RE: Hawas ki Kahani हवस की रंगीन दुनियाँ
“ओह चोदु,,,,, चोदो,,,,,, और जोर से चोदो। ओह, कस कर मारो,,,,,, और जोर लगा कर धक्का मारो। ओह,,,, मेरा निकल जाआयेएएगाआ,,,,, उईईईईई!!!!!! कुत्तेएएए, और जोर से चोद, मुझे। बडी बहन की बुर चोदने वाले,,,, चोदु हरामी,,,, और जोर से मारो, अपना पुरा लंड मेरी चूत में घुसा कर चोद,,,,, कुतिया के बच्चे,,,,,,,,श्श्शीशीशीईईईईईई,,,,, मेरा निकल जायेगाआआ,,,,,,”
मैं अब और जोर-जोर से धक्के मारने लगा। मैं अपने लंड को पुरा बाहर निकल कर, फिर से उसकी गीली चूत में पेल देता। रचना की चुचियों को दबाते हुए, उसके चुतडों पर हाथ फेरते और मसलते हुए, मैं बहुत तेजी के साथ रचना को चोद रहा था। मेरी बहन, अब किसी कुतिया की तरह कुकिया रही थी। और वो अपने चुतडों को नचा-नचा कर, आगे-पिछे धकेलते हुए, मेरे लंड को अपनी चूत में लेते हुए, सिसिया रही थी,
“ओह चोदो, मेरे चोदु भाई, और जोर से चोदो। ओह,,,,,, मेरे चुदक्कड बलमा, श्श्शीशीशीशीईईईई,,,,,,, हरामजादे,,,,,,, और जोर से मारो मेरी चूत को,,,, ओह,,,, ओह,,,,,ईईईस्स्स,,,,आआह्ह,,,, बहनचोद,,,,, मेरा अब निकल रहा हैएएएए,,,, ओओओओह्ह्ह,,, ,,, श्श्शीशीशीशीईईईई,,,,,!!!!!”,
कहते हुए, अपने दांतो को पीसते हुए, और चुतडों को उचकाते हुए, वो झडने लगी।
मैने भी झडने ही वाला था। इसलिये चिल्ला कर उसको बोला,
“ओह कुतिया,,,,, लंडखोर,,,, साआल्ली,,, मेरे लिये रुको। मेरा भी अब निकलने वाला,,,,,,,, ओह,, रानी,,,, मेरे लंड का पानी भी,,,,, अपनी बुर में लोओओओ,,, ओह,,, लो,,, लो,,,, ओह ऊउफ्फ्फ,,,,,,,”
ठीक उसी समय मुझे ऐसा लगा, जैसे मैं किसी के जोर से बोलने और चिल्लाने की आवाज सुन रहा हुं। जब मैने मुड कर देखा तो, ओह,,, ये मैं क्या देखा रहा हुं !!!!!! मेरे अंदर की सांस, अंदर ही रह गई। सामने मेरी मम्मी खडी थी। उसका चेहरा गुस्से से लाल हो रहा था। वो क्रोध में अपने होंठो को काट रही थी, और अपने कुल्हे पर अपने हाथ रख कर चिल्ला रही थी। उसका चिल्लाना तो, एक पल के लिये हम दोनो भाई-बहन को कुछ समझ में नही आया।
मेने मॉम से कहा की वो ऐसे रियेक्ट नही करे इसमें रचना की कोई गलती नही है मेने ही उसे सेक्स के लिए मजबूर किया है ,मॉम ने मुझे हिकारत भरी नजरो से देखते हुए कहा की मुझे पता नही था की तू इतना बड़ा कमीना निकलेगा।
मेने शांति से कहा की मॉम अब जो हो चूका वो हो चूका ,अब बेहतर ये ही है की आप और रचना चुदाई में हमेशा मेरा सहयोग करे नही तो आप को इसका खामियाजा उठाना पद सकता है। मॉम अब तो और भड़क गयी और वो अंत शांत बकने लगी में सब सुनता रहा ,थोड़ी देर बाद मेने मॉम से कहा की अब बहुत हो चूका,आप हमारे मौसम की इस तेस न करे अगर उन्हें भी इस मौसम में चुदाई का आनंद लेना है तो वो भी बेशरम बन जाये और थोड़ी देर के लिए ये सोच ले की रचना और में तो भाई बहन है जो चुदाई कर ही रहै है और आप रचना की एक फ्रेंड है ,अब हम आपको मॉम नही कह कर आपको आपके नाम से ही पुकारेंगे,मॉम ने देखा की में नही मन ने वाला तो उन्होंने अपनी सहमति दे दी।
मेने मॉम से कहा की अगर वो बेशरम बन कर सहयोग करेगी तो उन्हें भी ज्यादा मजा आएगा और हमें भी। हम तीनो, यानि मैं, ऋतू और रचना पहाड़ी की तरफ चल दिए, ऋतू आगे चल रही थी, , उस ऊँची चट्टान पर, मैं और रचना उसके पीछे थे, रचना ने अपने हाथ मेरी कमर पर लपेट रखे थे और मैंने उसकी कमर पर, बीच-२ में हम एक दुसरे को किस भी कर लेते थे, बड़ा ही सुहाना मौसम था, आज धुप भी निकली हुई थी.
रचना थोडा थक गयी और सुस्ताने के लिए एक पेड़ के नीचे बैठ गयी, मैं भी उसके साथ बैठ गया, ऋतू आगे निकल गयी और हमारी आँखों से ओझल हो गयी.
|