RE: Maa Sex Kahani चुदासी माँ और गान्डू भाई
विजय- "माँ, तुम अपने आपको अधेड़ क्यों कहती हो? अभी तो तुम पूरी जवान हो। कल तुम्हें बताया तो था की तुम्हारे सामने तो पिक्चर की हेरोइनें भी फीकी हैं। फिर तुम्हारा खयाल नहीं रखूगा तो और किसका रखेंगा? मुझे पता है वहाँ गाँव में तो तूने अपनी आधी जिंदगी यूँ ही घुट-घुट के बिता दी, जब तुम्हारे मौज मस्ती करने के दिन थे, तभी पिताजी ने बिस्तर पकड़ लिया और फर्ज़ के आगे तुम मन मसोसकर रह गई। पर अब मैं यहाँ तुझे दुनियां का हर सुख दूंगा, तुम्हारे हर शौक पूरे करूंगा। चलो माँ तुम्हें एक जगह की आइसक्रीम खिलाकर लाता हूँ..”
राधा- “अब इतनी रात गये?”
विजय- “तो क्या? यहाँ तो इसी समय लोग बाग बाहर निकलते हैं। फिर आज मुन्ना भी नहीं है। मुन्ना रहता है।
तो गप्प सप्प करने में मजा आता है...”
मैं और माँ 15 मिनट में ही थोड़े तैयार होकर ऐसे एक मशहूर आइसक्रीम पार्लर पर पहुँच गये जहाँ अधिकतर नौजवान अपनी गर्लफ्रेंड के साथ आइसक्रीम का मजा लेने आते हैं। मैं दो आइसक्रीम कैंडी ले आया और एक माँ को दे दी। फिर हम दोनों एक दूसरे के देखते हुए मस्ती से कैंडी चूस मजा लेने लगे। माँ को मुँह गोल बनाकर कैंडी चूसते देखकर मेरी नीचे वाली कैंडी में हलचल होने लगी और मैं इसी सोच में माँ को लेकर वापस घर आ गया और अपने कमरे में जाकर बेड पर अकेला पड़ गया की एक दिन माँ मेरे वाला भी इसी कैंडी की तरह चूसेगी।
दूसरा दिन सनडे का था। सनई को मैं हमेशा देर से उठता हूँ। आज हालाँकि नींद तो रोज वाले समय पर खुल गई, फिर भी सनडे की वजह से बिस्तर पर पड़ा था। मेरी माँ हालाँकी आज तक गाँव में ही रही थी, पर वो आधुनिकता की, शहरी सभ्यता की शौकीन जरूर है। तभी तो उसे विधवा होते हुए भी बन-ठन के रहने में, शृंगार करने में, रोमांटिक पिक्चर देखने में, रोमांटिक जगहों का सैर सपाटा करने में संकोच नहीं हो रहा था। इन सब । में उसे आनंद आ रहा था। यही तो मैं चाहता था की उसे आनंद मिले। मुझे पक्का भरोसा है की मेरे द्वारा यदि उसे आनंद मिलता जाएगा तो एक दिन उसके द्वारा भी मुझे आनंद मिलेगा। पर मैं खुलकर माँ पर यह बिल्कुल प्रगट नहीं कर रहा था की वास्तव में मेरे मन में क्या है?
आज तैयार होकर नाश्ता-कम-लंच करते-करते 11:00 बज गये। नाश्ता खतम करके मैंने माँ को बता दिया की अभी तो मुझे किसी सप्लायर के यहाँ सैंपल देखने जाना है, पर मैं 5-6 बजे तक वापस आ जाऊँगा तब शाम का प्रोग्राम बनाएंगे। जिस सप्लायर के पास मुझे जाना था उसके पास ओवरसाइज ब्रा, पैंटी और नाइटी का नया स्टाक आया हुआ था। मैं 6:30 बजे के करीब वापस घर आ गया। माँ सोफे पर बैठी कोई सीरियल देख रही थी। मेरे हाथ में सैंपल गारमेंट्स का एक बड़ा सा पैकेट था जो मुझे उस सप्लायर ने दिया था।
राधा- “जरा देखें तो आज मेरा लाल मेरे लिए क्या नया लेकर आया है?” यह कहकर माँ ने मेरे हाथ से पैकेट ले लिया और उसे खोलने लगी।
उसमें से दो ऐसी पैंटी निकली जो मुश्किल से चूत भर को ढक सके और उन दो में से एक ट्रॅन्स्परेंट भी थी। दो। ही बिना बाँह की तंग और टाइट ब्रा थी। एक झीनी नाइटी थी और एक खुली लेडीस नाइटगाउन था। सारे माँ की साइज के थे क्योंकी इस लाइन में काम करने से मुझे एग्ज़ेक्ट पता था की माँ को किस साइज के फिट बैठेगे। माँ उलट पलट के देखती रही।
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