RE: Maa Sex Kahani चुदासी माँ और गान्डू भाई
तभी माँ ने अजय को अपने सामने सोफे पर बैठा लिया और बोली- “ले तू मेरी चूत देख। देख कैसी काले-काले बालों से भरती है? ले मेरी चूत की फाँक चौड़ी करके देख। देख भीतर से कितनी गहरी और पूरी लाल है? ले। इसमें अंगुली डालकर देख। भीतर से कितनी गरम है? जब तुम इसमें अपना लण्ड डालेगा तो यह तेरे लण्ड को सेंक देगी। यह मैं माँ ही हूँ जो तुझे इतने प्यार से चूत दिखा रही हूँ और इतने ही प्यार से तेरा लण्ड इसमें डलवाऊँगी। देख तेरा बड़ा भाई तो मेरे पिछवाड़े पर पिला हुआ है पर मैं अपने राजा छोटे बेटे को आज अपनी चूत चखाऊँगी...”
माँ की बात सुनकर अजय भी पूरा मस्त हो गया और वो चूत में पूरी जीभ घुसा-घुसाकर उसे चाटने लगा। तभी मैंने अपने लण्ड पर कंडोम चढ़ा ली और सोफे पर पैर रखकर झुकी हुई माँ की गाण्ड पर और अपने लण्ड पर। अच्छी तरह से वैसेलीन मल ली। मैं अजय के चोदने के कुछ देर पहले माँ की गाण्ड मारना चाहता था की जिसे देखकर अजय और मस्त हो जाय और मेरे झड़ने के बाद भी अजय काफी देर तक माँ को चोदता रहे।
माँ की गाण्ड को अच्छी तरह से चिकनी करकर मैंने खड़े-खड़े माँ की गाण्ड से अपना सुपाड़ा भिड़ा दिया। सोफे पर बैठे हुए अजय ने दोनों हाथों के जोर से माँ की गाण्ड का छेद कस के फैला दिया और मैंने जोर लगाकर लण्ड माँ की गाण्ड में ठेला। पूरे कई लण्ड का सुपाड़ा उस खुली गाण्ड के छेद में एक ही बार में समा गया। मैंने 3-4 बार सुपाड़ा निकाला और वापस गाण्ड में डाला जिससे गाण्ड अंदर से अच्छी तरह से चिकनी हो गई।
फिर मैं अपना लण्ड धीरे-धीरे अंदर ठेलने लगा। जब तीन चौथाई लण्ड अंदर चला गया तब मैंने माँ की चूचियां कस के पकड़ ली और उन्हें दबाते हुए बहुत तेजी से अपना लण्ड गाण्ड के बाहर-भीतर करने लगा। कुछ ही धक्कों के बाद पूरी चिकनी गाण्ड में लण्ड जड़ तक जाने लगा। माँ और ज्यादा झुक गई और अपनी गाण्ड पीछे ठेल-ठेलकर मुझसे मस्त होकर मरवाने लगी। मैं इस पोज में काफी देर गाण्ड मारता रहा।
विजय- “मेरी राधा रानी तेरी गाण्ड अभी भी बहुत टाइट है। इसे मारने में तो किसी कुंवारी लड़की को चोदने जैसा मजा आता है। चल अब पलंग पर चल और अपने छोटे बेटे के ऊपर चढ़ और उसका लण्ड चूत में ले। साथ ही में तेरी गाण्ड भी मारूंगा...”
मेरी बात खतम होते ही हम तीनों किंग साइज पलंग पर आ गये। अजय चिटत्त लेट गया और माँ ने घुटनों के बल उसकी जांघों के दोनों ओर आसन जमा लिया। मैंने नीचे झुक के अजय के लण्ड का सुपाड़ा माँ की चूत के छेद से सटा दिया और माँ धीरे-धीरे उसपर बैठकर अपने शरीर का बोझ लण्ड पर डालने लगी। माँ की रस छोड़ती चूत में अजय का लण्ड धीरे-धीरे समा रहा था। माँ की हौदे सी गाण्ड पीछे उभरी हुई थी और मैं माँ पर पीछे से चढ़ गया। मैंने गाण्ड के खुले छेद से अपना लौड़ा भिड़ाया और एक ही झटके में आधा लण्ड उसमें पेल दिया।
इस झटके से अजय का पूरा तना हुआ लण्ड फच्छ से माँ की चूत में पूरा समा गया। माँ छोटे बेटे का पूरा लण्ड अपनी चूत में समाए उससे चिपकी रही और इधर मैं ताबड़तोड़ उसकी गाण्ड में करारे शाट मारने लगा। मेरा लण्ड वापस गाण्ड में जड़ तक जाने लग गया था।
राधा- “हाँ... कस-कस के मार मेरी गाण्ड। देखो अब मैं अपने इस छोटे बेटे को कैसे चोदती हैं। इसका पूरा लण्ड मैंने अपनी चूत में पिलवा लिया है। इसका लौड़ा भी तेरे वाले से किसी भी मायने में कम नहीं है। अरे मैं तो दोदो ऐसे मस्त लण्ड पाकर निहाल हो गई। तुम लोगों के लिए मेरे सब छेद गाण्ड, चूत और मुँह हरदम खुले हैं। जब भी तुम्हारे लण्ड खड़े हों मेरे किसी भी छेद में दे दिया करो...”
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