RE: Hawas ki Kahani हवस की रंगीन दुनियाँ
उसने मेरी कमर पकड़ कर पेलना शुरू किया और अपने घस्से ज़ोर ज़ोर से मारने लगा लेकिन मेरा झड़ने का कोई हिसाब नहीं बन रहा था। मैंने उसे कहा- लगता है कि मुझे समय लगेगा झड़ने के लिये !
वो बोला - कोई बात नहीं ! तुम लगी रहो, जब समय आएगा तब झड़ जाना !
उसने अब मेरी गांड के नीचे एक तकिया लगाया और उसके ऊपर चढ़ गया। मेरी सिसकारियाँ अब तेज़ हो रही थी, मैंने काफ़ी कोशिश की पर मेरी चूत झड़ने को तैयार नहीं थी । फिर मैंने सोचा कि अगर उसका लंड एक कसी सी चीज़ में जाए तो शायद और मज़ा आए और मैं झड़ जाऊँ । मैंने उसे अपना लंड मेरे गांड के ऊपर फेरने के लिए कहा।
राजेश शायद मेरा इशारा समझ रहा था, वो बोला- क्या इरादा है? गाण्ड मरवाने का का इरादा है क्या?
मैंने कहा- हाँ यह तो तुम्हारी ही है लेकिन ज़रा प्यार से इस्तेमाल करना क्योंकि यह अभी बिल्कुल कुँवारी है।
उसने झटक से उसके गांड पर सुपारा रखा और ज़ोर से पेल दिया। उसका मोटा लंड मेरी गांड में सिर्फ़ दो इन्च जाकर फँस गया और मेरी चीख निकल गई, बोली- उफ़फ्फ़ आहह ! निकाल दो इसे बाहर ! बहुत दर्द हो रहा है, मर गई ...आये ए हह आ आ आ !
उसने अपना लंड घबराकर बाहर निकाला और फिर धीरे धीरे उसे अंदर डालना शुरू किया, साथ में मैं अपने हाथ से मेरे मम्मे दबा रहा था जिससे गर्मी और बढ़ती जा रही थी। उसने लगभग चार इन्च लण्ड घुसा दिया था और फिर एक बार ज़ोर से झटका मारा और पूरा का पूरा लौड़ा मेरी गाण्ड में घुस गया। अब मैं भी उसका फिर से भरपूर साथ दे रही थी। उसने मुझे ज़ोर ज़ोर से पेलना शुरू किया और मेरी कसी गांड में उसका लंड बहुत मज़े से चुदाई कर रहा था। फिर वो कुछ देर बाद मेरी गांड में ही झड़ गया। मेरी जिंदगी में वो पहला गांड मरवाने का अनुभव था।
मैंने कभी ख्वाब में भी नहीं सोचा था कि असल में मुझे कोई ऐसा पराया मर्द मिलेगा जो मेरी इस तरह से चुदाई करेगा।अब तो ये हमारा रोज का काम हो गयातेरे डैड के जाते ही असलम उप्पर कमरे में आ जाता और मेरी जमकर चुदाई करता।।वो मुझे गलियों से बात करता और में भी उसे खूब गलिय देती।
मॉम की बात सुनकर मेरा लौड़ा खड़ा हो गया ,मेने सोचा भी नही था की मेरी मॉम इतनी बड़ी हरामजदी और रंडी निकलेगी .मेने मॉम से कहा ये तो अपने डैड के बाहर जाने के बाद चुदवाया ,लेलेकिन क्या असा भी हुआ की अपने डैड का फायदा उठाया हो और फिर चुदवाया हो। मॉम ने कहा हाँ बाद में असा भी हुआ शादी के २ साल बाद तक एसा ही चला\ ,मेरी तक़दीर से अनिल को नेतागिरी का शोक हो गया और उन्होंने पार्षद का चुनाव लड़ने की ठानली,नेतागिरी में आते ही उन्हें पिने का चस्का भी लग गया,अब वो रोजाना ही शराब पीकर घर आने लगे,मेने सुना था की शराबी आदमी की सेक्स पावर bad जाती हें और उसे नशे में जो कहो वो उस बात को मान लेता हें \
मेने भी अनिल के शराब पिने की आदत का फायदा उठाने की सोची\अनिल अब जब भी वो शराब पीकर आते मुझे गलिया भी बकने लगते मुझे बड़ा ही अच्छा लगता की ये भाडू कुछ तो सीखा\अपनी लोड़ी को खड़ा कर वो मेरे उप्पर आते तो गालियों से शुरू हो जाते में तो गुस्से में होती थी सो में भी उन्हें जमकर गलिया देती\एक बार वो मेरी चुदाई करते समय गलिया देने लगे "ले खा भोसड़ी की, मेरा लौड़ा खा जा, साली कुतिया तुझे तो एक दिन अपनेदोस्तों
के साथ मिल कर चोदूंगा, भेन की लौड़ी, तुझे तो तेरी माँ के सामने चोद चोद कर तेरी चूत का भोंसड़ा बना दूँगा, तेरी मां दी फ़ुद्दी... हाय क्या गाण्ड है तेरी तो साली, तुझे तो कॉल गर्ल होना चाहिये था छिनाल !"
मेने भी उनका जोश बड़ाने के लिए कहाहाय और मारो राजा, मेरे चोदू छैला, जोर से मारो मेरी गाण्ड, हाय रे तेरा मस्त लौड़ा, मैं तो हारामजादे रण्डी बन गई, हाय अनिल मुझे गालियाँ दे ! भेनचोद, रण्डी, चुदैल, छिनाल बुला मुझे साले ! तेरी मां की चूत !"
मेरे गलिया बकते हीअनिल को जोश आ गया और वो तेजी से धक्के लगाने लगा मेने उसका जोश बड़ाने के लिए कहा "गाण्डू, साले मुझे मेरी मां के सामने चोदेगा तो मम्मी भी नंगी हो कर तेरे नीचे लेट जायेगी, तेरे लण्ड को देख कर वो भी रण्डी बन कर तेरा लौड़ा खायेगी, मादरचोद साले चोद मुझे पटक पटक कर, रन्डी बना कर चोद सजना, आज हलाल कर दे मुझे, जैसे कसाई बकरे को हलाल करता है, तड़पने दे मुझे, तेरी तो भेन की चूत ! तेरी बहन चुदवा दूंगी तेरे लौड़े से\
अनिल को पहली बार सेक्स में और वो भी नशे में ये सुन कर जोश आ गया और वो अपना लोडा मेरी गांड में डालने की कोशिश करने लगा में उत्तेजना में कहने लगी
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