RE: Kamukta Story गदरायी लड़कियाँ
उसने मेरे हाथ को अपनी तरफ खींचा. मैं अपने भीमकाय शरीर के पूरे भार से उसके कमसिन, किशोर गुदाज़ शरीर को दबा कर उसके ऊपर लेट गया. उसने अपने दोनों नाज़ुक, छोटे-छोटे हाथों से मेरा बड़ा चेहरा पकड़ कर मेरा मूंह अपनी जीभ से चाट-चाट कर साफ़ कर दिया. उसने शैतानी में मेरी मर्दान्ग्नी के मुनासिब खूबसूरत नाक को अपनी जीभ की नोक से सब तरफ से चाटा. जब मेरे मूंह, नाक से उसने अपनी बुर के पानी को चाट कर साफ़ कर दिया तो मेरी नाक की नोक पर प्यार से चुम्बन रख दिया. मैने उसकी नाबालिग, कमसिन, किशोर लड़की के अंदर की औरत को जगा दिया. उसे मेरे ऊपर वात्सल्य प्रेम आ रहा था. मैने उसकी वासना की आग दो बार अविस्वस्नीय प्रकार से बुझा दी थी. आगे पता नहीं और क्या-क्या मेरे दिमाग में था.
" मैं, क्या वो आपका लंड चूसूं?" उसने हलके से पूछा.
मेरे चेहरे पर खुली मुस्कान उसका जवाब था.
मैं उसके सीने के दोनों तरफ घुटने रख कर अपना लगभग पूरा तनतनाया हुए लंड को उसके मूंह की तरफ बढ़ा दिया. मेरा लंड उसकी मुरझाई स्तिथी से अब लगभग दुगना लंबा और मोटा हो गया था. मेरा लंड उसकी चूचियों के ऊपर से लेकर उसके माथे से भी ऊपर पहुँच रहा था.
उसके छोटे-छोटे नाज़ुक हाथ मेरे लंड की पूरी परिधी को पकड़ने के लिए अपर्याप्त थे. उसने दोनों हाथों से मेरा लौहे जैसा सख्त, पर रेशम जैसा चिकना, लंड संभाल कर मेरे लंड का सुपाड़ा अपने पूरे खुले मुंह में ले लिया. उसका मुंह मेरे लंड के सिर्फ सुपाड़े से ही भर गया. उसे लंड को चूसने का कोई भी अभ्यास नहीं था. उसने जैसे भी वो कर सकती थी वैसे ही मेरे लंड को कभी मुंह में लेकर, कभी जीभ से चाट कर अपने प्यारे मास्टर को शिश्न-चूषण के आनंद देने का भरपूर प्रयास किया.
पांच मिनट के बाद मैने अपना लंड उसके थूक से भरे मुंह से निकाल लिया और फिर से उसकी जांघों के बीच में चला गया, " बेटा अब आपकी बुर मारने का समय आ गयाहै."
उसका हलक रोमांच से सूख गया. उसकी आवाज़ नहीं निकली, उसने सिर्फ अपना सिर हिला कर मेरे निश्चय को अपना समर्थन दे दिया.
मैने उसकी गुदाज़ जांघें अपनी शक्तीशाली बाज़ुओं पर डाल लीं. मैने अपना लंड उसकी गीली कुंवारी बुर के प्रविष्टी-द्वार पर ऊपर-नीचे रगड़ा. फिर उसे मेरे, छोटे सेब के बराबर के आकार के लंड का सुपाड़ा अपनी छोटी सी कुँवारी बुर के छिद्र पर महसूस हुआ.
" बेटा, पहली चुदाई में थोड़ा दर्द तो ज़रूर होगा. एक बार तुम्हारी बुर के अंदर लंड घुसड़ने के बाद बुर लंड के आकार से अनुकूलन कर लेगी."
मेरे उसके कौमार्य-भंग की चुदाई के पहले का आश्वासन से उसका दिल में और भी डर बैठ गया.
मैंने एक हल्की सी ठोकर लगाई और मेरे विशाल लंड का बेहंत मोटा सुपाड़ा उसकी बुर के प्रवेश-द्वार के छल्ले को फैला कर उसकी कुंवारी बुर के अंदर दाखिल हो गया.
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