non veg kahani एक नया संसार
11-24-2019, 12:39 PM,
RE: non veg kahani एक नया संसार
"वि..राज मेरे भाई।" रितू ने अपने एक हाॅथ से तस्वीर में विराज के चेहरे पर हाॅथ फेरा। उसकी ऑखों से ऑसू बह चले, बोली__"मैं जानती हूॅ कि तुझे भाई कहने का भी मुझे कोई अधिकार नहीं होना चाहिए। मगर बस एक बार मुझे मिल जा भाई। अपनी इस दीदी के लिए नहीं बल्कि अपनी उस विधी के लिए जिसे तू आज भी उतना ही प्यार करता होगा मैं जानती हूॅ। मुझे पता है कि आज भी अगर तू मुझे मिल जाए तो तू मुझे उतनी ही इज्ज़त से के साथ दीदी कहेगा जैसे पहले कहा करता था। और सच कहूॅ तो मुझे नाज़ है तुझ पर कि मेरा भाई है। एक मेरा है जिसने मुझे इज्ज़त तो दी लेकिन उसकी उस इज्ज़त में भी कितनी इज्ज़त होती है ये मुझसे बेहतर भला और कौन जानता होगा भाई। पर ये तो मेरी सोच और मेरे नसीब की बात है मेरे भाई कि जिसने मुझे सच में इज्ज़त दी उसे मैने हमेशा दुत्कारा और जिसकी इज्ज़त में भी गंदगी भरी थी उसे अपने सीने से लगा कर भाई कहा। ख़ैर, ये सब छोड़ भाई। ये बता कि कहाॅ है तू? मुम्बई में ऐसी कौन सी जगह पर है जहाॅ से मुझे तेरा पता मिल जाए? मैने तेरी विधी से वादा किया है भाई कि मैं उसके सामने तुझे ले आऊॅगी। इस लिए भाई मुझे किसी तरह से मिल जा।"

रितू उस तस्वीर से जाने क्या क्या कहे जा रही थी मगर भला वो तस्वीर उसको विराज का पता कैसे बताती?

"मैने कभी इस बात पर ग़ौर नहीं किया भाई कि क्यों मेरे अंदर तेरे लिए ये नफ़रत थी? क्यों मैं तुझसे हमेशा मुह मोड़ लेती थी?" रितू करुण भाव से कह रही थी___"इसकी वजह शायद ये हो सकती है कि बचपन से ही मेरे माॅम डैड ने मुझे और मेरे भाई बहनों को तुझसे और तेरे माता पिता व बहन से दूर ही रहने की शिक्षा दी। वो हमेशा हमें यही बताते थे कि तुम लोग अच्छे लोग नहीं हो। बचपन से हमें यही सब सिखाया पढ़ाया गया था भाई, इस लिए हम भी उनके कहे अनुसार तुम लोगो से दूर ही रहे। और जब चाची पर वो सब इल्जाम लगा और उन्हें हवेली से निकाल दिया गया तो हम बच्चों के मन में और भी ये बात बैठ गई कि तुम लोग वाकई में अच्छे लोग नहीं हो। मगर आज जब मैंने विधी से उसके और तुम्हारे प्यार के बारे में जाना तो जाने क्यों ऐसा लगा कि तुम उतने बुरे तो नहीं हो सकते मेरे भाई जितना कि आज तक हम तुम्हें समझते आ रहे थे। अगर होते तो कोई भी लड़की तुम्हारे लिए प्यार में इस हद तक अपनी कुर्बानी नहीं देती। इंसान की बुराई कभी किसी से नहीं छिपती भाई। अगर तुम वास्तव में बुरे होते तो क्या ये बात विधी को कभी पता न चलती? ज़रूर चलती भाई, मगर ऐसा नहीं था। वो पागल तो कह रही है कि वो तुम्हारी ही बाॅहों में अपनी आख़िरी साँस लेना चाहती है। आख़िर कुछ तो खूबी होगी ही न तुझमें भाई। मैने कभी तुझे समझा ही नहीं भाई...मुझे माफ़ कर दे विराज।"

रितू उस तस्वीर को अपने सीने से लगा कर रोए जा रही थी। इस वक्त उसे इस हालत में देख कर कोई नहीं कह सकता था कि ये वही तेज़ तर्रार रितू है जो अकेले चार चार हट्टे कट्टे लड़कों धूल चटा देती है। हौंसले ऐसे बुलंद कि आसमान की बुलंदी भी क्या चीज़ है।

तभी उसका मोबाइल बजा। उसने देखा बेड के एक साइड पर रखे आईफोन की स्क्रीन पर कोई नम्बर फ्लैश कर रहा था। रितू ने फोन उठाया और काल रिसीव कर उसे कनपटी से सटा कर कहा___"हैलो।"

"..............." उधर से कुछ कहा गया।
"ये क्या कह रहे हो तुम?" रितू के चेहरे पर चेहरे पर चौंकने वाले भाव थे।
"..............." उधर से फिर कुछ कहा गया।
"पूरी बात बताओ साफ साफ।" रितू ने कहा।
".............." उधर से कुछ देर तक बताया गया।
"ओह चलो ठीक है।" रितू ने कहा__"तुमने बहुत अच्छा काम किया है। अब एक काम और तुम्हें दे रही हूॅ। और वो काम क्या है ये तुम्हें तुम्हारे फोन पर मेरे द्वारा भेजे गए मैसेज से पता चल जाएगा। सारे काम छोंड़ कर तुम्हें ये काम करना है। तुम्हारे पास सिर्फ और सिर्फ आज रात बस का समय है। कल मार्निंग में मेरी ऑख तुम्हारे फोन करने पर ही खुले। ये बात भूलना मत।"

रितू ने कहा और फोन काट दिया। उसने बेड पर बिखरे हुए काग़जातों की तरफ देखा और फिर उसकी नज़र विराज वाली तस्वीर पर पड़ी। उस तस्वीर को एक तरफ रख कर बाॅकी सारी चीज़ें उसने उठा कर वापस उसी लाॅकर के अंदर रख दी और आलमारी बंद कर दी। विराज वाली तस्वीर को तकिये के नीचे सरका वह बेड से नीचे उतरी और अपने कपड़े उतारने लगी। कुछ ही देर में वह सिर्फ पैन्टी और ब्रा में थी। कपड़े उतारने में उसे थोड़ी तक़लीफ हुई थी। क्योंकि पीठ पर चाकू का लछा चीरा आज ही का तो था। वह ब्रा पैन्टी में किसी हालीवुड की सुपर माॅडल से कम नहीं लग रही थी। उसने तुरंत ही बाथरूम की तरफ रुख़ किया। बाथरूम से फ्रेश होने के बाद वह पुनः कमरे में आई और दूसरे कपड़े पहन कर वह कमरे से बाहर निकल गई। बेड से मोबाइल फोन उठाना नहीं भूली थी वह। पीछे साइड कमर में सर्विस रिवाल्वर छुपा हुआ था उसके।

कुछ ही देर में वह डायनिंग हाल में पहुॅच कर एक कुर्सी पर बैठ गई।
"माॅम अगर खाना रेडी हो तो जल्दी से दे दीजिए मुझे।" उसने किचेन की तरफ मुह करके ज़रा ऊॅची आवाज़ में कहा था।
"बस दो मिनट बेटी।" किचेन से प्रतिमा की आवाज़ आई।

ठीक दो मिनट बाद ही रितू के सामने बड़ी सी टेबल पर एक थाली रख दी गई। थाली लाने वाली नैना थी।
"तो अकेले रहने से उकता गई हमारी पुलिस वाली रितू बेटी?" नैना ने ज़रा मुस्कुराते हुए कहा था।
Reply


Messages In This Thread
RE: non veg kahani एक नया संसार - by sexstories - 11-24-2019, 12:39 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,464,348 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 540,252 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,217,158 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 920,535 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,632,079 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,063,499 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,921,394 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,959,357 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,993,947 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 281,385 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 6 Guest(s)