Maa Sex Kahani माँ को पाने की हसरत
12-09-2019, 12:52 PM,
#5
RE: Maa Sex Kahani माँ को पाने की हसरत
आदम ने फोन कट कर दिया....मूड बहुत खराब हो गया था...लेकिन चंपा ने दुबारा फोन नही किया....आदम कुर्सी पे पसरते हुए माँ की तस्वीर की तरफ देख रहा था....काश माँ तुम समझ पाती? तो ना इतना दूर अकेले रहता और ना परिवार से जुदा हो पाता...पर सच मुहब्बत सिर्फ़ नसीब वालो को मिलती है बदनसीब वालो को नही जो आदम खुद को समझता था..

उधर दिल्ली में आदम की माँ अंजुम अपनी सहेली हेमा के घर आई थी....उसने टाइट नीले रंग का सूट पहन रखा था ..थोड़ा ढका पोश पहनती थी इसलिए खुले गले वाली कमीज़ नही थी....थोड़ा इन्तिजार करने के बाद दरवाजा हेमा ने खोला वो जैसे हड़बड़ाई हुई सी थी....अंजुम को देखके उसने मुस्कुराया और उसका हाथ पकड़े अंदर ले आने लगी

अंजुम ने उसकी हालत का जायेज़ा ले लिया था...क्यूंकी ब्लाउस से उसके निपल सॉफ दिख रहे थे जल्दबाज़ी में 39 साइज़ की ब्रा भी पहनना भूल गयी थी...उसके पीछे का ब्लाउस का फीता लगभग खुला था..और आगे से उसकी दो तरबूज़ जैसे दूध ब्लाउस में जैसे दबे हुए से थे उसका क्लीवेज सॉफ दिख रहा था....अंजुम ने पीछे की ओर देखा तो टाय्लेट से आदमी बाहर आया...अंजुम को जानने में देरी ना लगी कि ये हेमा का बाय्फ्रेंड संजय था....जो कि उसके पति की गैर हाज़िरी में यहाँ आता था अपनी भूक मिटाने....हेमा अब भी हाँफ रही थी उसने अंजुम को बैठने को कहा....और उसी के सामने अपनी पेटिकोट का नाडा बाँधने लगी

संजय सकपकाया हुआ अंजुम को देखने लगा जो उसे घूर रही थी और शरम से आँखे इधर उधर करने लगी...."अर्रे अंजुम जी आप यहाँ पे अच्छा हेमा मैं चलता हूँ तुम लोग बात करो".......हेमा मुस्कुराइ संजय ने अंजुम के सामने ही हेमा के गर्दन से लेके उसके पीछे खुले गले तक अपना हाथ फिराया और बिना कुछ कहे पीछे से उसकी पेटिकोट में 2000 के दो नोट फँसा दिए...ये सारी हरकत अंजुम देख रही थी शरम से उसके गाल लाल थे पर चुप थी...संजय ने गंदी सी हसी हँसी...और अपने खुले बदन पे सफेद शर्ट डालता हुआ घर से निकल गया

हेमा : और बता ? कैसे आना हुआ? तू शाम को आती

अंजुम : अच्छा और रात को घर थकि हारी जाके खाना बनती..तेरी तरह आराम नही है मुझे

हेमा : मुझे किसका आराम? मेरी दोनो बेटियाँ आएँगी 8 बजे तक तब्तलक मैं चावल चढ़ा दूँगी सब्ज़िया काट दूँगी बाद में खाना वो बनाएँगी

अंजुम : तुझे पता भी है संजय के यूँ आने जाने से तेरी पोल क्सिी दिन तेरे दूसरे पति के आगे खुल सकती है ह्म सरदार जी नही है तभी गुलच्छर्रे उड़ा रही है कमीनी

हेमा : तो तुझे जलन क्यूँ होती है? क्या हम दोनो ने मिलके कयि आदमियो से चट्टिंग नही की और एक तो फोन पे तेरी आवाज़ का ही दीवाना हो गया था

अंजुम : वो बीता कल था तेरी मज़बूरी में मैने साथ दिया और तूने सबको मेरा ही नंबर दे दिया पता है बाद में चेंज करना पड़ा आदम के बाप को मालूम पड़ जाता

हेमा : अच्छा छोड़ जाने दे वो तो मज़बूरी थी भला जिसका पति अपनी पत्नी को दिन रात जलाता हो बातों से थप्पड़ और मारपीट से तो ऐसी औरत का क्या सुख बचता है? अगर सरदार आया ना होता ज़िंदगी में तो अब तक ग़रीबी की आह और विधवा होने के शाप ने मार ही डाला होता....वो तो चला गया दुनिया से मुझे ग़रीब बेसहारा छोड़कर लेकिन अच्छा ही हुआ उसके सितम से दूर तो हो गयी

अंजुम : पर ये जो तू कर रही है उसका क्या? पहले राकेश फिर भान और अब ये अर्रे कही बीमारी लग गयी ना तुझे? तेरे सरदार जी को मालूम पड़ा तो !

हेमा : छोड़ ना आजकल तो टाइम देता नही कहता है बिज़्नेस के सिलसिले में बिहार जाना पड़ जाता है अर्रे वो बिहार नही अपने इकलौते बंग्लो में किसी कुँवारी 25 साल की लौंडिया के साथ चुदाई करता है पैसे वाला जो है अय्याश इंसान बस मेरी मज़बूरी से उसकी आँख क्या भर गयी थी? कि मुझे बीवी का दर्ज़ा दे डाला

अंजुम मन ही मन बुदबुदाने लगी ह्म बीवी का दर्ज़ा या रखैल का....एरिया में तो वैसे ही हवा उड़ गयी की सरदार की रखैल है पहले कामवाली थी...जो घरो घर बर्तन मांजती थी आज 50 गज के दिए हुए आलीशान घर में रहती है....सरदार तो बेहया था...पहली बीवी जो सरदारनी थी जिसके साथ वो रहता था और दूसरी जिसे उसने काफ़ी दबाव और प्रेशर देने पे बीवी माना ज़रूर था पर उसकी अहमियत उसके दिए चार दीवारी घर में मोहताज उसकी टुकड़ो पे पलती एक रखैल सी थी..बेटियो का भी खर्चा वोई चलाता था...हालाँकि बेटियाँ अब जॉब करने लगी थी हेमा की

लेकिन हर कोई जो भी हेमा को जानता था उसके बारे में यही कहता था कि वो सरदार की रखैल है...सरदार से अफेर होने से पहले हेमा ने पैसो की मज़बूरी के लिए काफ़ी मर्दो से रिश्ता जोड़ा था....हालाँकि उसने अंजुम के किराए का मकान भी इस काम के लिए कितनी बार यूज़ भी किया....दोनो के जाने के बाद अंजुम को ही बाथरूम की सॉफ सफाई करनी पड़ती थी...पर हेमा उसके घर की कामवाली ही नही बल्कि उसकी एक अच्छी दोस्त भी बन गयी थी कभी भी कोई भी प्राब्लम होता तो हेमा बेझिझक उसकी हेल्प करती थी...पर पैसो की शौहरत पाते ही धीरे धीरे हेमा और उसकी दोस्ती फीकी पड़ने सी लगी थी...क्यूंकी अंजुम को उसकी पर्सनल लाइफ से कोई शिकायत नही थी पर वो अब दूरिया बनाना चाहती थी इस राज़ का भागीदार खुद आदम भी था जिसने हेमा और केयी अनगिनत मर्दो को उसके साथ बाथरूम में बंद होते देखा था...लेकिन माँ के डर से वो उस वक़्त वहाँ मज़ूद नही होता था बस छुप छुपके देखता था...और एक बार तो उसे बाथरूम में गाढ़ा पीला सा वीर्य भी दिखा था जिसे बाद में उसकी माँ ने ये कह कर उससे छुपाया कि शायद इजी का पाउच फर्श पे गिर गया होगा...पर बेटे की आँखो से कुछ ना छुपा और वो भी धीरे धीरे हेमा से क्लोज़ हो गया

आदम को कोई ऐतराज़ नही था कि उसकी माँ कैसी औरत के साथ उठती बैठती है या इधर उधर जाती है? उसे पूरा विश्वास था हेमा आंटी पे और अपनी माँ पे....कहीं ना कहीं ये सच भी था...

हेमा : उफ्फ अब बता क्या बात है? तेरा बेटा कैसा है? (हेमा ने अपने चेहरे को तौलिए से पोंछते हुए कहा)

अंजुम : क्या बताऊ? कितने महीने हो गये उसे गये हुए? आजकल कॉल भी नही करता (अंजुम उदास अपना दुख बाँट रही थी हेमा सुनते हुए अपने ब्लाउस के बटन लगा रही थी)

हेमा : ह्म्म्मथ बात तो है तुझे भूल गया है हाहाहा बीयर पिएगी

अंजुम : तू क्या सीरीयस नही है? और मुझे पीने को कह रही है मैं नही पीती तू ही पी (गुस्से भरे स्वर में)

हेमा : अर्रे तू तो गुस्सा हो गयी? चिल यार हाहाहा उसके लिए दुखी ना हो साला ठर्की हो गया था इसलिए अपनी प्यास भुजाने गया इस बात पे तो तू मुझपे भी नाराज़ नही हो सकती

अंजुम ने सर झुका लिया....उसे सच में इस बात का अहसास था

अंजुम : फिर भी बेटा है ना वो मेरा वैसे मुझे उस जगह से कोई दिक्कत नही है पर मुझे डर है कि कहीं अकेले में वो लड़कियो को घर में लेके ना आ जाए वहाँ की लड़किया पैसा एन्ठेन्गी और बीमारी दे जाएँगी कहीं कोठे पे ना जाने लगे नशा ना करने लगे

हेमा : काहे को तू इतनी फिकर कर रही है हेमा...ज़िंदगी जीने दे उसे बड़ा हो गया है कब तक अपने पल्लू में बाँध के रखेगी...

अंजुम : फिर भी माँ हूँ ना पति से तो कुछ मिला नही बेटे से आस लगाई थी लेकिन अब वो आस भी चली गयी उसके जाने के बाद मैं उसे कितना मिस कर रही हूँ...हम मा बेटे से ज़्यादा दोस्त जैसे थे....कभी भी रात गये बाज़ार जाने तक नही देता था कहता था माँ अकेले क्यूँ जा रही हो? माँ फोन साथ लेके जाओ? माँ मैं चलूं क्या? पर मैं ही उसकी आदतो की वजह से उसे अकेला घर में छोड़ जाती थी....

हेमा : ह्म उस दिन रंगे हाथो जो उसकी असलियत पकड़ी गयी थी हाहाहा कैसे पाजामे में अपनी छोटी सी नुन्नि को छुपाए उपर आ रहा था....और तूने उसके उभार को नोटीस कर लिया और मैने झट से जब उसका पाजामे का एलास्टिक पकड़ा..तो पाजामे पे हाथ रखते ही हाथ पे गीला गीला वीर्य लग गया था उसका
Reply


Messages In This Thread
RE: Maa Sex Kahani माँ को पाने की हसरत - by sexstories - 12-09-2019, 12:52 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,490,047 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 543,189 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,227,409 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 928,316 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,647,652 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,075,242 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,941,862 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,026,788 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,020,535 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 283,838 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 7 Guest(s)