RE: kaamvasna साँझा बिस्तर साँझा बीबियाँ
कुमुद ने रानी से अलग होते हुए हल्का सा मुस्कुराकर बोली, "तो फिर अपनी शर्म को छोडो और चलो अब अपने पतियों का दुःख निवारण करते है।" यह कह कर कुमुद वापस अपने पति की बाँहों में पहुँच गयी और कमल के होँठों से अपने होँठ मिलाकर प्रगाढ़ चुम्बन करने में जुट गयी।
कमल ने पूछा, "रानी के साथ क्या फुसफुसाहट हो रही थी? रानी को क्या पाठ पढ़ा रही थी तुम? कहीं हमारे खिलाफ कोई साज़िश तो नहीं रच रही थी तुम दोनों?"
कुमुद ने कहा, "हम बेचारी क्या साज़िश रचेंगी? हम तो तुम्हारी सेविकाएं हैं। बल्कि मैं तो उसे यह कह रही थी की हमें हमारे पति की हर इच्छा, चाहे जो भी हो, पूरी करनी है।"
कमल ने कहा, "अच्छा? यह तो बड़ी समझदारी की बात कही तुमने।"
कमल ने फुर्ती से कुमुद को अपनी बाँहों में लिया और उसके होठोँ से अपने होँठ चिपका कर एक बार फिर उसे चुम्बन करने लगा। कमल का एक हाथ उसकी बीबी की चूँचियों को मसल ने में लगा था तो दूसरे हाथ से अचानक ही कमल ने अपनी बीबी कुमुद के गाउन के बटन खोलने शुरू किये। कुमुद ने अपने पति को जब रोकना चाहा तो कमल ने कुमुद के कानों में बोलकर यह याद दिलाया की उस रात के लिए कुमुद ने वचन दिया था की कुमुद कमल को कुछ भी करने से नहीं रोकेगी।
यह सुन कर कुमुद ने अपने पति कमल से कहा, "ठीक है, मैं तुम्हें नहीं रोकूंगी, पर पहले चद्दर तो ओढ़ लेते हैं।" यह कह कर कुमुद ने एक चद्दर खिंच कर अपने और अपने पति पर डाल दी।
राज और रानी हक्काबक्का होकर कमल और कुमुद की चद्दर के निचे की हरकतें देखे रहे। राज ने देखा की कमल अपनी बीबी कुमुद की चूँचियों को चद्दर के निचे से अनावरण करने में लगा हुआ था। राज की उत्सुकता बढ़ गयी। उसने कभी कुमुद के उन्नत उरोजों को खुल्ले नहीं देखा था।
कमल ने देखा की राज उसकी और टकटकी लगाए देख रहा था और कुमुद के स्तनों को निर्वस्त्र होने का इंतजार कर रहा था हालांकि राज के हाथ चद्दर के निचे उसकी बीबी रानी के गाउन के ऊपर रानी की चूँचियाँ मसलने में लगे हुए थे। कमल भी तो राज को प्रेरित कर रहा था की वह भी रानी के गाउन को खोले ताकि कमल को भी रानी के परिपक्व भरे हुए स्तनों को देखने का मौक़ा मिले।
दोनों पति प्यार तो अपनी बीबियों से कर रहे थे पर उनकी निगाहें दूसरे की बीबी पर थी। जब राज ने सुना की कमल अपनी बीबी कुमुद के गाउन के बटन खोलने की जिद कर रहा था और कुमुद उसको रोक रही थी, तब बार बार कमल वही बात दुहरा रहा था की कुमुद ने कमल को वचन दिया था की वह कमल को रोकेगी नहीं। कुमुद के पास उसका कोई जवाब नहीं था।
अब साफ़ दिख रहा था की कमल जबरदस्ती कुमुद के गाउन के पट आगे से खोलने में जुटा हुआ था। राज बड़ी बेसब्री से कुमुद के स्तनों के दर्शन करने की लालसा से कमल के कार्यालाप को बड़े ध्यान से देखने लगा। जैसे ही कमल ने अपनी बीबी कुमुद के गाउन के बटन खोले की कुमुद के स्तन अंदर से कूद कर फैलते हुए उसके गाउन के बाहर कूद पड़े। उसके साथ ही कुमुद चौंक पड़ी और इस आननफानन में कुमुद और कमल के ऊपर बिछाई चद्दर खिसक गयी और कुमुद के उद्दंड उरोज, राज को साफ़ साफ़ दिख गए। राज ने देखा की ऊपर से दबे होने के बावजूद कुमुद के दोनों स्तन फुले हुए और उद्दंड खड़े हुए, चॉकलेट रंग की छतरी जैसे एरोला के बिच फूली हुई निप्पलों का मुकुट पहने दो टीलों के समान प्रतीत हो रहे थे।
|