Sex kahani अधूरी हसरतें
03-31-2020, 03:42 PM,
#82
RE: Sex kahani अधूरी हसरतें
नहीं तू बिल्कुल झूठ बोल रहा है।( निर्मला अच्छी तरह से जानती थी कि उसका बेटा इस तरह से बताने वाला नहीं है उसके लिए उसे अपना जलवा दिखाना होगा इसलिए उसने अपने कंधे से साड़ी के पल्लू को नीचे गिरा दी जिससे एक बार फिर से उस की जवानी की दुकान का शटर खुल चुका था। शुभम की नजर जैसे ही अपनी मां के बड़े-बड़े खरबुजो पर गई वैसे ही तुरंत सुभम की जवानी चिकोटी काटने लगी,,,,,
ब्लाउज मे कैद अपनी मां की बड़ी-बड़ी चूचियों को देख कर उसका लंड हीचकोले खाने लगा,,,, निर्मला अपने बेटे की हालत को देखकर जान गई कि उसकी चूचियों का जादू उसके ऊपर चलने लगा है इसलिए फिर से बोली,,,,)

बोलना शुभम तू क्या कह रहा था,,,,

मम्मी मै यहीं कह रहा था कि क्या हम फिर से वही कर पाएंगे,,,,( अपनी मां की चुचियों की तरफ मंत्रमुग्ध से देखते हुए)

क्या वही कर पाएंगे थोड़ा खुल कर बोलना शर्मा क्यों रहा है इतना कहते हुए निर्मला अपनी दोनों हथेलियों को अपनी चूची पर रखकर हल्के से दबाने लगी,,,, यह देख कर पजामे के अंदर शुभम का लंड गदर मचाने लगा। और वह बोला।)

मम्मी वही जो अभी तक करते आ रहे हैं,,,,,

निर्मला अपने बेटे के मुंह से गंदी बातें सुनना चाहती थी जो कि सभी लड़के आपस में किया करते थे लेकिन शर्म के मारे वह अभी भी अपने मुंह से गंदे शब्द नहीं निकाल पा रहा था। इसलिए वह थोड़ा झुंझला रही थी और फिर से बोली,,,,।)



क्या यार शुभम तू अभी भी इतना शर्मा रहा है मुझे तो यकीन नहीं हो रहा है कि बिस्तर में जो अपना दमखम दिखाता है वह तू ही है,,,, अच्छा एक बात बता तेरी कोई गर्लफ्रेंड तो है नहीं ना,,,,, तो एक काम कर मैं तुझे कैसी लगती हूं,,,,( अपने चेहरे पर हल्के से ऊंगलिया फेरते हुए,,,,),,,, अब तो बोल मैं तुझे कैसी लगती हूं,,,,,


तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो,,,,,,( शुभम फिर से शर्माते हुए बोला लेकिन शुभम की यह बात सुनकर निर्मला खुश हो गई,,,)

अच्छा यह बता सोच अगर मैं तेरी मम्मी ना होती और तेरे पड़ोस में रहती तो क्या तू आते जाते मुझे देखता,,,,,,
( अपनी मां की यह बात सुनकर बस थोड़ा सा सोचने लगा अब से सोचता होगा देखकर निर्मला बोली,,,,,)

देख तू ज्यादा सोच मत तो कुछ पल के लिए एकदम से भूल जा कि मैं तेरी मम्मी हूं तू मेरा बेटा,,,,, बस इतना ख्याल रखती तू एक जवान लड़का है और मैं एक औरत हूं और लड़के खूबसूरत औरत को किस नजर से देखते हैं तुझे यही बताना है। अब बता क्या तू मुझे आते जाते घूरता रहता,,,,,

( शुभम को आज उसकी मां का अंदाज कुछ ज्यादा ही बोल्ड लग रहा था लेकिन शुभम को अपनी मां के इस अंदाज से बेहद उत्तेजना का अनुभव हो रहा था जिसकी वजह से उसका लंड पजामें मैं खड़ा हो गया था,,,,, वह समझ गया था कि उसकी मां पूरी तरह से खुल चुकी है और मजा लेने के लिए खुलना भी है बेहद जरूरी है। इसलिए वह बोला।)

हां मम्मी में जरूर तुम्हें आते जाते देखता रहता,,,

हां यह हुई ना कोई बात इस तरह से जवाब दिया कर तो हम दोनों को भी मजा आएगा। अच्छा यह बता क्या देखता क्या तू मेरे चूचिया देखता( दोनों हथेलियों को चूचियों पर रखकर घुमाते हुए) या मेरी मस्त गांड देखता,,,, या फिर मेरी गोरी गोरी कमर को देखता,,,,,

मम्मी मैं तुम्हारे पूरे बदन को देखता, तुम्हारी मदहोश कर देने वाली चु्चियां मटकती हुई गांड,,, गोरी गोरी चिकनी कमर सब कुछ तो है देखने लायक,,,,,

वाहहह,,, बेटा यह हुई ना कोई बात ऐसी जवाब दिया कर,,,,,
अच्छा हम अब अपनी बात पर आते हैं,,,,,

मम्मी कहीं नानी जग ना जाए,,,,,,


अरे इतनी जल्दी नहीं चलेंगी इतनी दूर की यात्रा करके आ रही है थक गई होंगी अभी तो चैन की नींद सोएंगी,,, हां लेकिन हम दोनों का जीना हराम कर दि हैं। इतना अच्छा मौका मिला था सब हाथ से जाता रहा,,,, अच्छा तू मुझसे पूछ रहा था ना कि अब कब कर पाएंगे तो जरा खुल कर बोल,,,

अरे मम्मी तुम तो एक ही बात पर अटकी हुई हो जानती तो हो तुम कि मैं क्या बोलना चाहता हूं।

हां तो यही बात अपने मुंह से बोल दे,,,,

अब मै तुम्हे कब चोद पाऊंगा,,,,,, ( शुभम नजरे नीचे झुका कर बोला,,,, ऊसकी यह बात सुनते ही निर्मला खुश हो गई,,,, और झट से उसे अपने सीने से लगा ली,,,, सीने से लगाते हुए बोली।)

यह हुई ना कोई बात,,,, अब तु पूरा मर्द बन चुका है। ( निर्मला और जोर से अपने सीने से लगा ली शुभम की तो हालत खराब होने लगी अपनी मा की नरम नरम चूची पर अपना चेहरा स्पर्श होते ही उसका लंड पूरी ताकत के साथ खड़ा हो गया।शुभम को बहोत अच्छा लग रहा था। शुभम उत्तेजना बस अपनी मां की चुचियों को पकड़ने ही जा रहा था कि तभी निर्मला उत्साहित होकर उसे अपने बदन से दूर करते हुए और उसके चेहरे को अपनी हथेलियों में भरकर उसकी आंखों में आंखें डाल कर बोली,,,

शुभम,,,, शुभम तू नहीं जानता कि मैं कितनी खुश हूं,,,,,,,, आई लव यू शुभम,,,,,,, आई लव यू,,,,,,,,,,( शुभम तो आश्चर्य से अपनी मां को देखता ही रह गया तो समझ में नहीं आ रहा था कि उसकी मां ऐसा क्यों कह रही है।) मैं जानती हूं शुभम कि तू क्या सोच रहा है लेकिन तू शायद मैं नहीं जानता कि मैंने अब तक की जिंदगी किस तरह से दुखो में गुजारी है,,,,, तेरे पापा से तो मुझे अब कोई भी उम्मीद नहीं है एक तरह से उन्होंने मेरी जिंदगी को मेरी जवानी को बर्बाद कर दिया है जिस प्यार के लिए मैं तड़पती रही सिसकती रही इस चाहत के लिए मैं इतनी बरसों से तेरे पापा का इंतजार करती रही उनके मुंह से चंद लफ़्ज़ सुनने को तरसती रही,,,,,, लेकिन यह तड़प यह शीसक,,,, तेरे पापा के कानों तक और ना ही उनके दिल तक सुनाई दी,,,,, तुझे देखती हूं तो मेरी सारी उम्मीदें मेरे सारे सपने फिर से मुझे नई जिंदगी देने के लिए बाहें फैलाए नजर आती है,,,,, शुभम कुछ दिनों में मैं तेरे बारे में इतना सोचने लगी हूं कि ऐसा लग रहा है कि मुझे तुझसे प्यार हो गया है,,,,, तेरे में मुझे एक प्रेमी नजर आता है मैं तुझे अपना प्रेमी बनाना चाहती हूं,,,,,,( निर्मला इतना कहते-कहते बेहद गंभीर मुद्रा में नजर आने लगी शुभम तो अभी भी आश्चर्य में था।) शुभम मैं तुझे अपना बेटा नहीं बल्कि तुझे अपना प्रेमी अपना सब कुछ बनाना चाहती हूं तेरे लिए मैं अपने दिल के सारे दरवाजे खोल चुकीे हूं। तू मेरे साथ कभी भी कुछ भी कर सकता है मेरे दिल के साथ साथ मेरे बिस्तर पर भी तेरा ही हक है। शुभम,,,,,,,( शुभम की दोनों हथेलियों को अपनी हथेली में भरते हुए) मैं पूरी तरह से तेरी हो चुकी हूं मैं तेरी प्रेमिका बनने के लिए तैयार हूं। क्या तुम मुझे अपनी प्रेमिका बनाएगा क्या तुम मेरा प्रेमी बनेगा शुभम मेरी उम्मीद को ठुकरा मत देना,,,, मैं नहीं चाहती कि हम कि हम दोनों का यह नया रिश्ता वासना की बुनियाद पर टिका हो,,,,,,, मैं चाहती हूं कि अपना नया रिश्ता दिल से जुड़ा हो ना कि सिर्फ बिस्तर से,,,,, बोल शुभम तू खामोश क्यों है। क्या तुम मुझे प्यार नहीं करता,,,,( शुभम तो अपनी मां की बात सुनकर आश्चर्य से आंखें फाडे़ देखे जा रहा था उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर उसकी मां यह सब बातें क्यों कर रही है,,,,, अपनी मां के ईस तरह से दबाव देते हुए पूछे जाने पर उसके मुंह से मम्मी निकल गया,,,,।)

मम्मी,,,,,,

बेटा यह सब तू भूल जा कि मैं तेरी मम्मी हूं तु मेरा बेटा है यह तो हम दोनों दुनिया के लिए,,,, बस अब यह ध्यान रख मैं तेरी प्रेमिका हूं और तु मेरा प्रेमी,,,,, बोल शुभम क्या चाहता हे,,, क्या तु मुझे बस चोदने के लिए ही रिश्ता रखना चाहता है या मुझे प्यार भी करता है बोलना मुझे बनाएगा अपनी प्रेमिका,,,,,, ( शुभम धीरे धीरे अपनी मां की बातों को समझ रहा था वह जानता था कि उसके पापा उसकी मां को प्यार नहीं दे पाते और वह प्यार के लिए तरस रही है,,,,, और जिस तरह से उसकी मां नजदीक आते हुए उसका हाथ पकड़े हुए थी,,, शुभम की उत्तेजना बढ़ती जा रही है उससे रहा नहीं जा रहा था,,,, वैसे भी तो दिल से जुड़ा रिश्ता और वह भी औरत और मर्द का आखिरकार बिस्तर पर ही जाकर सिमट जाता है इसलिए शुभम को ऐसे रिश्ते से कोई भी एतराज नहीं था और वैसे भी कौन नहीं चाहता कि निर्मला जैसी गर्लफ्रेंड हो भले ही वह एक औरत ही क्यों ना हो लेकिन निर्मला एक ऐसी औरत थी जोकी खूबसूरती और,,, सेक्सी तुमने किसी भी अल्हड़ मस्त जवानी से भरपूर लड़कियों को भी,,,, पछाड़ दे,,,,,ईसलिए शुभम को भी कोई ऐतराज नहीं था,, वह पूरी तरह से उत्तेजित हो चुका था उत्तेजना उसके सर पर सवार हो चुकी थी एक बेहद खूबसूरत मदमस्त जवानी से भरपूर औरत को अपनी इतनी नजदीक पाकर वह एकदम से जोश में आ गया और अपना हाथ खड़ा कर वजह से अपनी मां के चेहरे को अपनी हथेलियों में भर कर बोला,,,,,,,

आई लव यू,,,,,, आई लव यू निर्मला,,,,, आई लव यू मैं तुम्हें अपनी प्रेमिका बनाने के लिए तैयार है और आज से तुम मेरी प्रेमिका,,,,,,( और इतना कहने के साथ ही अपने होठ को अपनी मां के गुलाबी होठों से सटा दिया,,,, और पागलों की तरह अपनी मां के होंठ को चूसना शुरू कर दिया कुछ ही देर में निर्मला भी उसका साथ देते हुए पागलों की तरह उसे अपनी बाहों में भरकर जीभ से जीभ चाटने लगी,,, दोनो को बेहद मजा आ रहा था उनके प्यार की शुरुआत का यह पहला चुंबन था जिसका दोनों बड़े आनंदित होकर के आनंद ले रहे थे। शुभम तो पहले से ही उत्तेजित अवस्था में था और अपनी मां के होटो को चुमता हुआ पागल होने लगा,, उससे रहा नहीं गया तो वह धीरे धीरे अपनी मां की साड़ी को ऊपर की तरफ सरकाने लगा,,,, निर्मला भी मदहोश होने लगी थी लेकिन दोनों आगे बढ़ने के बारे में सोचते कि तभी कमरे से निर्मला की मां की आवाज आई,,,,

अरे बेटी सुन तो कहां गई,,,,,,


Messages In This Thread
RE: Sex kahani अधूरी हसरतें - by sexstories - 03-31-2020, 03:42 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,549,134 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 549,799 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,252,727 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 947,253 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,682,102 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,104,228 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,991,235 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,187,960 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,080,956 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 289,548 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 13 Guest(s)