RE: Antarvasna चुदने को बेताब पड़ोसन
जब मैं जमरूदपुर में किराए के मकान में रहता था। दूसरे फ्लोर पर जीने के साथ ही मेरा पहला कमरा था। एक फ्लोर में 5 कमरे थे और चारों फ्लोर किराएदारों से भरे थे। जिनमें अधिकतर फैमिली वाले ही रहते थे। यह कहानी भी वहीं से शुरू होती है। मकान-मालकिन को चोदने के बाद जब मैंने उससे मिलने को मना कर दिया। तो मैं फिर अकेला पड़ गया। हर वक्त किसी ना किसी को चोदने को मन करता था।
फिर मेरी नजर मेरे साथ वाले कमरे में रहने वाली एक सिक्किम की भाभी अनुपमा पर पड़ी। जो अपने एक दो साल के बेटे और पति के साथ रहती थी। जिसकी उम्र 24 साल और लम्बाई 5'6' थी और देखने में थोड़ी सांवली थी। पर उसका फिगर मस्त था।
उसका पति किसी कम्पनी में कार पार्किंग का काम करता था। इसलिए वह सुबह 7:00 बजे जाता और रात को 10:00 बजे वापस आता था। वो कभी-कभी डबल ड्यूटी भी करता था। इसलिए दोनों माँ-बेटे कभी जब हम कमरे में होते थे। तो हमारे ही कमरे में टीवी देखा करते थे।
मैं और मेरा दोस्त उससे कभी-कभी मजाक कर लेते थे। तो वह भी उसका जवाब हँसकर देती थी। इसलिए वो हमसे जल्दी ही घुल मिल गई थी। मकान-मालकिन के बाद मुझे उसे चोदने की बहुत इच्छा कर रही थी। पर
सही मौका नहीं मिल रहा था। लौड़े की खुराक के लिए उसे पटाना भी जरूरी था।
एक बार मेरा दोस्त दिन में इयूटी गया था और मेरी छुट्टी थी। वो मेरे कमरे में टीवी देख रही थी। मैंने बात शुरू की, मैं बोला- “भाभी, आपने लव मैरिज की या अरेंज?”
भाभी- अरेंज, मैं यहीं दिल्ली में नौकरी करती थी। घर में बात चली तो तुम्हारे भैया ने मुझे यहीं पसंद कर लिया और जल्दी ही हमारी शादी हो गई।
मैंने कहा- भाभी, तुम तो दिल्ली में रहती थीं। क्या तुम्हारा शादी से पहले कोई ब्वायफ्रेन्ड था?
भाभी- “हाँ था तो... पर ये बात अपने भैया को मत बताना। नहीं तो वो मेरे बारे में पता नहीं क्या सोचेंगे?”
मैं- ठीक है, मैं आपकी कोई भी बात भैया को नहीं बताऊँगा और आप भी, जो बातें मैं आपसे करता हूँ। वह भैया को मत बताया कीजिए।
भाभी- ठीक है नहीं बोलूंगी। तुम्हारी है कोई दोस्त?
मैं- हाँ भाभी, पहले थी, पर अब नहीं है।
अब धीरे-धीरे भाभी मुझसे बात करने में खुल रही थीं।
भाभी- उसके साथ कुछ किया भी, या ऐसे ही समय खराब किया?
मैं- “हाँ भाभी, सब कुछ किया। अब उसकी शादी हो चुकी है इसलिए सब खत्म..” मैंने झूठ बोला और पूछा
आपने किया था उससे?”
भाभी- हाँ मैंने भी सब कुछ किया था। एक साल उसी के साथ रही थी। पर यह बात अपने भैया को मत बताना।
मैं- “मैं क्यों बताऊँगा? अच्छा भाई को पता नहीं चला कि तुम पहले से चुदी' हो?” मैं जरा और खुल गया।
भाभी- “तुम्हें ऐसी बातें करते शरम नहीं आती राज? बेर्शम कहीं के.." वो शर्माने लगी।
मैं- अरे यार भाभी, हम दोनों अकेले ही तो हैं। कौन सा मैं किसी को बता रहा हूँ। बताओ ना प्लीज।
भाभी भी खुल गईं- “जब किसी को पहली बार चोदने को मिलता है ना। तो वह कुछ नहीं देखता है कि माल कैसा है? उसे तो बस चोदना होता है। वैसे भी शादी से पहले मैं 6 महीने तक नहीं चुदी थी इसलिए चूत टाइट हो गई थी। उनका बड़ा लम्बा और मोटा है। तो ठोंकते वक्त उन्हें पता नहीं चला। वैसे भी मैंने चुदते वक्त । “आह्ह... ऊहह..” कुछ ज्यादा ही की थी...” अब सब कुछ खुल्लम-खुल्ला होने लगा था।
मैं- अच्छा भाभी, आपने कभी ब्लू-फिल्म देखी है। वही चुदाई वाली फिल्म।
भाभी अब गनगना उठी थीं- “हाँ... दो बार ब्वायफ्रेन्ड ने दिखाई थी। फिर रात भर खूब चोदा...” अब वो शर्माने लगी।
मैं- भाभी, मेरे पास है देखोगी? बड़ा मजा आएगा।
भाभी- आज नहीं, फिर कभी। कोई आ जाएगा।
मैं- “चलो थोड़ा तो देख लो...” मैंने बात बनानी चाही। क्योंकी थोड़ा में ही मेरा काम बन जाता।
भाभी- “ठीक है, पर पहले दरवाजा तो बंद कर दो...” भाभी की चुदास भड़क उठी थी।
मैंने फिल्म लगा दी। थोड़ी ही देर में गर्म सीन देखकर भाभी गर्म हो गई, और चूत खुजाने लगी। अचानक वह उठी और अपने कमरे में चली गई।
मैं अपना लौड़ा हिलाता हुआ उसे देखता ही रह गया। मेरे तो खड़े लण्ड पर धोखा हो गया। पर ये तो तय था कि कभी तो मैं उनको चोदूंगा ही। पर कब? ये मालूम ना था।
खैर, वो घड़ी भी जल्दी ही आ गई।
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