RE: Hawas ki Kahani हवस की रंगीन दुनियाँ
मैं ज़ोर ज़ोर से चुदने लगी। जब जब उसका लंड मेरी बच्चेदानी से रग़ड़ ख़ाता, मानो स्वर्ग बिस्तर पे आ गया लगता था।
अब मैं खुद नीचे से बोली- हाए मेरे ख़सम ! फाड़ डाल ! छोड़ना मत !
और मैं गाण्ड उठा उठा के चुदने लगी। उसने मुझे घोड़ी बना लिया और पेलने लगा। मैं झड़ गई लेकिन वो थमा नहीं। करीब २५ मिनट यूँ ऐसे ही गैर मर्द की बाहों में झूलती हुई जो चुदी।
उसने अपना गरम गरम पानी जब मेरी बच्चेदानी के पास में छोड़ा, मैं पागल हो गई। कितना लावा निकालता था उसका लंड !
मॉम की चुदाई की कहानी सुन कर में तो सन्न रह गया,में मॉम के बूब्स जोर से मसलता हुआ बोला,मुझे भी आप ऎसे ही सुख दीजिये न,में भी आपकी ऐसी ही मस्त चुदाई करना चाहता हु। मॉम ने मेरा लौड़ा जोर से पकड़ा और उसे हिलाते हुए कहा चिंता मत कर बेटे जब मौका मिलेगा में तुझे तेरी बीबी बनकर चुदाई का सुख दूंगी। और वो मौका मुझे जल्दी ही मिल गया डैड रचना को लेकर मेडिकल की कोचिंग करवाने के लिए कोटा ३-४ दिन के लिए चले गए अब घर पर मॉम और अकेले रह गए,मेने मॉम से कहा की क्या रात वो मेरी बीबी बनकर चुदना पसंद करेंगी मॉम ने सहमति में अपना सर हिलाया और कहा की में कंही घूम कर आ जाऊ तब तक वो अपनी चुदाई की तैयारी करती है वो मेरे से लिपट ग यी मेरी आग और भड़क गयी ,मेने तो अब सोच लिया की किसी भी तरह मॉम की मुझको चुदाई करनी है|
आज तो दिन भर मॉम रात कि तैयारी में ही लगी रही. सबसे पहले अपनी चूत को चका चक बनाया और फिर पूरे शरीर पर उबटन लगवाकर, गुलाबजल मिले गर्म पानी से स्नान किया. आजउ न्होंने अपनी शादी वाला जोड़ा पहना था. गले में मंगलसूत्र, हाथों में लाल रंग कि चूड़ियाँ, बालों में गज़रा और आँखों में कज़रा. पांवों में पायल और कानो में सोने की छोटी छोटी बालियाँ . उन्होंने हाथों में मेंहंदी लगाई और पावों में महावर.वो तो आज पूरी दुल्हन की तरह सजी थी जैसे कि मेरी सुहागरात हो. पूरे कमरे में गुलाब कि भीनी भीनी खुशबू और पलंग पर नयी चद्दर, गुलाब की पंखुडियां पूरे बेड पर बिछी हुई और 4-5 तकिये. साइड टेबल पर एक कटोरी में शहद और गुलाबजल, 5-6 तरह की क्रीम, तेल, वैसलीन, पाउडर आदि सब संभाल कर रख दिया था. एक थर्मोस में केशर, बादाम और शिलाजीत मिला गर्म दूध रख लिया था. आज तो पूरी रात हमें मस्ती करनी थी. और आज ही क्यों अब तो अगले 4 दिनों तक . |
और फिर वो लम्हा आ ही गया जिसके लिए मैं पिछले 2 महीनो से बेकरार था . मेने चूडीदार पायजामा और सिल्क का कुरता पहना . मॉम तो मेरे से इस कदर लिपट गयी जैसे कोई सदियों की प्यासी कोई विरहन अपने बिछुडे प्रेमी से मिलती है. मैंने उन्हें अपनी बाहों में भर लिया और अपने जलते हुए होंठ उसके थरथराते हुए होंठों पर रख दिए. मैं तो उन्हें बेतहासा चूमते ही चली गया . वो तो बस ऊँ…उन्नन.. आआं.. ही करता रह गयी . अचानक मैंने उसके गालों पर अपने दांत गडा दिए तो उनकी चींख निकलते निकलते बची. उन्होंने भी मुझे जोर से अपनी बाहों में कस लिया. यही तो मैं चाहता था . कि वो आज की रात मेरे साथ किसी तरह की कोई नरमी ना बरते. बस वो मेरे जलते बदन को पीस ही डाले और मेरा पोर पोर इस कदर रगडे कि मैं अगले दो दिन बिस्तर से उठ ही ना पाऊं.
3-4 मिनिट तक तो हम इसी तरह चिपके खड़े रहै. हमें तो बाद में ख़याल आया कि हमने कितनी बड़ी बेवकूफी की है ? जोश जोश में दरवाजा ही बंद करना भूल गए. है भगवान् तेरा लाख लाख शुक्र है किसी ने देखा नहीं.
मैंने झट से दरवाजा बंद कर लिया और फिर दौड़ कर मॉम से लिपट गया . मेने उन्हें अपनी गोद में उठा लिया. उन्होंने मेरे गले में अपनी दोनों बाहें डाल दीं और मेरे सीने से अपना सिर लगा दिया. उनके उरोज उसके सीने से लग गए थे. उनके दिल की धड़कन तो किसी रेल के इंजन की तरह धक् धक् कर रही थी. उनके होंठ काँप रहै थे और उनकी तेज और गर्म साँसे तो मैं अपने सिर और चहरे पर आसानी से महसूस कर रही था . पर उस समय इन साँसों की किसे परवाह थी. में उन्हें गोद में उठाये ही चोबारे में ले आया. हलकी दूधिया रोशनी, गुलाब और इत्र की मादक और भीनी भीनी महक और मॉम के गुदाज़ बदन की खुश्बूमुझे मदहोश करने के लिए काफी थी. जब में ये सब लिख रहा था तब मॉम साथ बैठी थी उन्होंने कहा की आगे की कहानी में मेरे शब्दों में बया करती हु /
|