RE: Free Porn Kahani तस्वीर का रहस्य
उधर मिहिर ने अपनी ऊँगली के बीच फँसे प्रेरणा के बाल काट दिए, अब प्रेरणा के बूब्स का उभार दिखाई दे रहा था। मेरा हाथ अभी नैना की जाँघ पर नायलोन के बने पलाज़ो के अंदर की नाजुक त्वचा को महसूस कर रहे थे। ग़लती से ही सही पर मेरा हाथ नैना की जाँघो के काफी उपरी भाग पर लगा था, जहा से उसकी चुत ३-४ इंच से ज्यादा दूर नहीं थी। मेरा हाथ तो नैना की चुत की गर्मी को भी जैसे महसूस कर रहा था। प्रेरणा के दोनों बूब्स से बाल काटने के बाद मिहिर पीछे हट कर देख रहा था। मैं देख सकता था की प्रेरणा के मुम्मो के ऊपर उसके रोंगटे खड़े हो गए थे और उसकी त्वचा पर दाने उभर आये थे। प्रेरणा के बड़े साइज के मुम्मे उसके थोड़े से बालो से छूप नहीं पा रहे थे और उसके मुम्मे लगभग पुरे दीख रहे थे। गनीमत थी की उसके तीखे निप्पल छुपे थे पर निप्पल के ऊपर के बाल निप्पल की वजह से थोड़े ऊपर उठे हुए थे। मिहिर ने अब जाकर प्रेरणा के घुटनो पर एक हाथ रखा और दूसरा प्रेरणा के कुल्हो पर रखा ताकि सही पोजीशन में ला पाये।
एक पराये मर्द को अपनी बीबी के नंगे बदन पर हाथ लगाते देख मैंने अपनी हथेलिया बंद करने की कोशिश की। मगर जो हाथ नैना की जाँघ पर रखा था उस हाथ की उंगलियो ने नैना की जाँघ को दबा दिया। नैना भी मेरी हालत समझ गयी थी और उसने मेरा कन्धा थोड़ा जोर से दबा कर मुझे नार्मल करने की कोशिश की। नैना की मक्खन जैसी जाँघो को दबा कर मैं उसके मुम्मे दबाने वाली फीलंग ले रहा था। मिहिर ने थोड़ा पीछे हटने के बाद प्रेरणा के पॉज का जायजा लिया और फिर आगे बढ़कर प्रेरणा के हाथ को थोड़ा पीछे खिसकाय ताकि बूब्स का साइड से पूरा उभार दीखता रहे। फिर मिहिर ने प्रेरणा के आगे वाले बूब्स को नीचे से थोड़ा पकड़ा और मैं पूरा हिल गया और मेरा लंड मेरी पेंट में एकदम खड़ा हो गया। मेरा हाथ हिला और नैना की जाँघ पर थोड़ा और ऊपर खिसका।
अनजाने में यह होने से मेरा निषाना बिगाड़ गया और नैना की चुत की तरफ जाने की बजाय मेरा हाथ उसके कुल्हे की हडडी की तरफ चला गया और मैंने नैना के पलाज़्ज़ो के अंदर पहनी उसकी पेंटी को महसूस किया और मुझे करेंट सा लगा। नैना भी मेरी इस हरकत पर थोड़ा हिल गयी थी पर उसने भी सुकर मनाया होगा की मेरा हाथ उसकी चुत पर नहीं लगा था। मैं अभी भी उसकी तरफ नहीं देख रहा था। नैना ने अब मेरी उस कलाई को पकड़ लिया जो उसकी जाँघ के ऊपर थी। वो शायद अब मेरी हरकत को रोकने की कोहिश कर रही थी, पर मैंने अनजान बने रहना ठीक समझा। जितना नर्वस मैं था, उतनी ही नर्वस प्रेरणा भी थी । मेरे अलावा पहली बार किसी मर्द ने उसके मुम्मो को छुआ था और उसको इसकी उम्मीद नहीं थी।
प्रेरणा के हाथ पैर काँप रहे थे और मिहिर ने उसको रिलैक्स होने को बोला और चेहरे पर स्माइल लाने को बोला जो की अच्छी तस्वीर के लिए जरुरी था। प्रेरणा अपने चेहरे पर एक नकली मुस्कराहट लायी पर सबको पता चल रहा था की वो नर्वस हैं। मिहिर भी उसको वंही छोड़कर थोड़ा दूर हट गया। नैना ने मेरी कलाई पकड़ राखी थी पर अब मैं अपनी उंगलियो से उसके पलाज़्ज़ो को रगड कर अंदर पहनी पैंटी को भी कुरेद रहा था। नैना ने मेरा हाथ पकड़ कर उठा दिया और मैंने उसकी तरफ देख कर उसको सॉरी बोलै जैसे मुझे अब तक क्या हुआ पता ही नहीं था। प्रेरणा अब तक थोड़ी नार्मल हुई तो मिहिर फिर आगे बढा और प्रेरणा की जाँघ को पकड़ कर थोड़ा नीचे किया। मैं भी थोड़ा हिला पर नैना ने अपना हाथ जो मेरे कंधे पर था उसको मेरे पीठ पर राख फेरने लगी। प्रेरणा को मिहिर ने इस तरह घुमाया की अब प्रेरणा की नाभि जाँघो के पीछे से बाहर आ गयी थी और नाभि के नीचे का थोड़ा हिस्सा भी दिखने लगा था। हम तो थोड़ा दूर बैठे थे पर मिहिर तो प्रेरणा के पास ही खड़ा था, उसको तो प्रेरणा की चुत भी दीख ही गयी होगी। फिर मिहिर ने प्रेरणा के पैर को थोड़ा और नीचे खिसकाना चहा पर प्रेरणा का पैर बेँच से फिसल कर जमीन पर गिर गया। शायद प्रेरणा ने अपने बदन को चमकाने के लिए कोई लोशन या आयल इस्तेमाल किया था। मगर पैर फिसलने से प्रेरणा की चुत दीख गयी, जो एकदम सफाचट थी। प्रेरणा ने मुझे कहा था की वक़्त आने पर वो अपनी चुत के बाल साफ़ करेगी और आज शायद वो वक़्त आ गया था।
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