RE: Maa Sex Kahani चुदासी माँ और गान्डू भाई
राधा होंठ गोल करके मुँह से लण्ड को बाहर-भीतर करते हुए गीला करने लगी। फिर जी जान से कोशिश करती, जितना हो सके मुँह के अंदर लेने लगी। पूरी कोशिश के बाद भी माँ 6 इंच के करीब ही लण्ड मुँह में ले पाई।
माँ काफी देर मेरे लण्ड को चूसती रही, सुपाड़े पर जीभ फिराती रही, 1-2 बार आंडों को भी मुँह में भरने की कोशिश की।
राधा- “तेरे इस मस्त लण्ड ने तो मुझे पक्की लण्डखोर बना दिया। देखो तो इस उमर में मुझे यह क्या हो गया?” माँ ने कहा।
विजय- “माँ तेरे जैसी जवान, हसीन और शौकीन औरत को इस उमर में आकर जब ऐसा चस्का लगता है ना तो उस औरत के यार की तो लाटरी खुल जाती है। ऐसी प्यासी और तड़पती औरत बहुत मस्त होकर बोल-बोलकर आपनी जवानी का खजाना लुटाती है। खुद भी पूरी तरह से खुलकर जवानी के नये-नये खेल खेलती है और अपने ठोंकू यार को भी पूरी मस्ती देती है। उस औरत के साथ मजा लेने में जो सुख है ना उसका वर्णन नहीं किया जा सकता। बड़ी नमकीन औरत है तू। तेरा यार बनकर तो मेरा भाग्य खुल गया। अब तेरे साथ खुलकर व्यभिचार करूँगा। तभी तो मुझे तेरे जैसी प्यासी और शौकीन औरतों का चस्का है। एक बार पटाने की देर है फिर तो इतनी मस्ती कराती है की पूछो मत...” मैंने बहुत ही कामुक अंदाज में होंठों पर जीभ फेरते हुए कहा।
राधा- “जब तेरे जैसा मतवाला बांका यार मिल जाय तो हर जवान प्यासी औरत अपनी जवानी लुटाने को मचल जाती है। मैं 15 साल से तगड़े लौड़े को तरस रही थी। एक बार जब तूने मेरे पर डोरे डालने शुरू किए तो मुझे तुम एक बेटे से ज्यादा पूरा मर्द दिखाई देने लेगे। मुझे तेरा कसा शरीर, मजबूत पुढे, विशाल बाँहें, फैली जांघे आकर्षित करने लगी। मैं इनमें पिसने के लिए तड़प उठी। यह हमेशा याद रखो जब भी हम दोनों एकांत में। कामातुर होकर मिलें, तब तुम बेटे से पहले एक पूर्ण पुरुष हो और मैं एक काम पीड़िता पूर्ण नारी। तुम्हारे पौरुष का इसी में सम्मान है की तुम अपने समक्ष काम याचना लेकर आई नारी की काम तृप्ति करो, चाहे वो तुम्हारी जननी ही क्यों ना हो...” यह कहकर माँ ने मुझे अपनी बाँहों में कस लिया।
विजय- “चल मेरी राधा जान अब अपनी मालपुए सी चूत भी तो मुझे चटा दे। तुझे तो पता ही है की तुम कैंडी चूसने की शौकीन हो तो मैं कोन में जीभ घुसाकर क्रीम चाटने का शौकीन...”
मेरी बात सुनकर माँ उठी और नाइट-गाउन की डोरी खोल दी। खुले गाउन के नीचे माँ ने कुछ भी नहीं पहन । रखा था और माँ ने गाउन अपनी बाँहों से निकाल दिया और मेरे सामने मेरी माँ पूरी नंगी होकर हँस रही थी। मैं बेड पर लेट गया और माँ को मेरे चेहरे पर घोड़ी नुमा बना लिया और माँ का मुँह मेरे पैरों की ओर कर दिया।
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