RE: Kamukta Story गदरायी लड़कियाँ
पर वो अब मेरे परिपक्व अनुभव से तेज़ी से कामानंद की क्रियायें सीख रही थी। उसने मुझे हाथ पकड़ कर उठाया और मेरा लंड अपने नन्हे हाथों पकड़ कर एक गुलाब जामुन की मेरे लंड पर मसल दिया और लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी
मेरी और उसकी चुहल बाजी, हंसी-मज़ाक पूरे खाने के दौरान चलती रही।
खाना समाप्त होने के प्रश्च्यात मैने मुस्कुरा कर उसको पलंग पर लिटा दिया। वो भी वासनामयी मुस्कान से खिल उठी। उसने जोर लगा कर अपनी चूत में भरे गुलाब जामुनों को बाहर धकेलने का प्रयास किया। मैने अपनी उंगली से उसकी मदद की।
मैने उसकी चूत से निकली मिठाई को लालाचपने से खाया। मैने अपनी जीभ और मूंह से उसकी चूत पर लिसी चासनी को साफ़ कर दिया।
उसने मुस्कुरा कर अपना अधखुला मूंह ऊपर कर मुझ को चुम्बन का निमंत्रण दिया. मैने उसको अपनी गोद में खींच लिया और शीघ्र हमारे खुले मुंह एक दुसरे के मूंह से चुपक गए. हमारी जीब एक दुसरे के मुंह में अंदर-बाहर जाने लगी. हमारी लार एक मुंह से दुसरे मुंह में जा रही थी. मेरा प्रचंड लंड उसके गुदाज़ नितिम्बों को कुरेदने लगा.
मैं उसके सख्त चूचुक अपनी चुटकी में भर मसलने लगा.
मेरे मजबूत हाथ उसके दोनों स्तनों को मसलने और गुंथने लगे। उसकी सिस्कारियां मुझे और भी उत्साहित कर रहीं थीं।
उसने अपने नाज़ुक नन्हे हाथों से मेरे लंड को पहले रगड़ा, पर उसको मेरे विशाल लंड की गर्मी अपने हाथों में महसूस करनी थी. मेरे महाकाय प्रचंड लंड ने उसके नन्हे हाथों को भर दिया.
उसने हलके से अपने को मेरी बाँहों से मुक्त कर मेरी जाँघो के बीच में झुक गयी। उसने मेरे विशाल सुपाड़े को अपने गर्म थूक से भरे मुंह को पूरा खोल कर अंदर ले लिया। मैंउसके घुंघराले घने बालों को सहलाने लगा वो बड़ी मुश्किल से मेरे लंड को अपने मुंह में ले कर चूसने की कोशिश करने लगी। मेरी हल्की सी सिसकारी ने उसको और भी उत्साहित कर दिया। वो दिल लगा कर मेरे लंड को जितना अच्छे से हो सकता था चूसने लगी।
मैने वासना की उत्तेजना में गुर्रा कर कहा, " बेटा मेरे लंड को आपकी चूत चाहिए. क्या मैं आपकी चूत मारूं?"
नेकी और पूछ-पूछ!
मैंउसको तरसा रहा था . उसने अपनी सिस्कारियों से मेरी इच्छा के सामने अपने नाबालिग, किशोर शरीर का एक बार फिर से समर्पण कर दिया.
मैं अपने प्रचंड लंड के सुपाड़े से उसकी चूत ढूँढने लगा. उसने अपने नन्हे हाथ से मेरे विशाल लंड को अपनी तंग किशोर कमसिन यौनी के द्वार की सीध पर रख दिया. मैनेचार भयंकर धक्कों में अपना महाकाय लंड उसकी चुस्त चूत में जड़ तक अंदर डाल दिया. पूरा कमरा उसकी चीखों और फिर उसकी ऊंची सिस्कारियों से गूँज उठा.
मेरे बड़े शक्तिशाली हाथ उसके भारी गुदाज़ नितिम्बों को संभाल कर उसको अपने लंड पर ऊपर नीचे करने लगे। उसकी चूत मेरे भीमकाय लंड के ऊपर अप्राकृतिक आकार में फ़ैल गयी थी। शीघ्र ही उसकी रति-रस से भरी चूत सपक-सपक की आवाज़ कर मेरे लंड से चुद रही थी। उसने मेरे सीने में अपना सिसकता मुंह छिपा लिया।
"आह ..मास्टर जी चोदिये। आपका लंड कितना बड़ा है। आह .. ओह ... ब .. ऊंह ... हे मा ... ऊन्न्ह्ह्ह .... मा ..आ ...ऒन्न्ह ऊन्न्नग्ग्ग,"
वो मेरे भयंकर धक्कों से बुरी तरह से हिल रही थी। उसकी चूचियां मेरे हर भीषण धक्के से ऊपर नीचे मादक नाच कर रहीं थीं।
वो कुछ ही देर में झड़ने के लिए तैयार थी। वो एक जोर की चीख के साथ मेरे वृहत लंड के ऊपर झड़ गयी। मैने उसको ऊपर उठा कर उसकी थिरकती चूची को अपने मुंह में खींच कर चूसने लगा . उसकी कामोन्माद की चीख में उसके स्तन में मेरे चूसने का दर्द भी मिल गया।
मैने स्नानगृह के सामान उसकी चूत लम्बे प्रचंड धक्कों से मार कर उसकी हालत खराब कर दी. उसकी कामेच्छा प्रज्जवलित हो उसके शरीर में आग लगाने लगी. मैने उसको उसी भयंकर तेज़ी से क़रीब एक घंटा उसको चोदा. जब मैं झड कर निढाल हुआ तब तक उसकी बुर ने कई बार अपना पानी छोड़ दिया था
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