RE: Hawas ki Kahani हवस की रंगीन दुनियाँ
शाम को में उठकर डाइनिंग टेबल पर आया तो मॉम और रचना वंहा पहले से ही बैठी हुई थी। मॉम ने चाय बना रखी थी और कुछ स्नेक्स वगेरा भी टेबल पर रखे हुए थे। हम तीनो के बीच चाय की चुस्कियो के साथ पढ़ाई को लेकर हलकी फुलकी बाते होती रही।में आपको बता दू आगरा में हम जिस फ्लैट में रहते है वो ३ बैडरूम का है १ बैडरूम मेरे पेरेंट्स का है १ बैडरूम में ,में और रचना रहते है और १ बैडरूम मेहमानो के लिए है। जब कोई मेहमान नही होता तो रचना उस बैडरूम में सोती है। सभी बैडरूम एक बड़े डाइनिंग हॉल में खुलते है। केवल हमारे पेरेंट्स के रूम में अटैच लेट बाथ है ,बाकि एक डाइनिंग हॉल के कोने में है जिसे बाकि हम शेयर करते है। मेरी मॉम ऋतू बहुत ही आकर्षक महिला है जो अपने शरीर का पूरा धयान रखती है। सुबह उठते ही वो योग और प्राणायाम करती है ,४० साल की उम्र होने के बाद भी कोई उन्हें देखता है तो वो उन्हें हमारी मॉम कम दीदी ज्यादा समझता है। यही नही मॉम घर में हमेशा साड़ी या सूट में ही रहती है ,मेने उन्हें कभी गाउन वगेरा में कभी हमारे सामने आते नही देखा चाहै वो बैडरूम में कैसे भी रहती हो। अभी भी मॉम ने एक शानदार सूट पहन रखा था जो उनपे बहुत फब रहा था। न जाने आज क्यू मेरा मन बार बार मॉम को देखने को कर रहा था।बहुत देर तक हम बाते करते रहै तब तक पापा भी घर आ गए। मेरे पापा को रोज ड्रिंक करने की आदत है ,इसलिए वो थोड़ी देर ही हमारे पास बैठकर अपने बेड रूम में चले गए।
मॉम ने मुझे और रचना को खाना खिलाया और फिर वो अपना और पापा का खाना लेकर अपने बेड रूम में चली गयी में और रचना भी अपने अपने रूम में चले गए।
रात को मुझे देर तक जागने की आदत थी तो में अपने लैप टॉप पर बैठ कर काम करता रहा ,थोड़ी देर बाद मुझे पेशाब करने की इच्छा हुई तो में उठकर बाहर के टॉयलेट में गया,जब में वंहा से लोट रहा था तो मुझे पापा मॉम के रूम से सिस्करिओ की आवाज आई,में ठिठक कर वंही रुक गया। इतने में फिर मॉम की मादक भरी आवाज आई ,बस अनिल बस अब डाल भी दो ,मॉम के ये मादक भरे शब्द सुन कर में उत्तेजित होकर कप कापने लगा,न जाने क्यू मेरा मन किया की अंदर क्या हो रहा है मुझे किसी तरह देखना चाहिए। मेने बेड रूम के दरवाजे पर निगाहै दौड़ाई तो मुझे की होल दिख गया। मेने की होल से अंदर की और झाँका तो में और चोंक गया ,मेरी मॉम और पापा एक दूसरे से चिपटे हुए थे,की होल के इस साइड पापा थे तो मुझे केवल उनका नंगा बदन दिखाई दिया,मॉम दूसरी साइड थी तो मुझे वो पापा की वजह से दिखाई नही दे रही थी
मेरे पांव कांपने लगे ,पहले तो मेरे मन ने कहा की में ये क्या कर रहा हु ,ये गलत है,अपने मॉम डैड को सेक्स करते देखना क्या सही होगा,ऐसे कई विचारो के बाद अंत में हवस ने मन पर काबू पा लिया और मेने की होल पर वापस नजरे लगा दी। इस बार मॉम डैड पोजीशन बदल कर सामने की और आ गए थे। वो दोनों एक दूसरे की आलिंगन किये हुए थे। डैड मॉम के लिप्स को जबरदस्त तरीके से चूस रहै थे ,और उनके हाथ मॉम की नंगी पीठ पर थे। मझे यकीं नही हो रहा था की जो मॉम दिन के उजालो में हमारे सामने कपड़ो में लिपटी सिमटी रहती है वो बिलकुल नग्न अवस्था में मेरे सामने लेती है। थोड़ी देर तक किस करने के बाद वे दोनों अलग हो गए,अब ओनो मेरे सामने बिलकुल नग्न अवस्था में थे,ऑफ़ मेरी मॉम नंगी होने के बाद इतनी खूबसूरत दिखेगी ये मेने सोचा भी नही थी,मॉम के दोनों बूब्स किसी पहाड़ की तरह तने हुए थे उन पर गुलाबी रंग के निप्पल क़यामत ढा रहै थे,उनकी कमर के निचे उनके चूत हलके हलके बालो से ढंकी हुई नजर आ रही थी। इधर डैड का लन्ड भी अच्छा खासा बड़ा था और वो तना हुआ मॉम की चूत को सलामी दे रहा था। अब डैड मॉम के बूब्स को अपने दोनों हाथो में जकड चुके थे और उन्हें बीच बीच में मसल रहै थे ,जैसे ही वो मॉम के बूब्स को मसलते माँ चिहुंक उठती पर डैड को कोई फर्क नही पड़ रहा था ,उन्होंने मॉम के बूब्स को मसलना जारी रखा ,इधर मॉम ने डैड के लोडे को अपने हाथ में पकड़ लिया था और वो कभी उसको सहला रही थी तो कभी उसको हिला रही थी। मॉम बार बार डैड से कह रही थी,ओह अनिल धीरे.... धीरे दबाओ ओह आह ओह ओह पर डैड थे की बूब्स को मसलना जारी रखे हुए थे। अचानक डैड ने मॉम के बूब्स को दबाना छोड़ दिया और उन्हें मुंह में भर लिया ,बांया बूब्स अब उनके मुंह में था और दांये बूब्स को उन्होंने अपने हाथ में जकड लिया और उसे मसलने लगे। सारा नजारा किसी को भी पागल कर सकता था ,और में जिसने पहली बार चूत देखि थी उसका तो और भी बुरा हाल था।
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