Maa Sex Kahani माँ को पाने की हसरत
12-09-2019, 02:38 PM,
RE: Maa Sex Kahani माँ को पाने की हसरत
अंजुम ने फिर भी परवाह नही की वो जानती थी वो पिया हुआ है..इसलिए उसने पूछा कि किसने तुझे ताड़ी पिलाई......आदम ज़ुबान से लड़खड़ा रहा था...उसने माँ को कस कर दूर धकेल दिया...और लड़खड़ाते हुए बिना कुछ कहे अपने कमरे में चला गया....

जब अंजुम अंदर आई तो उसने पाया कि ऑफीस के ही पसीनेदार कपड़ों में बेटा बिस्तर पे ढेर होके खर्राटे भर रहा था...अंजुम को उसकी ये हालत देखकर बेहद दुख हुआ...आज अगर उसकी बीमारी ने उसे तोड़ा ना होता ना मज़बूर किया होता...तो शायद आदम का यह हाल ना हुआ होता...ना ही वो किसी ग़लत संगति में पड़ता....ये सब किया धरा उस निशा का है...अपनी बहू को कोसते हुए अंजुम को जैसे उस पर तेज़ सख़्त गुस्सा आया...

अंजुम खुद पलंग के किनारे बैठी और उसने बेटे के जूतो को उतारा फिर मोजे को उसके बाद कॉलर में फँसे टाइ को ढीला करके उसकी गाँठ खोल कर उसे निकाला...अंजुम ने जाते जाते ए सी थोड़ा तेज़ कर दिया...ताकि वो आराम से सो सके...अंजुम ने काफ़ी निशा का इन्तिजार किया था पर वो इतनी हट स्वाभाव की हो जाएगी उसने सोचा नही था...ना ही सिर्फ़ वो घर पे ध्यान दे रही थी बल्कि अपने पति की भी उसे कोई परवाह नही थी...अंजुम ने पाया कि सिंक में झूठे बर्तन पड़े हुए है वो उन्हें मांझणे लगी...उसने अपने पति के लिए थाली भर खाना उसके पास लाके रखा और अपना कमर पकड़के बैठ गयी..

अंजुम का पति : अंजुम ये क्या तुम खाना नही खाओगी और बेटे को दिया

अंजुम : बिना खाए सो गया (पिताजी को अफ़सोस हुआ)

अंजुम : मैं थक चुकी हूँ आदम के पापा निशा को समझा समझाकर लगता है अपने चलते बेटे की ज़िंदगी जैसे खराब कर दी हो मैने

अंजुम का पति : सब ठीक हो जाएगा

अंजुम : मुझे नही लगता

अंजुम का पति और कह भी क्या सकता था? उसने खाना खाया और हाथ धोके जब वापिस लौटा तो पाया निशा आ चुकी थी....ससुर ने निशा से पूछा क्या बात है निशा? इतने देर से तुम कहाँ थी?.....निशा सकपकाई...तो इतने में अंजुम बाहर आई..उसे निशा पे तेज़ गुस्सा आया....

निशा : वो दरअसल

अंजुम : देखो निशा ये तुम्हारा ससुराल है तुम्हारा मायका नही जहाँ तुम अपनी मर्ज़ी से घर आओगी अगर कही जाना भी पड़ गया था तो कम से कम बता देती एक बार भी आदम को कॉल किया तुमने (निशा खामोश रही) जानती हो वक़्त क्या हुआ है? तुम्हें कोई फिकर भी है खुद की ना सही पर हमे तो तुम्हारी फिकर है ना

निशा को अंजुम ने खूब खड़ी खोती सुनाया...कि वो आजतक चुप रही और क्या लगा रखा है? घर पे उसका कोई ध्यान नही बेमतलब का डॅन्स क्लासस...बेटे ने छूट क्या दे दी? कि वो तो अपने मन की करने लगी.....आदम के पिता अपनी बीवी अंजुम को समझा रहे थे...लेकिन अंजुम का गुस्सा निशा के प्रति सिर्फ़ आदम के लिए था...उसकी बेबसी भरी हालत अंजुम से देखी ना जा रही थी...आज आदम के बदले रूप की ज़िम्मेदार कही ना कही निशा ही थी...

निशा सुबकने लगी तो अंजुम को उसका पति कमरे में ले गया.....अंजुम कमर पकड़े दर्द को पी रही थी...आज उसने दिन से ही खूब काम किया था...पति ने कहा भी कि कुछ खा ले...पर अंजुम ने मना कर दिया....फिर पति ने उसे लेटा दिया और उसके पाज़ामी की डोरी को नीचे खिसकाई उसकी कमर से लेके नितंबो के उपरी सिरे तक मलम लगाई जहाँ उसे दर्द उठता था.....कुछ ही पल में अंजुम सो गयी....आदम के पिता वैसे भी इतने सालो के रिश्ते के बावजूद भी रूचि नही रखते थे...इसलिए उन्होने बीवी की पीठ को कपड़े से ढका...और करवट बदले रज़ाई ओढ़ ली....

अगले दिन जब आदम की नींद टूटी तो माथे में उसे तेज़ दर्द लगा वो दर्द को पिए जब घर से बाहर लौटा तो माँ को बर्तन मान्झ्ता देखा...."माँ यह सब क्या है? निशा कहाँ है?"........

."वो अभी जागी है तू बता तू ठीक है देख आदम मुझसे ना छुपा कि कल तू पीके आया था"..........आदम चुपचाप हो गया..

आदम ने सोचा शायद माँ बिशल दा को कोसे इसलिए उसने कहा कि बस ऐसे ही मन किया तो मैने ताड़ी पी ली....माँ ने कहा की तू जानता है कितनी गंदी चीज़ होती है दस बोतल की शराब का उसमें नशा होता है...वो इसीलिए आदम को यहाँ रखना नही चाहती थी कि उसे पीने खाने की लत ना लग जाए...आदम ने कहा कि तू ये सब काम छोड़ दे

माँ : नही बेटा अगर मैं नही करूँगी तो कौन करेगा? निशा को कुछ मत कह मैने उसे कल वैसे ही बहुत कुछ कह डाला मुँह फुलाई हुई है

आदम : उसके मुँह फूलने की मुझे परवाह नही निस्सा निशा

माँ ने रोकना चाहा आदम को पर आदम रुका नही कमरे में गया तो निशा तौलिया बालों में बाँधी बाहर आई..."उठ गये आप?".......

."क्या मैं जान सकता हूँ? कि तुम किचन में होने की बजाय यहाँ क्या कर रही हो?"........

"बस सोचा की नहा लूँ"........

"वो सब तो ठीक है पहले माँ का हाथ बटाती माँ ने बताया तुम घर पे नही थी"........

."हां मैं कल डॅन्स क्लास्स्स से अपनी सहेली के यहाँ"

आदम : ये भी नही सोचा कि मैं घर आ क्यूँ नही रहा ये भी नही सोचा मेरे परिवार वाले मेरा इंतजार कर रहे होंगे बस अपने मन की चला ली क्यूँ? कौन सी सहेली नाम तो बताना
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