनी पेंटी को निकाल फेंकी थी। लेकिन तेरे पापा आकर मेरा सारा मूड खराब कर दिए,,,,
( शुभम समझ गया कि उसकी मम्मी बहुत प्यासी है,,, वह उसका लंड लेने के लिए तड़प रही है,, अगर वह इस समय अपनी मां को चोदकर ऊसकी प्यास नहीं बुझाएगा तो रात भर भर प्यासी रहकर तड़पती रह जाएगी,,,, इसलिए वह एक हांथ अपनी मम्मी की बुर पर रखकर से मसलते हुए बोला,,,
मम्मी तुम सच-सच बताना इस समय तुम मुझसे चुदवाना चाहती हो कि नहीं,,,
( अपने बेटे के मुंह से यह सवाल सुनकर वह थोड़ा परेशान हो गई क्योंकि सच में वह अपने बेटे से चुदवाना चाहती थी लेकिन उसे अपने पति की हाजरी से डर लग रहा था,,,। फिर भी वह अपने बेटे से बोली)
हां,,, लेकिन कैसे तेरे पापा घर पर है,,,,,
बस तुम चिंता मत करो मैं सब संभाल लूंगा मैं अभी इसी समय किचन में तुम्हें चोदूंगा,,,, सच बताऊं तो मैं भी तुम्हें चोदने के लिए एकदम से तड़प रहा हूं अगर इस इस समय तुम्हें नहीं चोदा तोमुझे हाथ हिला कर ही काम,,,, चलाना पड़ेगा,,,
लेकिन तेरे पापा,,,,( निर्मला आशंका जताते हुए बोली लेकिन वह अपनी बात पूरी कर पाती इससे पहले ही शुभम अपने पेंट की बटन खोलकर अपनी पेंट को अंडरवियर सहित जांघो तक सरका दिया,,,, जैसे ही उसने अपनी पैंट उतारा, उसका लंबा बड़ा मोटा लंड देखकर निर्मला की बुर से पानी फेंकने लगा,, वह उसके लंड को लेने के लिए तड़प उठी,,, उसके सब्र का बांध बिल्कुल टूट चुका था वह भी कुछ समय के लिए एकदम से भूल गए कि उसका पति घर में मौजूद है और अपनी पत्नी की मौजूदगी के बावजूद भी वह अपने बेटे से चुदने के लिए पूरी तरह से तैयार हो गई,,,, शुभम भी बिल्कुल देर नहीं करना चाहता था उसके हकदार अपने पापा का बिल्कुल भी नहीं था बल्कि उसे अपने ऊपर सब्र नहीं हो रहा था,,, वह जल्दी से अपनी मां को पकड़कर नीचे की तरफ झुका दिया और उसे झुकाकर एकदम घोड़ी बना दिया,,, उसकी मां अपने बेटे के लंड को अपनी बुर के अंदर लेने के लिए ललच रही थी,,,, शुभम भी जल्दी से अपने खड़े लंड को पकड़कर अपनी मां की बुर के मुहाने पर सटा दिया,,, निर्मला अपनी बुर के ऊपर अपने बेटे के गरम लंड का सुपाड़ा महसूस करते ही एक दम से तड़प उठी,,,, तभी शुभम हल्के से अपनी कमर को आगे की तरफ झटका दिया,,, निर्मला की बुर पहले से ही पानी पानी हो चुकी थी इसलिए पहली बार में ही लंड सटाक से बुर के अंदर समा गया,,, आधा लंड निर्मला की बुर में था,,, और शुभम ने फिर से एक जोरदार झटका मारा और पूरा लंड उसकी मां की बुर में समा गया,,, निर्मला के मुंह से चीख निकलते निकलते रह गई,,, शुभम पूरी तरह से जोश में भरा हुआ था और वह तुरंत अपनी कमर को आगे पीछे करते हुए अपनी मां को चोदना शुरू कर दिया,,,, निर्मला भी मस्त होकर अपने बेटे के लंड से चुदने का मजा लेने लगी,,,, पूरा रसोईघर गर्म सिसकारीयो से गुजने लगा,,, किचन का दरवाजा खुला हुआ था लेकिन फिर भी दोनों में से किसी को भी इस बात की बिल्कुल भी फिक्र नहीं थी शुभम अपनी मां को जोर-जोर से चोदे जा रहा था,,, निर्मला भी उसका पूरा साथ देते हुए जोर-जोर से अपने गांव को पीछे की तरफ ठेल दे रही थी,,, करीब आधे घंटे के बाद शुभम के लंड से जोरदार पिचकारी निकली जोकि निर्मला की बुर को पूरी तरह से भिगो दी, साथ में निर्मला भी झढ़ गई,,,
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