non veg kahani एक नया संसार
11-24-2019, 01:07 PM,
RE: non veg kahani एक नया संसार
"तो फिर ये पुलिस वालों की तरह तहकीक़ात करने का क्या मतलब है आपका?" मैं अब तक अपनी हालत से काफी हद तक उबर चुका था, बोला___"इतनी देर से देख रहा हूॅ कि आप बाल की खाल निकालने पर तुली हुई हैं। इतना भी नहीं सोचा कि मुझ मासूम पर इस सबसे क्या गुज़रने लगी है, हाॅ नहीं तो।"

मैने ये बात इतने भोलेपन और इतनी मासूमियत से कही थी कि रितू दीदी की हॅसी छूट गई। वो एकदम से बेड पर उठ कर बैठ गई और फिर झपट कर मुझे अपने गले से लगा लिया।

"तू सचमुच बहुत स्वीट है राज।" रितू दीदी ने मेरी पीठ पर अपने दोनो हाथ फेरते हुए कहा___"ऊपर से तेरा आज अपनी इस बात में गुड़िया(निधी) का वो तकिया कलाम यूज करना। उफ्फ जान ही ले गया रे।"

गुड़िया का ख़याल आते ही मेरे अंदर भी एक अजीब सी झुरझुरी दौड़ गई। पलक झपकते ही उसका चेहरा मेरी ऑखों के सामने उभर आया। उस चेहरे में ज़माने भर की उदासी थी, तड़प थी। मेरा दिल एकदम से निधी के लिए बेचैन हो उठा। सुबह सुबह रितू दीदी की जो मुस्कान देख कर मुझे खुशी हुई थी वो गुड़िया का उदास चेहरा मेरी ऑखों के सामने उभर आने से जाने कहाॅ गायब हो गई थी। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि निधी ने अचानक मुझसे बात करना क्यों बंद कर दिया था? बात करना तो दूर बल्कि वो तो मेरे सामने ही नहीं आती थी।

"क्या हुआ राज?" रितू दीदी ने मुझे चुप जान कर मुझसे अलग होते हुए पूछा___"तू एकदम से गुमसुम सा क्यों हो गया? क्या मेरी बातों से तेरा दिल दुख गया है? देख अगर ऐसी बात है तो प्लीज मुझे माफ़ कर दे।"

"नहीं दीदी।" मैने उनके मुख पर अपना हाॅथ रख दिया, फिर बोला___"आपने कुछ नहीं किया है। आप भला कैसे मेरा दिल दुखा सकती हैं? मुझे पता है आप मुझे बहुत प्यार करती हैं।"

"तो फिर क्या बात है?" रितू दीदी ने सहसा गंभीर होकर पूछा___"तू एकदम से ही गुमसुम सा क्यों नज़र आने लगा है? आख़िर किस बात ने तुझे इतना सीरियस कर दिया है? क्या मुझे नहीं बताएगा?"

"मैं दरअसल गुड़िया की वजह से सीरियस हो गया हूॅ दीदी।" मैने गंभीरता से कहा___"पता नहीं क्या बात है जो वो मुझसे बात करने की तो बात दूर बल्कि वो मेरे सामने भी नहीं आती। जबकि उसे पता है कि मैं उसकी शरारत भरी बातों के बिना पल भर भी नहीं रह सकता।"

"ऐसा कब से है?" रितू दीदी ने पूछा___"तूने उसे कुछ कहा था क्या? या फिर तूने उसे किसी बात पर डाॅटा होगा। वो तेरी लाडली है इस लिए वो तेरे ज़ारा से भी डाॅट देने पर सीरियस हो सकती है। संभव है ऐसा ही कुछ हो।"

"मैं उसे ख्वाब में भी नहीं डाॅट सकता दीदी।" मैने पुरज़ोर लहजे में कहा___"और ना ही मैने उसे कुछ ऐसा वैसा कहा है जिससे उसे बुरा लग जाए।"
"तो फिर कोई दूसरी वजह होगी।" रितू दीदी ने सोचने वाले भाव से कहा___"कोई ऐसी वजह जिसके बारे में तुम्हें पता ही न हो।"

"ऐसी क्या वजह हो सकती है भला?" मैने कहा___"अगर कोई बात होती तो गुड़िया मुझे ज़रूर बताती।"
"कुछ बातें ऐसी भी होती हैं राज।" रितू दीदी ने समझाने वाले अंदाज़ से कहा___"जिन्हें एक बहन अपने भाई से नहीं कह सकती। वैसे इसका पता करने का सबसे अच्छा तरीका ये है कि तू उसे फोन लगा और उससे बात कर।"

"वो मेरा फोन नहीं उठाएगी दीदी।" मैने कहा___"और ना ही मुझसे बात करेगी। अगर करना होता तो अभी जब मैं मुम्बई गया था तो वो मुझसे कुछ तो बात करती। मगर वो तो मेरे सामने आई तक नहीं। आते समय मैं ही उससे मिलने उसके कमरे में गया था। मैने देखा कि कमरे में बेड पर वो ऑखें बंद कर सोने का दिखावा कर रही थी। मतलब साफ था कि वो मुझसे ना तो मिलना चाहती है और ना ही बात करना चाहती है।"

"बड़ी हैरत की बात है ये तो।" रितू दीदी के चेहरे पर हैरत के भाव उभरे___"चल ठीक है मैं अपने फोन से उसे काल करती हूॅ और मैं उससे बात करती हूॅ।"
"हाॅ ये ठीक रहेगा दीदी।" मैने खुश होते हुए कहा___"पर आप उससे ये मत कहना कि आपने उसे मेरे बातों के चलते फोन किया है और ना ही ये बताना कि मैं आपके ही पास बैठा हुआ हूॅ।"

रितू दीदी ने मेरी बात पर हाॅ में अपना सिर हिलाया और ये कह कर बेड से नीचे उतरने लगी कि वो अपने कमरे से अपना फोन लेकर अभी आती हैं। उनके जाने के बाद मैं बेड पर ही उनके आने का इन्तज़ार करने लगा। बेड के पास ही एक छोटी सी टेबल थी जिसमें मेरा मोबाइल फोन रखा हुआ था। मुझे ख़याल आया कि रितू दीदी के पास तो गुड़िया(निधी) का नंबर है ही नहीं। अतः मैने टेबल से अपना फोन उठा कर उसमे से गुड़िया का नंबर दीदी को देने का सोचा।

मैने अपने फोन को उठा कर मोबाइल के बगल से लगी बटन पर अॅगूठे से पुश किया तो स्क्रीन जल उठी। स्क्रीन जलते ही उसमें मुझे एक मैसेज नज़र आया जो व्हाट्सएप में था और जिसे नीलम ने भेजा था। मैने फोन को अनलाॅक करके उस मैसेज को खोला। नीलम के भेजे गए मैसेज को पढ़ता चला गया मैं। मैं ये जान कर हैरान हुआ कि नीलम ने मैसेज में सच्चाई का पता लग जाने वाली बात कही थी और वो मुझसे मिलना चाहती थी। मैं चकित था कि नीलम ने इतना जल्दी सच्चाई का पता कैसे लगा लिया? उसने मैसेज में सिर्फ इतना ही लिखा था कि___"राज मुझे पता चल गया है कि सच्चाई क्या है और किस वजह से रितू दीदी माॅम डैड के खिलाफ होकर तुम्हारे साथ हो गई हैं। सारी बातें तुमसे मिलने के बाद ही बताऊॅगी इस लिए मुझे तुमसे फौरन ही मिलना है। अब ये तुम बताओ कि मैं तुमसे कब कैसे और कहाॅ मिल सकती हूॅ। मेरे इस मैसेज का जवाब जितना जल्दी हो सके देना। तुम्हारी बहन नीलम परी।"

मैं नीलम के इस मैसेज से हैरान भी था और खुश भी। हैरान इस लिए कि उसने इतनी जल्दी सच्चाई का पता कर लिया था और खुश इस लिए कि अब वो भी कदाचित रितू दीदी की तरह मेरे पास ही रहेगी। अभी मैं ये सब सोच कर खुश ही हो रहा था कि तभी रितू दीदी मेरे कमरे में अपना फोन लिए आ गईं। उनकी नज़र मेरे चेहरे पर मौजूद खुशी के भावों पर पड़ी तो उनके चेहरे पर चौंकने के भाव उभरे।

"ओये होये बड़ा खुश लग रहा है भाई।" फिर वो मुस्कुराते हुए मुझसे बोली___"कोई दूसरी गर्लफ्रैण्ड मिल गई क्या तुझे?"
"अरे नहीं दीदी।" मैं उनकी इस बात से मुस्कुराते हुए बोला___"ऐसी कोई बात नहीं है। दरअसल मेरे फोन पर नीलम का मैसेज आया था रात में। उसके मैसेज को पढ़ कर ही खुश हो रहा था।"

"ओह तो ये बात है।" रितू दीदी बेड पर मेरे पास ही बैठते हुए कहा___"ऐसा क्या लिख कर भेजा है उसने मैसेज में जिसके चलते तू इतना खुश हो रहा है? ज़रा मुझे भी तो सुना उसका मैसेज।"

लीजिए, आप खुद ही पढ़ लीजिए।" मैने मोबाइल उनके हाथ में पकड़ाते हुए कहा___"हो सकता है कि आप भी मेरी तरह उसका मैसेज पढ़ कर खुश हो जाएॅ।"
"उसके लिए मुझे मैसेज पढ़ने की ज़रूरत नहीं है मेरे प्यारे भाई।" रितू दीदी ने मुझे देखते हुए कहा___"क्योंकि अगर तू खुश है तो मैं तुझे खुश देख कर ही खुश हो जाऊॅगी।"

मैं उनकी इस बात से बस मुस्कुरा कर रह गया। जबकि ऐसा कहने के बाद दीदी ने नीलम के मैसेज की तरफ देखा और मैसेज को पढ़ने लगीं। मैसेज पढ़ते ही उनके चेहरे पर हैरत और खुशी के मिले जुले भाव उभरे और फिर एकाएक ही उनके चेहरे पर गंभीरता छा गई।

"क्या हुआ दीदी?" मैं उनके चेहरे पर अचानक ही उभर आई उस गंभीरता को देख चौंकते हुए पूछा___"आपको नीलम के इस मैसेज को पढ़ कर खुशी नहीं हुई?"
"खुशी तो हुई राज।" रितू दीदी ने पूर्वत गंभीर भाव से ही कहा___"ये जानकर अच्छा भी लगा कि नीलम को भी सच्चाई का पता चल गया है मगर गंभीरता वाली बात ये है कि कहीं डैड को भी न इस बात का आभास हो जाए कि नीलम को भी सच्चाई पता चल गई होगी। उस सूरत में नीलम पर खतरा भी पैदा हो सकता है।"

"ये आप क्या कह रही हैं दीदी?" मैने हैरानी से कहा__"भला बड़े पापा को इस बात का आभास कैसे हो जाएगा कि नीलम उनकी सच्चाई जान चुकी होगी?"
"तुम मेरी माॅम को नहीं जानते राज।" रितू दीदी ने उसी गंभीरता से कहा___"उन्होंने डैड के साथ ही वकालत की पढ़ाई की थी। उनका दिमाग़ बहुत ही शार्प है। डैड से कई गुना ज्यादा उनका दिमाग़ चलता है। वो पिछले कुछ दिनों की घटनाओं को मद्दे नज़र रखते हुए डैड को ये बात समझा सकती हैं कि नीलम को सच्चाई का पता ज़रूर चल गया होगा अथवा वो सच्चाई का पता लगाने की राह पर चल रह होगी।"

"बात कुछ समझ में नहीं आई दीदी।" मैंने उलझनपूर्ण भाव से कहा___"भला बड़ी माॅ ऐसा क्या सोच कर बड़े पापा को समझाएॅगी?"
"सीधी सी बात है राज।" दीदी ने कहा___"ये तो उन्हें अब तक समझ आ ही गया होगा कि हमने क्या क्या और किस तरीके से किया है? इस लिए उन्हें इस सबकी कड़ियाॅ जोड़ने में कोई मुश्किल नहीं होगी। कहने का मतलब ये कि सारी घटनाओं के बाद वो अब उस दिन की घटनाओं को आपस में मिलाएॅगी जिस दिन डैड को हमारे नकली सीबीआई वाले गिरफ्तार करके ले गए थे और फिर बिना कुछ पूछताॅछ किये उन्हें दो दिन बाद छोंड़ भी दिया था। डैड को ये यो पता चल ही गया था कि वो सब तुम्हारा ही किया धरा था, क्योंकि तुम्हारे उन नकली सीबीआई वाले आदमियों ने अपनी बातों के बीच तुम्हारा ही नाम लिया था। अतः सारी बातें जानने के बाद माॅम को ये सोचने में ज़रा भी समय नहीं लगेगा कि तुमने डैड को दो दिन के लिए अंडरग्राउण्ड करके अपना कौन सा अहम किया हो सकता है। यानी उन्हें ये तो अंदाज़ा था ही कि तुम अभी यहीं हो और यहीं से ही सारी घटनाओं को अंजाम दे रहे हो। मगर ये भी भूलने वाली बात नहीं है कि तुम्हारे पास पवन और उसकी फैमिली भी है जो कि तुम्हारी कमज़ोरी के रूप में हैं। तुम ये हर्गिज भी नहीं चाहोगे कि तुम्हारी कमज़ोरी डैड के हाॅथ लग जाए। क्योंकि उस सूरत में तुम बहुत ही ज्यादा कमज़ोर पड़ जाओगे और ये भी संभव है कि उस सूरत में तुम मजबूरन डैड के हाॅथ भी लग जाओ। उसके बाद किस्सा खत्म। इस लिए तुम यही चाहोगे कि सबसे पहले तुम अपनी कमज़ोरियों को या तो पूर्णरूप से सुरक्षित कर दो या फिर उन्हें डैड की पहुॅच से बहुत दूर कर दो। माॅम के दिमाग़ में यही बातें होगी और वो सोचेंगी कि तुम ऐसा ही करना चाहोगे। यानी पवन तथा उसकी माॅ बहन को डैड की पहुॅच से दूर मुम्बई भेज देना चाहोगे। किन्तु तुम्हारे पास समस्या ये होगी कि पवन आदि को लेकर जाने के बाद मैं और नैना बुआ यहाॅ अकेली रह जाएॅगी, और हम दोनो पर डैड का खतरा रहेगा। अतः तुम कोई ऐसा जुगाड़ लगाओगे जिससे तुम्हारे दोनो काम आसानी से और सुरक्षित तरीके से हो जाएॅ। तब तुमने सोचा कि डैड के रूप में राजा को ही सह और मात दे दी जाए जिससे ना रहेगा बाॅस और ना ही बजेगी बाॅसुरी वाली बात हो जाएगी। यही तुमने किया भी और जब तुम वापस मुम्बई से लौट आए तो डैड को भी छोंड़ दिया अपने नकली सीबीआई के आदमियों के हवाले से।"

"ये सब तो ठीक है दीदी।" मैने शख्त हैरानी से दीदी की तरफ देखते हुए कहा___"किन्तु इसमें ये बात कहाॅ से आती है कि उन्हें ये पता चल सकता है कि नीलम भी उनकी सच्चाई को जान चुकी है या फिर सच्चाई जानने की राह पर चल रही होगी?"

"वहीं पर आ रही हूॅ माई डियर ब्रदर।" रितू दीदी ने सहसा मुस्कुराते हुए कहा___"माॅम ये सोचेंगी कि उसी दिन तीन तीन लोग हल्दीपुर कैसे आ गए? मतलब कि डैड तो हवेली आए ही उनके साथ साथ उसी दिन नीलम भी हवेली आ पहुॅची और ये भी उनके ज़हन में होगा कि तुम भी वापस मुम्बई से आ गए होगे और इसी लिए डैड को छोंड़ भी दिया था। तो सोचने वाली बात थी ये तीन लोग संयोगवश तो नहीं आ गए थे यहाॅ। यानी कहीं न कहीं इसमें कोई पेंच या भेद ज़रूर था। माॅम को सोचने और समझने में देर नहीं लगेगी कि जिस ट्रेन से तुम आए उसी ट्रेन से नीलम भी आई होगी और बहुत हद तक ये भी संभव है कि तुम दोनो की मुलाक़ात भी ट्रेन में हुई हो। मुलाक़ात जब होती है तो कुछ न कुछ बात चीत भी होती है। अब चूॅकि हालात ऐसे थे कि तुम दोनो के बीच में नार्मल बातें तो होंगी नहीं यानी कि तक़रार भरी अथवा गिले शिकवे संबंधी बातें हुई होंगी। दूसरी बात माॅम ने मुझे फोन किया था पर मैने उनका फोन उठाया नहीं तब उन्होंने नीलम को फोन किया। नीलम ने मुझे फोन कर मुझसे बात की थी और पूछा था कि मैं अपने ही माॅम डैड के खिलाफ होकर तुम्हारे साथ क्यों हूॅ तब मैने उससे कहा था कि वो सच्चाई का पता खुद लगाए। यही बात माॅम ने भी सोचा होगा। यानी उन्हें ये लगा होगा कि मैने नीलम को सारी बातें बता दी होंगी और अब नीलम सच्चाई जान चुकी है। या फिर अगर मैने नहीं बताया होगा तो इतना तो ज़रूर ही कहा होगा कि मेरे माॅम डैड के खिलाफ़ होने की वजह का पता वो खुद लगाए। इस लिए नीलम वजह या सच्चाई का पता लगाने आई होगी।" रितू दीदी ने इतना कहने के बाद गहरी साॅस ली और फिर बोली___"इन सब बातों की वजह से ही मैं कह रही हूॅ राज कि नीलम पर अब ख़तरा है और उस नादान व नासमझ को इस बात का एहसास भी नहीं होगा कि वो कितनी बड़ी मुसीबत में फॅस सकती है। उसे उस जगह से निकालना होगा राज वरना सच में अनर्थ हो सकता है। वो हवश के पुजारी मेरी मासूम बहन को बरबाद कर सकते हैं।"

"नहींऽऽ।" मैंने सहसा आवेश में आकर कहा___"ऐसा हर्गिज़ नहीं होगा दीदी और मैं होने भी नहीं दूॅगा। अगर मेरी मासूम बहन को उन लोगों ने छुआ भी तो उन्हें इसका अंजाम बहुत ही भयानक रूप से भुगतना पड़ेगा।"

"नीलम के साथ में सोनम भी है।" रितू दीदी ने गंभीरता से कहा___"उसे भी उन लोगों से दूर करना होगा। मैं उस कमीने शिवा को बहुत अच्छे तरीके से जानती हूॅ। उसे वासना और हवश के चलते रिश्तों का कोई भान नहीं रहेगा और वो सोनम को भी हवश भरी नज़रों से देख रहा होगा। हे भगवान ये नीलम उसे अपने साथ लेकर यहाॅ आई ही क्यों थी?"

"फिक्र मत कीजिए दीदी।" मैने कठोरता से कहा___"उन दोनो को कुछ नहीं होगा। अब मैदान में खुल कर आने का समय आ गया है। आपके डैड को ये बताने का समय आ गया है कि अगर मैं उनके सामने भी आ जाऊॅ तो मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकते हैं।"

"कुछ भी करने से पहले तुम्हें नीलम और सोनम को सुरक्षित वहाॅ से निकालना होगा।" रितू दीदी ने समझाने वाले अंदाज़ से कहा___"उसके बाद ही हम कोई ठोस क़दम उठाने में सक्षम हो सकते हैं।"

"ठीक है दीदी।" मैने कहा___"मैं नीलम से बात करके उसे सब कुछ समझाता हूॅ कि उसे क्या और कैसे करना है। आप भी गुड़िया से बात कर लीजिए। और हाॅ इस बात की बिलकुल भी फिक्र मत कीजिए कि नीलम व सोनम दीदी में से किसी को भी मेरे रहते कुछ होगा। मैं अपनी जान देकर भी उनकी इज्ज़त और जान की हिफाज़त करूॅगा।"

"ऐसा मत कह राज।" रितू दीदी की ऑखें छलक पड़ी, बोली___"तुझे कुछ होने से पहले ही मैं अपनी जान दे दूॅगी। मेरा सबसे प्यारा भाई ही नहीं रहेगा तो मैं इस पापी दुनियाॅ में अकेली जी कर क्या करूॅगी।"

"सब ठीक ही होगा दीदी।" मैने दीदी को अपने से छुपका लिया___"और मैं सब कुछ ठीक करने की पूरी कोशिश भी करूॅगा। चलिए अब आप भी फ्रेश हो लीजिए, सुबह हो गई है। नैना बुआ आपको आपके कमरे में न देखेंगी तो कहीं आपको ढूॅढ़ने न लग जाएॅ। अतः अब आप जाइये और हाॅ गुड़िया से ज़रूर बात कर लीजिएगा।"

मेरे कहने पर रितू दीदी ने मुझसे अलग होकर हाॅ में सिर हिलाया। मैने उन्हें अपने फोन से गुड़िया का नंबर मैसेज किया। उसके बाद दीदी कमरे से चली गईं। उनके जाने के बाद मैंने गहरी साॅस ली तथा फिर मैने नीलम को मैसेज किया। अपने मोबाइल को हाॅथ में लिए मैं नीलम की तरफ से उसके रिप्लाई का इन्तज़ार करने लगा।
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~

दोस्तो, आप सबके सामने अपडेट हाज़िर है,,,,,,,,
आप सबकी खूबसूरत प्रतिक्रिया और आपके शानदार रिव्यू का बेसब्री से इन्तज़ार रहेगा।
Reply


Messages In This Thread
RE: non veg kahani एक नया संसार - by sexstories - 11-24-2019, 01:07 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,465,734 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 540,443 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,217,825 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 920,905 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,632,858 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,064,136 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,922,632 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,963,096 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,995,569 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 281,510 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 16 Guest(s)