RE: Gandi Sex kahani भरोसे की कसौटी
पर उस आदमी को चाची की हालत देख कर मज़ा आया था | वेटर को बुला कर बिल मंगाया और बिल वहीँ टेबल पर देने के बाद वो चाची को धीरे से कुछ कहा और हाथ पकड़ कर पीछे की तरफ़ लगभग खींचते हुए ले गया...| मैं थोड़ी देर बैठने के बाद अपना बिल मंगाया और बिल देने के साथ साथ उस वेटर को बीस रूपए का अलग से टिप भी दिया | वेटर खुश हो गया... दो बार एक्स्ट्रा झुक कर सलाम किया उसने... मैं मुस्करा कर पीछे की तरफ़ चला गया |
पीछे वाशरूम था... टाइल्स, मार्बल्स वाला... जाकर देखा की दरवाज़ा बंद है और अन्दर से ‘आःह्ह्ह....ओफ्फ्फ़... नहीssssssss.... छोड़ोssss .....’ मैंने न आव देखा न ताव... तुरंत दूसरी गेट से पीछे लपका और एकदम बाहर आकर ठीक वाशरूम के पीछे आ पहुँचा... पाइप और दीवारों में बने खांचों के सहारे किसी तरह चढ़ा और वेंटीलेटर से अन्दर देखा ....
अन्दर चाची फर्श पर गिरी/लेटी हुई थी ... और वो आदमी उन पर चढ़ा हुआ था | चाची की बिकिनी ब्लाउज फर्श पर ही एक तरफ़ पड़ी थी ... उसने उनकी एक चूची को चूस चूस कर लाल कर दिया ... फिर दूसरी चूची को मुँह में भर लिया और उसे चूसने लगा। वह अपना पूरा दम लगा कर उनकी चूचियों को चूसे जा रहा था... ऐसा लग रहा था मानो बस अब कुछ ही पलों का वह मेहमान है और मरने से पहले अपनी आखिरी इच्छा पूरी करना चाहता है | चूसते चूसते वो पुरजोर तरीके से उन्हें दबा भी रहा था |
कुछ देर तक तो वह ऐसे ही चूचियों को दबाता... चूसता ... गले और गालों को चूमता चाटता रहा... फिर थोड़ा उठ कर अपने पजामे के नाड़े को खोल कर नीचे सरकाया... फिर चाची के पैरों को पकड़ कर घुटनों से मोड़ते हुए फैलाया... फिर अपने लंड को सीधे उनकी हसीं चूत के मुँह पर रख दिया। लंड का सुपारा उनकी चूत के मुँह पर रगड़ कर उसने सुपारे को बिल्कुल सही जगह फिट किया ... उसके लंड का छुअन अपने चूत पर पाते ही चाची तेज़ सिसकारी लेने लगी... कसम से ... एकदम सड़क छाप रंडी लग रही थी...
एक अच्छे घर की बहु को इस तरह फर्श पर लेटे किसी और का लंड लेते हुए देखना मुझे जितना बुरा लग रहा था उतना ही मज़ा उस आदमी को आ रहा था | उसने अपने सुपारे को हल्का हल्का रगड़ते हुए धीरे धीरे अन्दर की तरफ धकेलना शुरू किया। हल्के से दबाव के साथ लंड का अगला हिस्सा उनकी चूत के अन्दर आधा जा चुका था। अब उसने उनकी जांघों को अपने हाथों से मजबूती से पकड़ा और एक जोर का झटका दिया और आधा लंड अन्दर घुस गया।
“आआअह्ह .... ऊऊ.....ग्गुऊंन… इस्स स्स्स… ह्म्म्म…” चाची दर्द से कराह उठी...|
उसने बिना रुके एक और झटका मारा और जड़ तक पूरे लंड को उनकी चूत में घुसेड़ दिया। चाची मारे जोर के दर्द से चिहुंक उठी... “आआह्ह्ह्ह..... माsssssss.........” | थोड़ा सा रुक कर उसने लंड को थोड़ा बाहर निकाला और फिर अंदर घुसा कर धीरे धीरे धक्के मारने लगा। हर धक्के के साथ चाची सिसकारियाँ भरती जा रही थीं और उनकी चूत से आती ‘फच्च...फच्च..’ की आवाज़ बता रही थी की उनकी चूत गीली होती जा रही है |
ठप्प्प… ठप्प्प्प… ठप्प्प… ठप्प्प… बस यही आवाजें सुनाई दे रही थीं उस आदमी के जोर जोर से धक्के देने से….
करीब दस मिनट तक ऐसे ही लंड पेलते पेलते उसने उनकी टाँगे छोड़ दीं और अपने रूखे हाथों को आगे बढाकर उनकी चूचियों को थाम लिया। और बहुत मस्ती में भर कर चूचियाँ मसलकर चुदाई का मज़ा लेने लगा....और चाची को तो देख कर लग रहा था जैसे की उनको भी इसमें मज़ा आ रहा है । उनके मुँह से लगातार ‘ऊह्ह्ह्ह...उऊंन्ह्ह....आआह्ह्ह्ह.... ग्गुऊंन......... ग्गुऊंन...............इस्स...स्स्स्स..... ह्ह्म्मम्म...आआह्ह’ | और उनकी इस मदमस्त कराहें उस आदमी को और जोश से बार दे रही थी |
करीब बीस मिनट की चुदाई के बाद अचानक से चाची बोल पड़ी...
“उफफ्फ… मैं..... आःह... अब्ब..औरररर..... आई… मैं .... नहींsssssss.......आईई… ओह्ह्ह… ओह्ह्हह… आआऐ ईईइ।” चाची के पैर और शरीर अकड़ गए और वो एकदम से ढीली पड़ गईं।
वह आदमी भी एक ज़ोरदार , ‘आआह्ह्ह..’ से कराहा और तेज़ लम्बी साँसे लेता हुआ धीरे धीरे चाची के ऊपर लेट गया...
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