RE: Maa Sex Kahani चुदासी माँ और गान्डू भाई
अजय- “भैया आप भी कैसी बातें कर रहे हो? आप जब भी इशारा करेंगे आपके लिए तो मैं फौरन मेरी पैंट नीचे सरका लँगा। आप कहें तो अभी यह सार्टस नीचे सरका हूँ। मेरे भैया के लिए मेरी गाण्ड हरदम हाजिर है। क्या भैया आप माँ के सामने मेरी गाण्ड अभी मारेंगे?”
राधा- “अरे अजय... एक पूरा मर्द होकर तुम्हें यह गान्डू शौक कैसे लग गया, जो मर्दो के लण्ड के आगे अपनी पैंट नीची करते फिरते हो? तुम मर्दो को छेद में डालने के लिए बनाया गया है और हम औरतों को छेद में लेने के लिए बनाया गया है, पर तुम तो उल्टी रीत चला रहे हो और हम औरतों की तरह अपना छेद उघाड़-उघाड़कर दिखाते फिरते हो। कल तूने एक ही चुदाई में मेरी नस-नस ढीली करके रख दी थी और मुझे दो-दो बार झड़ा । दिया था। किसी भी औरत को अपनी दीवानी बना लेने की तुम में पूरी ताकत है पर फिर भी तेरा यह पिछवाड़े
में पिलवाने का शौक, सोचकर ही मुझे तो शर्म आती है...” ।
अजय- “माँ गाँव में मैं जरूर दो दोस्तों के साथ यह मजा लेता था, पर जब से भैया के 11” के केले का मजा लिया है मैं तेरी कसम खाकर कहता हूँ की ना तो मैंने किसी भी दूसरे मर्द की तरफ झाँका है और ना ही कभी जिंदगी में झाँकूगा। हाँ भैया चाहेंगे तो मेरा ना करने का सवाल ही पैदा नहीं होता। तू क्यों जल रही है? तू भी तो मेरे प्यारे भैया का लौड़ा पिलवाने की इस उमर में आकर जब इतनी शौकीन है तो मैं भी भैया के लण्ड की थोड़ी मस्ती ले लेता हूँ तो तुझे क्या? जैसे तू खुद चुदाने की और अपनी गाण्ड मरवाने की शौकीन है वैसे ही मैं भी अपने बड़े भैया के लौड़े का दीवाना हूँ, उनसे गाण्ड मरवाने का शौकीन हैं। अपने बड़े भाई से गाण्ड मरवाने में मुझे कोई शर्म नहीं है...” ।
राधा- “हाँ... भैया का तो तू पूरा दीवाना है और तेरे भैया भी तो तेरे कम दीवाने नहीं है। आज जरा मैं भी तो तुम दोनों की यह लीला देखें। मैं भी तो देखू की एक मर्द दूसरे मर्द की कैसे गाण्ड मारता है और दूसरा गान्डू कैसे मरवाता है?” माँ मेरी गोद में बैठी हुई अजय से बातें कर रही थी।
माँ की भारी गाण्ड की गर्मी पाकर मेरा लण्ड खड़ा होने लगा था। मैंने माँ की चूची नाइटी के ऊपर से ही पकड़ रखी थी और बहुत ही हल्के -हल्के दबा रहा था। बीच-बीच में मैं अपनी प्यारी माँ के गालों की पुच्चियां भी ले रहा था। तभी मैंने बगल में बैठे अजय को आगे झुका दिया। अजय मेरा इशारा समझ गया और उसने अपनी गाण्ड मेरे और माँ के आगे उभार दी। मैंने अजय की औरतों जैसी गाण्ड पर कई जोर-जोर की थपकियां दी और उसका सार्टस उसकी टाँगों से बाहर निकालकर उसकी गाण्ड नंगी कर ली। फिर मैं मुन्ना की गाण्ड के गोल छेद को फैलाते हुए खोदने लगा।
विजय- “देख माँ अपने छोटे बेटे की गाण्ड का मस्त गोल छेद, जिसका तेरा बड़ा बेटा पूरा शौकीन है और तेरा
छोटा बेटा भी देख कितने शौक से अपने बड़े भाई के लिए यह मजा देने वाला छेद पेश कर रहा है। अरे माँ तेरे पास तो खाली छेद ही छेद हैं, एक भी इंडा नहीं है, नहीं तो तू भी इसे छोड़ती नहीं। ऐसे शौकीन लौंडे की गाण्ड मारने का मजा तुम क्या जानो, क्योंकी तेरे पास मेरे जैसा लौड़ा नहीं है। नहीं तो तू भी ऐसे शौकीन लौंडे को छोड़ती नहीं..."
|