RE: Maa Sex Kahani चुदासी माँ और गान्डू भाई
मुन्ना- “भैया माँ तैयार भी हो जाएगी तो उसे नंगी देखकर मेरी तो सिट्टी-पिट्टी गुम हो जाएगी और मेरा तो शायद माँ के सामने खड़ा तक नहीं होगा तो मैं उसे कैसे चोद पाऊँगा?”
विजय- “मैं चूसकर तेरा लण्ड खड़ा करूंगा और अपने हाथ से माँ की चूत में डालूंगा तू तो बस आँख मूंद कर धक्के लगाते रहना। अब तू मेरे साथ यह खेल खेलने लग गया है अब आगे-आगे देखते रहना मैं तुझे कितनी मस्ती करवाता हूँ। अरे तू तो मेरा सबसे प्यारा लौंडा है। तेरे मस्त चिकने बदन का तो मैं दीवाना हूँ। तू तो मेरा खास मक्खन सा चिकना लौंडा है। बता मेरा लौंडा है या नहीं?”
मुन्ना- “जब आपसे अपनी गाण्ड मरवाता हूँ तो आपका लौंडा तो हूँ ही...”
उसकी यह बात सुन मैंने छोटे भाई को अपने सामने खड़ा कर लिया। फिर अपनी उंगली से उसकी गाण्ड का खुला छेद खोदते हुए मैंने कहा- “मैं तो तेरे जैसे चिकने और गुदगुदे छोकरे के इसी छेद का दीवाना हूँ, इस छेद का मेरे से जी खोलकर मजा लेते रहना। आज भैया तुझे इस छेद का ऐसा मजा देंगे की अपने भैया को अपना सैंया बना लेगा। अरे तू तो मेरी रानी है रानी। तभी तो मैं अपनी माँ, मेरे दिल की रानी राधा रानी का मजा तेरे साथ बाँटना चाहता हूँ...”
अजय- "भैया आपके तो मन में माँ पूरी बस गई है। मैं तो पूरा आपके साथ हूँ, ठीक है मैं तो माँ को कल ही। कह दूंगा की या तो मेरे लिए अपने जैसी कोई भाभी खोजकर ले आए या खुद ही मेरी भाभी बन जाए। भैया । आज आप कुछ भी मत करिएगा सब कुछ मैं करूंगा। आप खाली यह सोचते रहिएगा की मेरी जगह माँ आपके साथ ये सब कर रही है...”
विजय- “ठीक है पर तुझे भी मेरी तरह बिल्कुल खुलकर एकदम खुली-खुली बातें करते हुए मुझसे मजा लेना होगा। चुपचाप रहने में मुझे मजा नहीं आता है। क्यों ठीक है ना? मैं आज चुप रहूँगा और अपने आपको तेरी । मर्जी पर छोड़ देंगा पर तुझे वैसी ही खुली-खुली बातें करते हुए मेरा मजा लेना होगा जैसा की मैं तेरा मजा लेता
मुन्ना- “ठीक है भैया तो आप मुझे अपने जैसा बेशर्म बनाना चाहते हैं। ठीक है जब बड़ा भैया चाहता है तो छोटा भाई भी पीछे क्यों रहे? खैर, मैं आपके जैसा तो नहीं बन सकता क्योंकी मैं तो आपकी गाण्ड मारने से रहा, मरानी तो आखिर मुझे ही है। मेरे सैंया तो आप ही रहेंगे, मैं तो हरदम आपकी लुगाई ही रहूँगा...”
मैं- “अरे तुझे मेरी मारनी है तो एक बार बोलकर तो देख। में तेरे से इतने प्यार से मरवाऊँगा की तू भी क्या याद रखेगा। बोल ना मेरे राजा, क्या अपने भैया की मस्तानी गाण्ड मारोगे?”
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मुन्ना- “नहीं भैया, मुझे नहीं मारनी आपकी गाण्ड। आप ही रोज मेरी गाण्ड मारा कीजिए.." यह कहकर अजय उठा और आमिरा से कंडोम का पैकेट और वैसेलीन का जार निकाल लाया। उसने एक कंडोम मेरे लण्ड पर चढ़ा दी और मेरे लण्ड को वैसेलीन से अच्छे से चुपड़ने लगा। लण्ड को चुपड़ कर उसने मुझे हाथ पकड़कर बेड से उठा लिया और रूम की दीवार के सहारे मेरी गाण्ड टिकाके मुझे खड़ा कर दिया। फिर वो सिंगल सीटर सोफा मेरे सामने ले आया। उसने एक टाँग सोफे पर रखी और मेरे सामने झुक कर अपनी गाण्ड के छेद पर वैसेलीन । लगाने लगा। मैं पक्के गान्डू छोटे भाई की यह हरकत देखकर वासना से भर उठा, पर चुपचाप खड़ा-खड़ा इस दृश्य का मजा लेता रहा।
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