RE: Gandi Sex kahani भरोसे की कसौटी
चाची आई और रिसीवर कानो से लगाईं.. थोड़ी ‘हूँ हाँ’ कर के बातचीत हुई... मेरे कान खड़े हो गए.. ये ज़रूर उन्ही लोगों का फ़ोन है.. मैं पूरे ध्यान से आगे की बातचीत सुनने के लिए तत्पर था कि तभी चाची की मखमली सी आवाज़ आई .. ‘अभय...! ओ अभय... देख किसका फ़ोन है.. तुझे ढूँढ रहा है ...!!’
अजीब था.. मेरा कोई भी परिचित नॉर्मली रात के टाइम फ़ोन नहीं करता.. सबको मना कर रखा था मैंने.. कोई तभी फ़ोन करता था मुझे जब कुछ बहुत बहुत ही अर्जेंट हो और कल पर टाला ना जा सके |
“कौन है .. चाची?” मैं सीढ़ियों से उतरते हुए पूछा |
“पता नहीं.. पहले तो बोला की मिस्टर एक्स है... फिर कहने लगा की उसे कहिये मिस्टर है.. उससे बात करना चाहता है..|” चाची ने थोड़ी बेफिक्री से कहा.. | ये कोई बम सा मेरे सिर पर गिरा | मिस्टर एक्स ?!! अब ये कौन है भला.. ज़रूर मेरा ही कोई दोस्त मस्ती कर रहा होगा... ये सोचते हुए मैं आगे बढ़ा और बे मन से धीरे से कहा, “पता नहीं कौन है... मैं तो ऐसे किसी को नहीं जानता...|” कहते हुए मेरी नज़र चाची पर गई.. वो मुझे ही देखे जा रही थी और संदेहयुक्त नज़रों से मेरी ओर देखते हुए, शरारती मुस्कान लिए फ़ोन का रिसीवर मेरी ओर बढाते हुए बोली, “हाँ जी.. आप तो किसी को नहीं जानते.. बस किसी ने ऐसे ही फ़ोन घूमा दिया और आपको पूछने लगा... भई हम कौन होते हैं ये पूछने वाले की कौन है, क्या चाहता है .... या क्या चाहती है...?” “चाहती है” कहते हुए आँखों में चमक लिए, चाची के चेहरे पर शर्म की लालिमा छा गई और साथ ही होंठों पर शरारती मुस्कान और गहरी होती चली गई | मैंने इशारे में बताने की कोशिश की कि ‘सच में.. मैं किसी को नहीं जानता..|’ पर चाची ने ध्यान न देकर रिसीवर मुझे थमा कर अपने कमरे की ओर चल पड़ी | पीछे से उनकी उभरी हुई सुडोल गांड देख कर मन एक बार फिर मचल सा गया | चाची... को पीछे से मंत्रमुग्ध सा देखता हुआ रिसीवर कानों से लगा कर माउथपीस में अनमने भाव से कहा, “हेलो, कौन....?”
उधर से आवाज़ आई, “हेलो अभय... मिस्टर एक्स बोल रहा हूँ |”
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