RE: Gandi Sex kahani भरोसे की कसौटी
घर पहुँचा और हाथ मुँह धो कर सीधे छत पर | आते समय एक पैकेट सिगरेट लेते आया था | तय था की रात को नींद जल्दी और आसानी से आने वाली है नहीं | कुछ पहले से ही थे और पूरा एक अभी ले आया | कुछ देर टहलने के बाद वहीँ रखे एक चेयर पर बैठ गया | दूसरों का पता नहीं, पर जब भी मेरा दिमाग उलझ जाता या चीज़ों को बारीकी से समझने की ज़रुरत महसूस होती; मैं कश लगाने लगता | और चूँकि अभी मैं बिल्कुल ऐसी ही स्थिति में था इसलिए शुरू हो गया कश लगाने |
और साथ ही चालू हुआ दिमाग के घोड़े दौड़ाने .. |
उस शख्स की बातें बार बार दिमाग में गूँज रही थी, “पिछले कुछ महीनो से शहर में अंडरवर्ल्ड और टेररिस्ट आर्गेनाइजेशन के लोग काफ़ी सक्रिय हो गए हैं और एकदम से बाढ़ आई हुई सी लग रही है इन लोगों की | चरस, कोकेन, गांजा, और कई तरह के दूसरे ड्रग्स सप्लाई किये जा रहे हैं मार्किट में... पुलिस भी कुछ खास नहीं कर पा रही क्यूंकि इन लोगों के काम करने का ढंग काफ़ी अलग और समझ से परे है | सिर्फ़ इतना ही नहीं.. ये लोग आर्म्स .. यानि की हथियारों की स्मगलिंग में भी शामिल हैं | और ऐसे काम में ये खुद शामिल ना होकर यहाँ के भोले भाले स्टूडेंट्स, बच्चे और यहाँ तक की घर की औरतों को भी शामिल कर रहे हैं.. और मुझे लगता है की तुम्हारी चाची भी ऐसे लोगों के साथ या तो मिली हुई है या फिर इनके चंगुल में फंस गई है |”
और इन्ही बातों में उसके द्वारा जिक्र किये गए कुछ शब्द बार बार दिमाग पर हथौड़े से पड़ रहे थे ...
१) अंडरवर्ल्ड
२) टेररिस्ट आर्गेनाइजेशन
३) चरस
४) कोकेन
५) गाँजा
६) ड्रग्स
७) आर्म्स..
८) हथियारों की स्मगलिंग
९) भोले भाले स्टूडेंट्स, बच्चे और यहाँ तक की घर की औरतों को भी शामिल कर रहे हैं
१०) तुम्हारी चाची
११) मिलीं हुई है या चंगुल में फंस गई है
सभी प्रमुख बिन्दुओं पर बहुत अच्छे से ध्यान दे रहा था पर हर बार दो बिंदुओ पर आ कर ठहर जाता .. पहला ये कि भोले भाले स्टूडेंट्स, बच्चे और घर की औरतों को शामिल किया जाना और दूसरा यह की मेरी चाची का इनसे मिला होना या फिर इनके चंगुल में फंसा होना.. | ऐसे लोगों के साथ चाची जैसी एक सुदक्ष एवं संस्कारी गृहिणी का मिला होना समझ से परे है, मतलब ऐसा नहीं हो सकता, पर पता नहीं क्यों मैं ऐसे किसी सम्भावना से इंकार भी नहीं कर पा रहा था | पर चंगुल में फंसा होना... इस बात पर गौर करने की आवश्कता है | क्योंकि ये / ऐसा हो सकता है पर ये हुआ कैसे; ये पता लगाना है और यही पता लगाना फिलहाल तो टेढ़ी खीर सा प्रतीत हो रहा है | इसके बाद जो सबसे बड़ा प्रश्न मेरे समक्ष आ खड़ा हो रहा है वो यह कि स्टूडेंट्स, बच्चे और घर की औरतों को क्यों इन कामों में लगाया जा रहा है.. क्योंकि सिंपल सी बात है की स्मगलिंग के लिए वेल ट्रेंड लोगों की आवश्यकता होती है और स्टूडेंट्स और छोटे बच्चे; ख़ास कर घर की गृहिणियां-औरतें तो बिल्कुल भी ऐसे कामों के लिए ट्रेंड नहीं होतीं और इन सब चीज़ों से अनभिज्ञ भी होती हैं .... ह्म्म्म, कहीं ऐसा तो नहीं की इन्हें इन कामों के लिए किसी खास तरह से ट्रेनिंग मुहैया कराया जा रहा है ... पर कैसे ... कैसे... ??
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