RE: Kamukta Story गदरायी लड़कियाँ
मैने अपना मुंह उसके मुँह से अलग कर उसकी दायीं चूची के ऊपर रख दिया. उसके दोनों उरोज़ों में एक अजीब सा दर्द हो रहा था. मैं एक हाथ से उसकी दूसरी चूची को हलके हलके मसल रहा था . उसकी सांस बड़ी तेज़ी से अंदर बाहर हो रही थी. उसके दोनों हाथ अपने आप मेरे सर के ऊपर पहुँच गए. वो मेरा मुंह अपनी चूची के ऊपर दबाने लगी. मैं उसकी चूची की घुंडी को अंगूठे और उंगली के बीच में पकड़ कर मसलने लगा और होंठों के बीच में उसका दूसरा चूचुक ले कर उसको ज़ोर से चूसना शुरू कर दिया.
उसके सारे शरीर में अजीब सी एंठन फ़ैल गयी. मेरे हाथों ने उसके दोनों संवेदनशील उरोज़ों से खेल कर उसकी बुर में तूफ़ान उठा दिया. उसकी बुर में जलन जैसी खुजली हो रही थी. मेरा दूसरा हाथ उसकी बुर के ऊपर जा लगा. मैं अपने बड़े हाथ से उसकी पूरी बुर ढक कर सहलाने लगा. वो अब ज़ोरों से सिस्कारियां भर रही थी. मैने उसके उरोज़ों का मीसना और भी तेज़ कर दिया और दुसरे हाथ की हथेली से उसकी पूरी बुर को दृढ़ता से मसलने लगा.
"आह, अह..अह..मास्टर जी, मुझे अजीब सा लग रहा है, ऊं.. ऊं अम्म..मैं ...आ ..आ ... उफ़, " वो सीत्कारिया मार कर अपने शरीर में दोड़ती विद्युत धारा से विचलित हो चली थी. उसके कुल्हे अपने आप बिस्तर से ऊपर उठ-उठ कर मेरे हाथ को और भी ज़ोर से सहलाने को उत्साहित करने लगे.
मैने उसकी एक चूचुक को अपने दातों के बीच में दबा कर नरमी से काटा, दुसरे चूचुक को अंगूठे और उंगली में हलके भींच कर अहिस्ता से उसकी चूची से अलग खींचने के प्रयास के साथ-साथ अपने बुर के ऊपर वाले हाथ के अंगूठे को उसके भागंकुर के ऊपर रख उसे मसलने लगा.
मैने उसके वासना से लिप्त अल्पव्यस्क नाबालिग किशोर शरीर के ऊपर तीन तरह के आक्रमण से उसकी कामुकता की आग को प्रज्जवलित कर दिया.
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