RE: Gandi Sex kahani भरोसे की कसौटी
सोचते सोचते चेयर से उठ कर, छत की बाउंड्री वॉल तक पहुँच गया था मैं | चार सिगरेट ख़त्म कर चुका था | अभी और भी बहुत कुछ सोचना चाहता था पर कुछ देर के लिए अपने सभी विचारों पर विराम लगा दिया | बस, चाँदनी रात में छत पर खड़े रह कर इस क्षण का भरपूर आनंद लेने को दिल चाह रहा था | आँखें बंद कर धीमी चलती हवा के झोंकों का आनंद लेने लगा | कुछ ही मिनट्स बीते थे की तभी लगा, जैसे की वहां आस पास एक बहुत ही प्यारी सी खुशबू फ़ैल गई है | बहुत ही मदमस्त कर देने वाली खुशबू थी यह... कहाँ से आने लगी ये सोचने के बजाए उस खुशबू को भर भर कर अपने मन और दिलो दिमाग में ले लेने को जी करने लगा | और तभी,.... किसी ने मेरे दाएँ कंधे पर बहुत मुलायम सा हाथ रखा... मैं चौंक कर पलटा और अपने दाएँ तरफ़ देखा... चाची थी..! उसी नाईट गाउन... ओह्ह .. सॉरी.. नाईट रोब में थी, मुस्कुराती हुई.. मुझे ज़बरदस्त तरीके से चौंकते देख कर उनकी हंसी निकल गई | ‘हाहाहाहाहा’ कर खिलखिला कर हँस दी... कसम से, बहुत ही प्यारी और साथ ही बहुत ही कातिलाना लग रही थी वो ...
“क्या हुआ भतीजे जी... इतनी बुरी तरह से कब से डरने लगे..?” हँसते हुए पूछा उन्होंने...|
“जी... वो... आप आएँगी, सोचा नहीं था मैंने... अचानक से हाथ रख दिया आपने... लगता है डराने के लिए ही किया था...|” ज़ोरों से धड़कने लगे दिल को शांत करने के असफल प्रयास में लगा मैं बच्चों सी टोन में बहाने गिना दिए |
चाची अब भी हँसे जा रही थी | हँसते हुए ही पूछा उन्होंने,
“अच्छा, ये बताओ.. यहाँ कर क्या रहे हो और कितनी देर तक खड़े रहोगे?”
“बस, जाने ही वाला था... आप कहिये.. आप यहाँ कैसे... और चाचा आयें की नहीं?”
मेरे इस प्रश्न पर चाची ने अपनी हंसी बंद कर मुझे ऐसे घूर कर देखा जैसे की मैंने बहुत ब्लंडर वाला कोई बात पूछ लिया | आवाज़ में आश्चर्य का भाव लिए पूछी,
“अरे... तुम्हें तो टाइम का बिल्कुल भी कोई अंदाजा नहीं.. जानते हो.. पूरे डेढ घंटे बीत गए हैं... तुम्हारे चाचा कब के आ भी गए और खा-पी कर सो भी गए हैं... अब चलो.. जल्दी से नीचे चल कर कुछ खा लो... मुझे भी बहुत भूख लगी है |”
“आपने खाया नहीं?” मैंने पूछा |
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