RE: Maa Bete ki Sex Kahani मिस्टर & मिसेस पटेल
अपडेट 67
आज उनके मन में मेरे ऊपर जो बिस्वास और भरोसा की बिल्डिंग बनना सुरु हुआ,
में खुद अपने हाथों से उसमे एक एक ब्रिक जोड़के उसको और स्ट्रांग और ऊँचा बनाना चाहता हु.
हमारे रिश्ते को और मजबुत और मेहफ़ूज़ बनाना चाहता हु.
वह उनकी तरफ से गाँठ बांध लिया.
अब मेरा बारी है उसकी सही तरह से हिफाजत करके आगे बढाने की.
मेरा बहुत मन कर रहा है माँ को, मेरी बीवी को उसी भीगी अबस्था में देखने के लिये.
फिर भी में मन को शांत करने की कोशिश करके बाहर हॉल में अटैच्ड बाथरूम में चला.
बाज़ार से आते टाइम मुझे बहुत एक नंबर वाली प्रेशर आरही थी. अब फिर से वह प्रेशर आई तो में टॉयलेट में जाकर सुसु करने लगा.
मेरा पेनिस को एक हाथ से पकड़ के रखा था मुझे मेरा पेनिस बहुत गरम मेहसुस हुआ.
कुछ दिन से मेरा पेनिस हमेशा थोड़ा थोड़ा फुला हुआ रह रहा था.
और आज तो शाम से एक दम सख्त होकर रह रहा था. मुझे उसकी तरफ देखके माँ के भीगे चेहरे पे गाल के ऊपर भीगे ज़ुल्फ़ों और गोरे शोल्डर पे थोडे पानी की बुन्दे , साथ में टॉवल लपेटके स्तन के ऊपर पकड़के रखने वाली तस्वीर नज़र के सामने आ गई. और मेरा पेनिस अचानक मेरे हाथ के अंदर ही तेजी से फुलने लगा.
मैं बस और थोडे वक़्त के इंतज़ार के लिए मन को समझाकर बाहर आया.
टॉयलेट से बाहर कदम रखतेहि बैडरूम से मेरे मोबाइल की रिंगिंग आवाज़ सुनाई दि.
मैं परदे के पास जाकर माँ को पुछा
"मेरा मोबाइल रिंग हो रहा है"
मै सीधे तरीके से अंदर जाने के लिए न बोलकर ऐसे पुछा.
माँने अंदर से जवाब दिया
"आके उठा लीजिये"
मै अंदर जाते ही माँ को देखा. वह ड्रेसिंग टेबल की मिरर के सामने खड़ी होकर उनके बाल कँघी कर रही थी.
उनके बाल बहुत लम्बे भी है घने भी.
बाल को सामने की तरफ ले जाकर वह प्यार से कँघी कर रही है.
मिरर के थ्रू मेरे से नज़र मिलते वह मुझे स्माइल देकर नज़र झुकाके कँघी करते रहि.
वह एक लाल रंग की ब्लाउज और मेरून-येलो-गोल्डन रंग का एक साड़ी पहनी हुई है.
माँ को डीप कलर के कपडे में देख के और उनके नहाये हुये फ्रेश चेहरे को देख के मुझे एक नयी कोई लड़की जैसी लग रही थी.
लग नहीं रहा था की वह मेरी माँ है,
जिसको बचपन से मेरे पास देखते आरहा था. उनके गले में मंगल सूत्र और उनके मन की ख़ुशी के रंग से उंनका बदन पूरी तरह अलग लग रहा है.
मैं स्माइल करके जाकर मोबाइल लिया.
मेरा मकान मालिक है.
मैं सरप्रीईसड हो गया. बूढ़े ने आज तक कभी फ़ोन नहीं किया.
हमेशा में ही फ़ोन करता था. रेंट भी ऑनलाइन ट्रांसफर करके में बता देता था. और आज किसलिये फ़ोन कर रहा है.
इस चिंता के साथ में फ़ोन रिसीव किया
"हल्लो" उधार से आवाज़ आया
"बेटा तुम आगये" मैने बोल "हान जी”. आज ही आया" उनहोने कहा
"बहु भी आयी है न साथ में?
"मुझे अब समझ में आया.
उनको पता था में शादी करके बीवी को लेके आरहा हु.
मैंने बोल "हान जी वह भी आयी है" "अछछ..च्चा...बढिया है”.
“मेरी शुभ कामनायें है तुम लोगों के लिए बेटा,कुछ चीज़ का जरुरत है तो बता देना”. और पटेल साहब कैसे है”?
येह अंकल तो नानाजी का फैन बन गया एकदूम.
मैंने कहा."थैंक यू अंकल और नानाजी ठीक है."
"अच्छा अच्छा...वह आये तो मुझे मिलने के लिए जरूर कहना. चलो बेटा रखता हु, खुश रहो"
"जी अंकल"
बोलकर मेंने फ़ोन कट कर दिया.
माँ बालों को कँघी करते करते मुझे देख रही थी फ़ोन पे बात करते हुए. फ़ोन कट ने के बाद उन्होंने आँखों के इशारे से पूछि कौन था.
मैने मोबाइल रखते रखते बोल
" लैंड लॉर्ड"
माँ आँखों में एक सवाल को लेकर पुछी
"उनको मालूम है"
मैने कहा "हा..घर का कुछ काम करवाने के टाइम बोल दिया था की मेरी बीवी आरही है"
फिर माँ होठो की स्माइल दबाते हुये नज़र घुमा लि और मिरर में खुद को देखते रहि.
मैं माँ को एक सरप्राइज देणे के लिए धीरे से अलमारी के पास गया और लाकर खोल के मेरा उनके लिए ख़रीदा हुआ नेकलेस निकल के अलमारी बंद किया.
यहाँ से माँ ऐसे पोजीशन पे खड़ी है की ना वह डायरेक्टली मुझे देख पा रही है , न मिरर के थ्रू.
मैंने नेकलेस के केस को पीछे छुपाकर उनकी तरफ मुडा.
माँ तब झुक के ड्रेसिंग टेबल से कुछ उठा रही थी.
मैं धीरे धीरे उनके पास जाने लगा.
माँ मिरर में देखति हुई मांग में सिन्दूर लगा रही थी.
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