RE: Hawas ki Kahani हवस की रंगीन दुनियाँ
फिर मै आंटी के गालों को चाटने लगा ....बीच-बीच में गालों पर हल्के दांत भी गडाने लगा ..मुझे बहुत मजा आ रहा था ...आंटी भी मेरे लंड को सहलाकर .....मसलकर( जब मै दांतों से गालों को काटता तो वो लंड को मुठ्ठी में पकड़कर मसलने लगती ) मूसल बना रही थी | अब मैंने आंटी के होंटों को अपने होंटों से दबाकर चूसने लगा और अपने दोनों हांथो से उनकी बड़ी बड़ी चुन्चियों को मसलने लगा ....
आ...ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह...........आंटी मेरे मुंह से अपना मुंह हटाते हुए सिसकी ..........बेटा ! इतनी बेदर्दी से मेरी चूचियां मत दबाओ....आखिर , मै तुम्हारी माँ हूँ .......
मै फुसफुसाया - तू माँ नहीं एक नंबर की चुदक्कड़ रंडी है .....अपने बेटे का लंड मसल रही है ......तेरी बुर चुदने के लिए तडफड़ा रही रही है .......बोल चुदेगी अपने बेटे से ....
अचानक पता नहीं क्या हुआ ...आंटी उतेजना में जोर जोर से बोलने लगी - हाँ , वरुण बेटा हाँ ! .....आज चोद ले अपनी माँ को जी भरके .......मै तेरे लंड के लिए तड़प रही हूँ ......घुसा दे अपने मुसल को मेरी बुर में ......देख यही से तो तू आया है ....(आंटी ने मेरा लंड छोड़कर अपनी बुर को अपने हांथो से छितराकर दिखाने लगी )
मै भी उठकर बैठ गया और आंटी की छितराई बुर को देखने लगा | आह ...मजा आ गया ......बुर के अन्दर की बिल्कुल सफ़ेद मांस दिख रहा था जिसमे से रिसकर मदनरस बाहर आ रहा था .... मैंने अपना मोबाइल उठाया और बुर का क्लोजअप शॉट लेने लगा , फिर मैंने ऑडियो पर ऊँगली रखकर (अपना आवाज छिपाते हुए ) आंटी से कहा - मम्मी ! जरा अपनी बुर को उँगलियों से चोदो , मुझे तुम्हे मास्टरवेट करते हुए देखना है ....
उईईइ....(आंटी ने बुर में अपनी दो उँगलियाँ डाली )........बदमाश कही के ! घोड़े जैसा लंड रखकर भी अपनी माँ को उन्ग्लीचोदन के लिए कह रहा है ...........आ...ह...ह.........इ...स्स.....स्स.........अब ....बर्दास्त.... नहीं ....हो रहा है .......पेल दे ....आ..ह....बेटा ...अपनी ...माँ को क्यों तडपा रहा है .....बस....अब चोद ....मुझे ..
मै फटाफट इतने अच्छे दृश्य को अपने कैमरे में कैद कर रहा था , अब लेकिन मेरे लिए भी रुकना मुश्किल हो रहा था | ऑडियो पर ऊँगली रखते मै फिर बोला- मम्मी! तू तो मस्त चुदासी है ...अपने बेटे के लंड खाने के लिए मरी जा रही है ....अब देख मै कैसे फाड़ता हूँ तेरी बुर ......चाहै तू जितना चिल्ला .....बिना फाड़े नहीं मानूंगा ......ले संभाल अपने बेटे का गदहलंड .....
मैंने आंटी के जांघो को पकड़कर अपने कंधे पर डाला और उनके ऊपर झुककर अपना मूसल उनके ओखल में एक ही झटके में धांस दिया .....४० साल की फटी बुर मेरे प्रथम प्रहार से और फटती हुई बिलबिला उठी......
मार.... दिया..... रे ........हाय रे........ मेरे.... जालिम......चोदू.......आ......ह्ह्ह्ह्ह,,,,,,,,,फ..ट....गयी...मेरी.............................अपनी....माँ....को....इतनी.....बेदर्दी.....से...ना..............चो..द...........इ....स्स.................मै गयी.....इ..इ...इ.....ई........| ये क्या...... आंटी तो दो तीन झटको में ही झड़ने लगी , मै सबेरे से तीन बार झड चूका था मै इतनी जल्दी तो कभी नहीं आ सकता था .......
इसलिए मै लगातार चोदे जा रहा था ....लगभग १० मिनट तक मै दनादन चोदता रहा.........आंटी के बुर से पानी नहीं झड़ना बह रहा था .....पूरा कमरा फच-फच ...घच-घच...की आवाज से गूंज रहा था .....इस दौरान आंटी का शारीर कई बार तना और रिलैक्स हुआ |
मै एक हाथ से आंटी की चुदते हुए एक्सप्रेशन की विडियो बना रहा था , फिर विडियो बंद कर मैंने आंटी के आँखों की पट्टी को खोल दिया |
आंटी बार-बार छोड़ दे बेटा ....छोड़ दे बेटा ....अब मत चोद.....मेरे में अब जान नहीं है ....मेरी बुर भी चनचना रही है ( शायद मेरे लंड ने बुर का कोई कोना छिल दिया था )........|
मै अब भी झड़ा तो नहीं था ,लेकिन एक ही आसन में चोदते-चोदते थोडा थक गया था | मैंने आसन बदलने के लिए लंड को बाहर निकाला तो आंटी जान में जान आई , वो तुरंत छिटककर बिस्तर के किनारे बैठ गयी |
मै बिस्तर के नीचे खडा हो गया .....मेरा लंड अब भी फुफकार रहा था ......
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