RE: Indian Porn Kahani शरीफ़ या कमीना
दीपू: अब इसको भी तुम्हारी आँख पर बाँध दूँगा इसके बाद मैं कुछ नहीं बोलूँगा, बस चुप-चाप तुम्हारे बदन से खेलते हुए तुमको
चोदूँगा। बिल्कुल उस किताब के हीरो की तरह, और तुम आजाद हो जब जो बोलना हो बोल सकती हो, चीख सकती हो, गाली
दे सकती हो.... तुम इस मामले में आजाद हो।
तनु: बोलना है ही नहीं अब.... कल भैया सब सुन लिए तो आज तो अब सवाल ही नहीं उठता है।
तनु अब आँख पर पट्टी लग जाने से पूरी तरह से अंधी हो गई थी और मजबूर भी, उसके चेहरे पर घबड़ाहट थी। दीपू भैया ने उसको सांत्वना देते हुए कहा, "घबड़ाओ मत.... बस अपनी जवानी के मजे लूटो और मुझे भी मजे कराओ। तुम मस्त माल हो, टंच माल"। ये शब्द मेरे लिए एक सिग्नल थे कि अब वो पूरी तरह से काबू में है और मैं अब कमरे में आ सकता हूँ। मैंने अपने कमरे में ही अपने कपड़े उतार दिये और फ़िर नंगा हो कर अपनी बहन को चोदने के लिए उसके कमरे में घुस गया। दीपू भैया मेरेबगल में आकर फ़ुसफ़ुसाए, "अब तनु तेरी है राज.... जैसे चोदना है वैसे चोद, मैं आराम से सब देखूँगा। जब तुम चोद कर चला जाएगा तब मैं उसको चोदूँगा।" सामने बिस्तर पर मेरी छोटी बहन नंगी बँधी पडी थी और उसके इस सेक्सी गोरे बदन को देख-देख कर मेरा तो गला सूखा जा रहा था। मेरा लन्ड फ़नफ़नाया हुआ था। दीपू भैया ने मेरे खडे लन्ड को देख कर एक थम्स-अप दिया और इशारा किया कि मैं बिस्तर पर चला जाऊँ।
मैं जैसे ही बिस्तर पर चढा, तनु बोली, "आ गए क्या?" मैंने अपना मुँह बन्द रखा और तनु के गोरे सपाट पेट को पहली बार छुआ। अपनी बहन के नंगे पेट को ऐसे छूते ही मेरा लन्ड एक ठुनकी मारा जबकि तनु भी अपने बदन में सिहरन महसूस की और अपना पेट भीतर की तरफ़ हल्के से खींचा। मैंने अब अपनी पूरी हथेली उसके पेट पर रख दी तो उसके बदन के कंपन को मह्सूस किया। अब जब एक बार मैंने अपनी बहन के जवान नंगे जिस्म को छू लिया तो मेरा भी आत्मविश्वास बढ़ गया कि तनु को अब कुछ पता नहीं लगने वाला है। मैं अब झुका और उसकी मस्त नारंगी जैसी चूच्ची को एक हाथ से सहलाया और फ़िर उसके निप्पल को मुँह में ले कर चोसने लगा। एक निप्पल मेरे मुँह में रहता और दूसरे की घुंडी को मैं अपनी चुटकी से हल्के-हल्के मसलता रहता। तनु बस कुछ सेकेन्ड में ही सिसकी भरने लगी.... आहह्ह्ह्ह...इइइइइइइस्स्स्स्स्स्स्स्स। मैं अब तनु के साथ खुल कर सेक्स करने की मानसिकता में आ गया था, जबकि दीपू भैया अब अपना कपड़ा उतार रहे थे। मैंने अब अपना पूरा धयान तनु की तरफ़ लगाया और इस बार जब उसके मुँह से एक सेक्सी "आह्ह्ह" निकली तो मैं उठा और फ़िर उसकी छाती के दोनों तरफ़ घुटने टिका कर अपना खड़ा लन्ड अपनी बहन के होठ से सटा दिया और वो मासूम, बिना यह जाने कि यह लन्ड उसके बड़े भाई का है, अपना सर तकिए से हल्का सा उठा कर अपने मुँह में लेने की कोशिश की तो मैंने बिना देर किए अपना लन्ड उसके मुँह में घुसा कर उसके ऊपर झुक गया।
वो अपना सर अब फ़िर से आराम से तकिए पर रख ली थी और मैं अब उसके मुँह को चोदने लगा था। तनु अब "ऊँह ऊँह" करते हुए कभी लन्ड को लौलिपौप जैसे चूसती तो कभी चाटती। करीब एक मिनट चुसवाने के बाद मुझे लगा कि अब ज्यादा हुआ तो मुँह में ही मेरा लन्ड ब्लास्ट कर जाएगा, तो मैं अब अपना लन्ड उसके होठों से आजाद करके उसकी बूर की तरफ़ ध्यान दिया। मेरा बायाँ हाथ पहले उसकी बूर तक पहुँचा और मैंने उसकी क्लीटोरिस को सहलाना शुरु कर दिया और मेरी बहन मस्ती से कराह उठी। मैंने अपनी ऊँगली उसकी बूर में घुसा दी। मैं अब बिल्कुल भूल गया कि यह कसी हुई बूर किसी और लडकी की नहीं बल्कि मेरी अपनी छोटी बहन तनु की है। हम दोनों एक ही माँ की कोख से पैदा हुए हैं। तनु अब मस्ती से भर गयी थी और अब वो अपने हाथ छुडा कर अपनी पट्टी हटाने के चक्कर में थी। पर वो खुद से तो यह सब कर नहीं सकती थी, और न मैं और न ही दीपू भैया इस मूड में थे कि तनु की इच्छा पूरी की जाए। वो अब गिडगिडाते हुए अपने हाथ खोलने के लिए बोल रही थी, साथ ही गले से अलग-अलग किस्म की सेक्सी आवाजें निकाल रही थी। मैं अब उसके दोनों टाँगों को खोल कर उसके बीच में बैठ गया था उर फ़िर उसकी गीली बूर को अपने जीभ से चाटने लगा था। मजबूरी और मस्ती से भर कर अब वो चीख रही थी। उसका बदन गर्म हो कर जलने लगा था और मैं अब उसके बदन की गर्मी को महसूस कर रहा था। अब वो खुले शब्दों में कह रही थी, "आह्ह्ह्ह्ह्ह.... अब चोदो न....आह अब नहीं रहा जाता...जीभ हटाओ.... ओ माँ...मम्मीईईईईईए.... इइइइस्स्स्स्स प्लीज चोद दीजिए....प्लीज अब जल्दी से चोद कर मुझे खोल दीजिए न" उसकी बोली सुन कर लग रहा था कि वो अब रो देगी।
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