RE: Gandi Sex kahani भरोसे की कसौटी
दरवाज़े को को धकेलने की कोशिश की पर वो खुला नहीं | थोड़ी देर दरवाज़ा पीटा .. फिर भी नहीं खुला... | थक हार कर गुस्से में इधर उधर टहलने लगा | अगले दो-तीन मिनट में अचानक दरवाज़ा एक ‘कौंच’ की सी आवाज़ करता हुआ खुल गया पर ज़रा सा ही | मैंने तेज़ी से कदम आगे बढ़ाते हुए एक झटके में अन्दर दाखिल हुआ | और अन्दर घुसते ही मेरे ही एक और आश्चर्य मेरा इंतज़ार कर रही थी ...............
अंदर वही लड़की बैठी हुई थी ... एक चेयर पर ...जिसने हॉस्पिटल में मेरी सहायता की थी | हाथ में कुछ पेपर्स थे | आँखों पर काला चश्मा, काली शर्ट, वाइट – ग्रे की कॉम्बो वाली जीन्स पैंट .. होंठों पर हलकी लाल लिपस्टिक... सचमुच बहुत कमाल की लग रही थी | मेरे अन्दर आते ही वह भी सर उठा कर मेरी ओर देखी.. और एक हलकी सी मुस्कान चेहरे पे बिखेरते हुए हेलो बोली...| मैं तो उसमें ऐसा खोया की कुछ पलों के लिए उसके ‘हेलो’ का जवाब नहीं दे पाया | वो मतलब समझ गई ... चेहरे पर ह्या के हलके भाव लिए पेपर्स को दोबारा देखने लगी |
मुझे अपनी भूल का आभास होते ही उससे माफ़ी मांगता हुआ उसके पास गया | इशारों से उसने बगल में रखी एक और लाल फाइबर की कुर्सी में बैठने को कहा | मैं बैठ तो गया पर बदले में उस लड़की को सिवाए ‘थैंक्स’ के और कुछ नहीं कह पाया | कुछ देर तक पेपर्स पर नज़रे गड़ाए रखने के बाद उसने मेरी ओर देखा और शर्म वाली मुस्कान के साथ दुबारा ‘हाई’ कहा |
इस बार मैंने जवाब दिया उसे,
“हाई |”
लड़की – “अगर बुरा ना माने तो क्या मैं आपको तुम कह कर बात कर सकती हूँ?”
मैं – “नहीं बिल्कुल नहीं... बल्कि मैं आपको आप कह कर बुलाना चाहता हूँ |”
लड़की – “अच्छा?? वो क्यों???”
मैं – “क्योंकि आपने मेरी जान बचायी है ... अस्पताल से मुझे सुरक्षित निकाल कर | और बचाने वाला हमेशा बड़ा होता है .. इसलिए आपको ‘आप’ कह कर संबोधित करूँगा...|”
लड़की – “नहीं जी ... इसकी कोई आवश्यकता नहीं है | हम दोनों लगभग एक ही उम्र के हैं और एक की मंजिल की ओर भी | हमें एक दूसरे की मदद करनी चाहिए.. क्योंकि हमें एक दूसरे की मदद की ज़रूरत होगी भी |”
मैं (मुस्कुराते हुए) – “ज़रूर |”
मेरा जवाब सुन कर वह पेपर्स उठाने लगी ... उसका ध्यान उन पेपर्स पर था और मैं... जैसा की हर जवान लड़के के साथ होता है ... चेहरे की भले ही कितनी ही तारीफ़ क्यों न कर ले... नज़रें, नज़रों से जिस्मानी उभारों को टटोलने का काम करने ही लगता है | मैं भी इस मामले में बेचारा | नज़रें बरबस ही उस लड़की के चेहरे पर से फिसलते हुए उसके सुराहीदार गले और फिर.. बैठने के कारण शर्ट के थोड़े टाइट होने से उसके सीने पर और स्पष्टता से उभर आये उसके सुडोल उभारों पर अटक गए | नज़रें जो और जितना टटोल सकी उस हिसाब से 34CC या 34D तो होगा ही | पुष्ट थे | गोरे रंग पर काले लिबास और उसपे भी पुष्टकर सुडौल उभार उसे एक कम्पलीट पैकेज बना रहे थे | पर शायद अभी उसके बारे में बहुत से राज़ खुलने बाकी थे ........................
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