RE: Maa Sex Kahani चुदासी माँ और गान्डू भाई
मेरी बात सुनते ही अजय का चेहरा लाल हो गया। उसने नजरें झुका ली और वो मेरी ब्रीफ में तने हुए मेरे लण्ड
को एकटक देखने लगा। तभी अजय ने कहा- “भैया आपका माँ के बारे में जब इतना गंदा खयाल है तो आप छोटे भाई की क्या परवाह करेंगे। क्या आप मर्दो के साथ भी ये सब करने के शौकीन हैं?”
अब मैं अजय की फूली हुई गाण्ड पर हाथ फेरने लगा। हाथ फेरते-फेरते उसका गुदाज चूतड़ मुट्ठी में कस लेता और जोर से दबा देता। फिर भाई को अपनी ओर खींचकर उसे अपने सामने घुटने के बल खड़ा कर लिया, और उसकी आँखों में झाँकते हुये कहा- “मेरा मुन्ना बड़ा प्यारा, चिकना मस्त बिल्कुल नई-नई जवान हुई छोकरी जैसा है, और तुम्हारी यह फूली-फूली चीज तो बिल्कुल अपनी माँ के जैसी मस्त है। अब भाई माँ की तो मिलने से मिलेगी पर तुम्हारी तो इतनी मस्त चीज मेरे सामने है। भाई मेरी तो इस पर नीयत खराब हो गई है। तुम भी तो कम नहीं हो, अपनी इस मस्तानी चीज का खुलकर मजा लूटते हो और गाँव वालों को भी इसका स्वाद । चखाते आ रहे हो। अब भाई इसका मजा खाली गाँव वालों को ही दोगे या फिर अपने भैया को भी इसका स्वाद चखाओगे या नहीं?"
अब मैं शार्ट के ऊपर से उसकी गाण्ड में अंगुली करने लगा और बोला- “अब भैया का इस गोल छेद पर मन आ गया है। तेरे इस गोल छेद का खुलकर मजा लेंगे। क्यों देगा ना?”
अजय- “आप बड़ा भाई होकर छोटे भाई से कैसी बात पूछ रहे हैं? भैया आपने मुझे क्या समझ रखा है, जो वहाँ गाँव में हर गाँववाले के आगे अपनी पैंट नीची करता फिरे? आप मेरे प्रति इतना गंदा इरादा कैसे रख सकते हैं?”
विजय- “अरे शर्माता क्यों है? मुन्ना तुम हो ही इतना मस्त, मक्खन सा चिकना, इतना प्यारा की किसी का भी खड़ा कर दो। जब से मुझे पता चला की तुम शौकीन हो, तो मेरा भी लौंडेबाजी का शौक जाग उठा। मुझे सब पता है, कल रात तुम कितना मस्त होकर मेरे खड़े लण्ड पर अपनी फूली-फूली गाण्ड कैसे दबा रहे थे। अरे ऊपरऊपर से जब इतना मजा है तो अब खुल्लम खुल्ला दोनों भाई इस खेल का पूरा मजा लूटेंगे। अब भाई हम तो तुम्हारी इस मस्तानी गाण्ड का पूरा मजा लेंगे...”
यह कहकर मैं भी अजय के सामने घुटने के बल खड़ा हो गया और उसके होंठों पर अपनी जुबान फिराने लगा। मैं अपने छोटे भाई को बहुत ही कामुक भाव से देखता हुआ उसकी लाज शर्म से भरी कमसिनी पर लार टपका रहा था। मैं उसके साथ खुलकर ऐय्याशी करना चाहता था। ऐसे मस्त चिकने लौंडे के साथ लौंडेबाजी का पूरा लुत्फ़ लेना चाहता था। अजय के होंठों पर कामुक अंदाज में जुबान फेरते-फेरते मैंने उसके गुलाबी होंठ अपने होंठों में कस लिए और भाई के होंठों का रसपान करने लगा।
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