RE: Indian Porn Kahani शरीफ़ या कमीना
बब्ली यह सुनकर अकचकाई... पर फ़िर मुस्कुराते हुए अपने कमरे की तरफ़ चली गई। मैं अब सीढी के अंत में था जब बब्लू तेजी से मेरे पास आया।
बब्लू: राज... बब्ली को न्योता दे दिया है, अब यह तेरे पर है कि तू उसको कितनी जल्दी चौड़ी करता है। अब इसके आगे मैं कुछ
ज्यादा मदद अभी तो नहीं ही करूँगा।
मैं: थैंक्यू दोस्त... इतना ही काफ़ी है। जरा तनु की चुदाई शुरु हो ले कि उसको गर्म करता हूँ।
मैं अब अपना जींस-शर्ट खोल कर एक गंजी और बरमूडा पहन लिया था, जबकि बब्लू जल्दी-जल्दी सबसे पहले बब्ली वले रूम के कैमरे को लौग-औफ़ करके क्लोज कर दिया जिससे गलती से भी बब्ली यह न जान पाए कि उसका अपना भाई उसकी भी विडियो देखता है। साला अब एक नंबर का हरामी बन गया था। तनु के कमरे से तीनों कैमरा चेक हो जाने के बाद उसने स्पीकर औन किया और जब तनु की आवाज कानों में आई तो मैं भी स्क्रीन की तरफ़ मुडा। इस तीन दिनों में दीपू ने एक ४०" का टीवी अपने कमरे में लगा लिया था और अब हम और बड़े स्क्रीन पर तनु के कमरे के सीन देख रहे थे।
तनु: वहाँ साड़ी भी ले कर चलना है क्या?
दीपू: रख लेना एक सुंदर सी दुल्हन टाईप, वहाँ न्युडिस्ट कैंप में अंतिम दिन फ़ैंसी ड्रेस पार्टी होती है और जो जीता उसका सब पैसा
वापस कर दिया जाता है। तुम वहा भारतीय दुल्हन बन जाना, तुम्हारे लिए सबसे आसान होगा।
तनु: ठीक है फ़िर।
दीपू: जींस-टौप टाईप दो जोड़ी रख लोगी तो काम चल जाएगा। सात दिन में तीन दिन चार रात तो न्यूड ही रहना है वहाँ। बाकी
वहाँ कपडे गंदे भी ज्यादा थोडे न होंगे।
तनु: जींस नहीं है ना....।
दीपू: अरे तो लेगिंग्स रख लो ना दो। जींस से कम ही जगह लेगा बैग में ये लेगिंग्स। दिल्ली में एक बढिया स्पोर्ट्स शू खरीद लेना।
यहाँ तो सब दुल्हन टाईप सैंडल ले कर आ गयी हो। अब चलो आओ, आज का दवा खाओ पहले फ़िर सो जाना।
तनु आलमारी से अपना नाईट ड्रेस निकाल रही थी तभी बब्ली कमरे में आई.... उसने एक नाईटी पहना हुआ था तब। हम दोनों दोस्त को ऐसे तनु के कमरे की गतिविधि देख कर वो थोडा हिचकी भीतर आते समय। मैं उसे देख कर मुस्कुराया और बब्लू ने बिस्तर पर साईड में घिसकते हुए बब्ली के लिए जगह बनाया, फ़िर हाथ से पास आकर बैठने का इशारा किया। जब उसने देखा कि मैं आराम से बैठ कर अपनी बहन के कमरे की सब चीज देख रहा हूँ तो वो भी हमारे साथ बगल में बैठ कर टीवी पर नजर गडा ली। तनु को देर करते देख दीपू भैया फ़िर बोले।
दीपू: अरे आओ ना भी... ये ड्रेस-फ़्रेस का चक्कर छोडो। ये सब तो वैसे भी एक-सवा घन्टा देह पर रहने वाला नहीं है। चलो जल्दी
से अपना दवा खाओ और मुझे अपना वाला खाने दो अब, चलो इधर आओ जल्दी से।
यह कह कर दीपू भैया अपना कपडा अपने बदन से उतारने लगे। पहले टीशर्ट खोला और एक तरफ़ ऊछाल दिया। उनका चौडा सपाट सीना अब साफ़ दिख रहा था। फ़िर अपना जींस उतारने लगे तो मैंने एक नजर बब्ली को देखा। उसकी नजर सामने स्क्रीन पर लगी हुई थी और वो भैया को नंगे होते देखने में मशगुल थी।
दीपू: चलो आओ अब यार, यह कपडा तो अब निकालो, बीवी हो मेरी।
तनु अब हँसते हुए आई और फ़िर घुटनों पर बैठ कर दीपू भैया के अंडर्वीयर को नीचे ससार कर उनके खड़े लन्ड को अपने हाथों से सहलाने के बाद अपने मुँह में ले कर चुसने लगी। मैं देख रहा था कि तनु हर बीतते दिन के साथ ज्यादा बेहतर होती जा रही थी सेक्स के मामले में। बब्लू और बब्ली की नजरें भी तनु को इस तरह से दीपू भैया के लन्ड को चूसते देखने में लगी हुई थी और कोई कुछ बोल नहीं रहा था। दीपू भैया अब तनु के बदन से उसकी साडी खींचने लगे थे और उसने भी पेट के पास अपने हाथ ले कर साडी के वो भाग जो भीतर दबा रहता है निकल दिया था और लगातार लंड को चूसे जा रही थी। बीच-बीच में अपने जीभ से पूरा चाट भी लेती थी। दीपू भैया ने झुक कर अब उसके ब्लाऊज के हुक खोलने शुरु कर दिये थे। जल्द ही वो ब्लाऊज भी हटा दी और फ़िर खुद ही खडी हो कर अपना पेटीकोट खोल दी। दीपू भैया अपना फ़नफ़नाया हुआ लंड ले कर सामने खडे हो कर सब देख रहे थे, और हम तीनों उस दोनों देख रहे थे। मेरी बहन अब सिर्फ़ एक गुलाबी ब्रा-पैन्टी में मुस्कुराते हुए दीपू भैया को देख रही थी। तभी दीपू भैया ने उसको अपनी गोदी में उठा लिया और फ़िर बिस्तर पर पटक दिया।
बब्लू: यार... अपना भाई ऐसा रोमैंटिक कब से हो गया?
मैं: सब मेरी बहन का कमाल है। (बब्ली चुपचाप सब देख रही थी, मेरी बात पर उसने पहली बार नजर घुमाई)
बब्ली: राज भैया, आप कैसे यह सब देख रहे हैं आराम से?
मैं: जैसे तुम देख रही हो अपने दीपू भैया को आराम से? ( मैंने उसकी टोन मिलाते हुए जवाब दिया)
बब्ली: फ़िर भी.... भाभी आपकी बहन है, और अपने ससुराल में है।
मैं: हाँ तो मैं भी अपने दोस्त के साथ हूँ और उसकी भाभी की नाईट-लाईफ़ देख रहा हूँ।
बब्लू: साले...नाईट-लाईफ़ देख रहा है? साफ़ कह न कि अपनी बहन की चुदाई देखने बैठा हुआ हूँ। ये बब्ली लडकी होकर जरा भी
ना शर्माई जब मैंने उसको न्योता दिया और तुम हो कि साले सच बोलने में हिचक रहे हो।
मैं: हाँ दोस्त... आजकल का जमाना ही उल्टा हो गया है। बहन सब ही भाई से आगे हो गयी है। यहाँ बब्ली को देख ही रहा हूँ और
सामने तनु को देख लो, कैसे न्योता दे रही है।
बब्ली: हा हा हा... गर्ल-पावर.... जिन्दाबाद।
अब तनु के पैन्टी उतर गयी थी और वो अपने टाँग खोल कर दीपू भैया से अपना बूर चटवा रही थी। बब्लू ने अब बिस्तर के ऊपर वाला कैमरा का सीन बडा कर दिया था और तनु अपने हाथ बाहर की तरफ़ खोल कर बिस्तर पर पसरी हुई थी। चुचियों पर अब भी उसके ब्रा था पर कमर से नीचे वो पूरी नंगी थी। दीपू उसकी बूर चाट रहा था और बीच-बीच में हमें उसके बूर के ऊपर बने दिल की झलक मिल रही थी।
तनु: जरा ब्रा खोल दीजिए न, कम-से-कम अपने हाथ से तो मसलूँ।
दीपू: खोलता हूँ रानी, जरा दो मिनट यह जीवन-टौनिक तो पीने दो न प्लीज, इसके बाद दूध ही पीना है।
और दीपू भैया अब उठे फ़िर उसका ब्रा खोल कर उसकी चुचियों को मसलने लगे। एक को हाथ से मसलते तो दूसरी को चूसते। जब वो उसकी निप्पल को मुँह में ले कर चुभला रहे थे तब तनु बोली।
तनु: अल्ले मेला बाबू.... दुद्धू पी लहा है। मीत्था-मीत्था है मम्मी का दूद्धू... मेला लाजा, मेला छोना।
बब्ली: माय गौड... ये क्या बोल रही है?
बब्लू: सब लडकी में एक माँ होती है, तो उसकी माँ जाग गयी हो और अपने बेटे को दूध पीला रही है। तुम भी जब समय आएगा
पीला लेना अपने बाबू को अपना दूध... बेवकूफ़ लडकी।
मैं: यार अब मन बेकाबू हो रहा है...।
बब्लू: निकाल कर हिला फ़िर... और क्या उपाय है?
मैं: हाँ यार... पर बब्ली??? (बब्ली मुझे एक बार घूरी फ़िर टीवी पर नजर टिका दी, तो मैं बब्ली से बोला) बब्ली, तुम बुरा तो नहीं
मानोगी?
बब्ली: किस बात का?
मैं: अगर मैं अपना औजार बाहर निकल कर थोडा हिलाऊँ तो?
बब्लू: अबे कोई संकोच नहीं। बब्ली ऐसी लडकी नहीं है यार (फ़िर उसने बब्ली से बोला) क्यों बब्ली, अगर तुम्हारा भी मन हो रहा
हो तो खेल सकती हो अपनी ऊँगली से (वो हम दोनों को उकसा रहा था)
बब्ली: जी भैया...
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