RE: Gandi Sex kahani भरोसे की कसौटी
तभी मेरी नज़र उनके टेबल के नीचे गई ... और थोड़ा चौंक उठा ... वो आदमी अपना बायाँ हाथ चाची के दाएँ जाँघ पर रख कर पूरे जांघ को ऊपर से नीचे घुटनों तक और फिर घुटनों से ऊपर कटिप्रदेश तक ले जा रहा था | बड़े आराम से, पर साथ ही थोड़ा तेज़ और रफ़ली हाथ फेर रहा था चाची की जाँघ पर | आदमी को देख कर तो कतई ऐसा नहीं कहा जा सकता था की उसके हाथ नरम होंगे... वहीं इसके उल्ट चाची को तो नरम त्वचा का दूसरा नाम कहा जा सकता था... उस आदमी के खुरदुरे हाथ के अपने जांघ पर स्पर्श से चाची के शरीर में सिहरन दौड़ रही थी ... तभी तो रह रह कर वो काँप उठती थी | इतना ही नहीं, हद तो तब हुई जब उस आदमी ने धुआं छोड़ते हुए चाची की तरफ़ थोड़ा झुक कर उनके दाएँ गाल पर एक किस दे दिया | गाल पर किस होते ही चाची चौंक कर इधर उधर देखी ... किसी को खुलेआम अपने प्यार का इज़हार करने के मूड में था वो आदमी.. पर अच्छे से समझ आ रहा था की ये प्यार व्यार कुछ नहीं... सिर्फ वासना का गन्दा खेल खेलने की बेकरारी है |
अभी ये सब चल ही रहा था की तभी दो काम एक साथ हुआ...
वेटर मेरा ऑर्डर ले आया और उधर एक हैट पहना हुआ, लाइट ब्राउन कलर का ब्लेजर-ट्राउजर , वाइट शर्ट पर रेड टाई लगाया हुआ आदमी, देखने से उम्र यही कोई पचास – पचपन का होगा, आया और चाची वाले टेबल में, खाली वाले चेयर पर बैठ गया.. उसके बैठते ही चाची ने थोड़ा डर और थोड़ा आश्चर्य आँखों में लिए अपने साथ वाले आदमी की ओर देखा और तुरंत ही अपने जांघ पर गोल गोल घूम रहे उसके हाथ को झटक कर दूर किया.. पर उस आदमी ने बड़ी ही बेशर्म वाली मुस्कान लिए फिर से चाची की जांघ पर हाथ रखा और आँखों के इशारों से चुप रहने को कहा | करीब दस मिनट तक शान्ति बनी रही | फिर उस ब्लेजर वाले आदमी ने कोई कोड बोलने को बोला पठानी सूट वाले आदमी को ... पठानी सूट वाला आदमी मुस्कुरा कर चाची की ओर देखा और आँखों के इशारे से कुछ कहा.. चाची सहमी हुई इधर उधर देखते हुए अपने दाएँ तरफ़ से सीने पर से पल्लू को सरका कर नीचे की और बिकिनी ब्लाउज के कप को थोड़ा और नीचे कर दी... वो दोनों आदमी तो बस देखते ही रह रहे थे उस तरफ़...
बिकिनी ब्लाउज कप थोड़ा नीचे होते ही चाची के दाईं चूची के निप्पल के थोड़ा ऊपर एक लाल रंग का दिल बना हुआ था... (शायद लाल रिफिल वाले पेन से)... और उस दिल के ऊपर, ब्लैक या ब्लू कलर से कुछ लिखा हुआ था जो मेरे से पढ़ा नहीं गया | चाची ने अपने निप्पल को अंगूठे से छिपा रखा था .... चेहरे पर शरारत सी शर्मो ह्या की लालिमा छाई हुई थी और साथ ही बेईज्ज़ती और किसी अनहोनी की आशंका का डर भी सताया हुआ था |
कुछ देर तक लगातार देखने के बाद उस आदमी ने खुद को संभाला... और गला साफ़ करते हुए बोला,
“हह्म्म्म... कोड सही है... गुड..जल्दी मुलाकात हो गई |” हैट वाला बोला |
“तो अब काम की बात करें?” पठानी सूट वाला बोला |
हैट – “हाँ.. बिल्कुल... ये बताओ मेरे माल देने के बाद मुझे मेरा माल कब मिलेगा?”
सूट – “पहले माल का डेमो देखेंगे... फिर फैसला करेंगे...”
हैट – “ओके... आज डेमो लाया हूँ... दिखाऊँ ??”
सूट – “बिल्कुल... |”
हैट वाले ने अपने ब्लेजर के अन्दर के पॉकेट से एक छोटा काला डिब्बा निकाला और बड़ी ही सावधानी से टेबल पर रख दिया.. फिर इधर उधर देखते हुए वो बॉक्स खोलना चाहा ... इस पर सूट वाले आदमी ने हँसते हुए कहा... “हाहाहा ... मिस्टर सैम.. डरिये नहीं... ये जगह हम जैसे लोगों के लिए ही है..|” सैम के साथ साथ मैंने भी एक बार हल्का सा नज़र उठा कर अपने चारों तरफ़ देखा ... देखा की वहां मौजूद आधे से ज़्यादा लोग महँगे कपड़ो में थे... पर साले सबके शक्ल एक जैसी थी... माफ़िया जैसी...वो भी कोई ऐरा गेरा नहीं.... एकदम हाई प्रोफाइल...!..
सैम थोड़ा निश्चिन्त होते हुए बोला, “थैंक्स मैन ..” और तुरंत ही उस बॉक्स को खोल दिया... बॉक्स के ढक्कन को खोल कर अलग करते ही उसमें से कुछ चमक कर बाहर आने लगी.. मतलब.. रोशनी... वो रोशनी... वो चमक बाहर आने लगी... और इस चमक में एक अलग ही बात है... सूट वाले आदमी का मुँह खुला का खुला ही रह गया | उसने धीरे से उस बॉक्स में हाथ डाला और और कुछ उठा कर अपने आँखों के बिल्कुल सामने ले आया... अब मैंने अच्छे से देखा ... वो दरअसल छोटे छोटे डायमंड के टुकड़े थे... अच्छी खासी चमक वाले... चाची की भी आँखें चौधिया गईं थीं.. और आँखें फाड़े ऐसे देख रही थी जैसे की उन्हें विश्वास ही नही हो रहा है |
“ह्म्म्म... उम्दा है.. | सूट वाले ने कहा...|
हैट – “तो डील पक्की...??”
सूट – “ह्म्म्म.... हाँ.. |”
हैट – “तो कल कहाँ होंगी माल एक्सचेंज?”
सूट – “वो तुम्हे बता दिया जाएगा...|”
हैट – “ओके...”
उसके लिए भी शायद कॉफ़ी आया था | हैट वाले ने कॉफ़ी ख़त्म की और वहां से ‘गुड बाय’ कह कर चला गया | उसके चले जाते ही सूट वाले ने चाची के दाएँ स्तन पर हाथ रखा और तीन चार बार जल्दी जल्दी पर जोर से दाब दिया | चाची मारे दर्द के बिलबिला उठी, “आःह्हह्ह्ह्ह...ऊऊच्च्च्च...” ... | उस आदमी ने इतनी जोर से दबाया था की चाची की आँखों में आँसू आ गये थे...|
|