Hawas ki Kahani हवस की रंगीन दुनियाँ
10-30-2019, 11:58 AM,
#7
RE: Hawas ki Kahani हवस की रंगीन दुनियाँ
ओह भगवान रचना के अन्दर वाले कपड़े चूमे से ही कितना मज़ा आ रहा है यह वोही ब्रा हैं जो की कुछ देर पहले रचना के चुन्चिओं को जकड रखा था और यह वोही पैँटी हैं जो की कुछ देर पहले तक रचना की चूत से लिपटा था. यह सोच सोच करके मै हैरान हो रहा था और अंदर ही अंदर गरमा रहा था. मै सोच नही पा रहा था की मै रचना के ब्रा और पैँटी को ले कर क्या करूँ. मै रचना की ब्रा और पैँटी को ले कर हर तरफ़ से छुआ, सूंघा, चाटा और पता नही क्या क्या किया. मैने उन कपड़ों को अपने लंड पर मला. ब्रा को अपने छाती पर रखा. मै अपने खड़े लंड के ऊपर रचना की पैँटी को पहना और वो लंड के ऊपर तना हुआ था. फिर बाद मे मैं रचना की नाइटगाऊन को बाथरूम के दीवार के पास एक हैंगर पर टांग दिया. फिर कपड़े टांगने वाला पिन लेकर ब्रा को नाइटगाऊन के ऊपरी भाग मे फँसा दिया और पैँटी को नाइटगाऊन के कमर के पास फँसा दिया. अब ऐसा लग रहा था की रचना बाथरूम मे दीवार के सहारे ख़ड़ी हैं और मुझे अपनी ब्रा और पैँटी दिखा रही हैं मै झट जा कर रचना के नाइटगाऊन से चिपक गया और उनकी ब्रा को चूसने लगा और मन ही मन सोचने लगा की मैं रचना की चुंची चूस रहा हूँ. मै अपना लंड को रचना के पैँटी पर रगड़ने लगा और सोचने लगा की मै रचना को चोद रहा हूँ. मै इतना गरम हो गया था की मेरा लंड फूल कर पूरा का पूरा टनना गया था और थोड़ी देर के बाद मेरे लंड ने पानी छोड़ दिया और मै झड़ गया. मेरे लंड ने अपना पानी छोड़ा था और मेरे पानी से रचना की पैँटी और नाइटगाऊन भीग गया था. मुझे पता नही की मेरे लंड ने कितना वीर्य निकाला था लेकिन जो कुछ निकला था वो मेरे रचना के नाम पर निकला था.

अब मेने भी अपनी बहन रचना को चोदने का प्लान बनाया,मेने अपने कमरे में तकिये के निचे मस्तराम की १ सेक्सी किताब रख दी और रचना से कहा की वो मेरे कमरे में जाकर मेरी किताब ले आये|
पाम्च मिनिट बाद मेने चुपचाप जा कर देखा तो प्लान के अनुसार रचना को तकिये के नीचे वह किताब मिलने पर उसे पढ़ने का लोभ वह नहीं सहन कर पाई थी और बिस्तर पर बैठ कर किताब देख रही थी. उन नग्न सम्भोग चित्रों को देख देख कर वह किशोरी अपनी गोरी गोरी टांगें आपस में रगड़ रही थी. उसका चेहरा कामवासना से गुलाबी हो गया था.

मौका देख कर में बेडरूम में घुस गौर बोला. "देखूम, मेरी प्यारी बहना क्या पढ़ रही है?" रचना सकपका गयी और किताब छुपाने लगी. मेने छीन कर देखा तो फोटो में एक औरत को तीन तीन जवान पुरुष चूत, गांड और मुंह में चोदते दिखे. मेने रचना को एक तमाचा रसीद किया और चिल्लाया "तो तू आज कल ऐसी किताबें पढ़ती है बेशर्म लड़की. तू भी ऐसे ही मरवाना चाहती है? तेरी हिम्मत कैसे हुई यह किताब देखने की? देख आज तेरा क्या हाल करता हूम."

रचना रोने लगी और बोली कि उसने पहली बार किताब देखी है और वह भी इसलिये कि उसे वह तकिये के नीचे पड़ी मिली थी. में एक न माना और जाकर दरवाजा बन्द कर के रचना की ओर बढ़ा. मेरी आम्खों में कामवासना की झलक देख कर रचना घबरा कर कमरे में रोती हुई इधर उधर भागने लगी पर में ने उसे एक मिनट में धर दबोचा और उसके कपड़े उतारना चालू कर दिये. पहले स्कर्ट खीम्च कर उतार दी और फिर ब्लाउज. फाड़ कर निकाल दिया. अब लड़की के चिकने गोरे शरीर पर सिर्फ़ एक छोटी सफ़ेद ब्रा और एक पैन्टी बची.

उसके अर्धनग्न कोमल कमसिन शरीर को देखकर मेरा लंड अब बुरी तरह तन्ना कर खड़ा हो गया था. मेने अपने कपड़े भी उतार दिये और नंगा हो गया. मेरे मस्त मोटे ताजे कस कर खड़े लंड को देख कर रचना के चेहरे पर दो भाव उमड़ पड़े. एक घबराहट का और एक वासना का मेरे ख्याल से वह भी सहैलियों के साथ ऐसी किताबें अक्सर देखती थी. उनमें दिखते मस्त लम्डों को याद करके रात को हस्तमैथुन भी करती थी. कुछ दिनों से बार बार उसके दिमाग में आता होगा कि उसके हैम्डसम भैया का कैसा होगा. आज सच में मेरे मस्ताने लौड़े को देखकर उसे डर के साथ एक अजीब सिहरन भी हुई.

"चल मेरी नटखट बहना, नंगी हो जा, अपनी सजा भुगतने को आ जा" कहते हुए में ने जबरदस्ती उसके अम्तर्वस्त्र भी उतार दिये.रचना छूटने को हाथ पैर मारती रह गई पर मेरी शक्ति के सामने उसकी एक न चली. वह अब पूरी नंगी थी. उसका गोरा गेहुमा चिकना कमसिन शरीर अपनी पूरी सुम्दरता के साथ मेरे सामने था. रचना को बाहों में भर कर मेने अपनी ओर खीम्चा और अपने दोनो हाथों में रचना के मुलायम जरा जरा से स्तन पकड़ कर सहलाने लगा. चाहता तो नहीं था पर मेरेसे न रहा गया और उन्हें जोर से दबाने लगा. वह दर्द से कराह उठी और रोते हुए बोली "भैया, दर्द होता है, इतनी बेरहमी से मत मसलो मेरी चूचियों को".

में तो वासना से पागल था. रचना का रोना मुझे और उत्तेजित करने लगा. मेने अपना मुंह खोल कर रचना के कोमल रसीले होंठ अपने होंठों में दबा लिये और उन्हें चूसते हुए अपनी बहन के मीठे मुख रस का पान करने लगा. साथ ही में उसे धकेलता हुआ पलंग तक ले गया और उसे पटक कर उसपर चढ़ बैठा. झुक कर मेने रचना के गोरे स्तन के काले चूचुक को मुंह में ले लिया और चूसने लगा. मेरे दोनों हाथ लगातार अपनी बहन के बदन पर घूंअ रहै थे. उसका हर अम्ग उसने खूब टटोला.
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