RE: Desi Sex Kahani रंगीला लाला और ठरकी सेवक
रंगीली के माता-पिता अपनी बेटी और नवासे को देख कर बहुत खुश हुए.., शंकर उन्होने पहली बार देखा था.., कामदेव जैसे अपने नवासे को वो एक टक देखते ही रह गये…!
रंगीली ने लाजो की बेटी को अपनी गोद में लेकर कुछ देर उसे प्यार किया.., फिर उसने भोला का परिचय अपने माँ-बापू से कराया.., जो उन्होने पहली बार ही देखा था…!
कुछ देर आपस में बातें की फिर वो उसकी बच्ची को शंकर की गोद में देकर भोला से बोली – जेठ जी आप एक मिनिट मेरे साथ आइए तो…!
उसकी माँ ने उसकी तरफ प्रश्नवाचक नज़रों से देखा.., उसने आखों आँखों में ही कुछ इशारा किया जिसे उन बूढ़ी आँखों ने समझ लिया…!
भोला को लेकर वो लाजो के कमरे में पहुँची.., लाजो अभी भी अपने अंदर की बढ़ी हुई धड़कनों को समेटने की कोशिश कर रही थी.., दरवाजे पर किसी के आने की आहट पाकर वो उठ बैठी..,
पहले उसे रंगीली दिखाई दी.., भोला को उसने दरवाजे के बाहर ही आड़ में खड़ा कर दिया था..,
रंगीली को देखते ही वो बैठते हुए अपनी मनोदशा को काबू में करते हुए बोली – आओ काकी कैसी हैं आप…?
रंगीली उसके पास आकर बैठते हुए बोली – मे तो ठीक हूँ, लेकिन लगता है तुम ठीक नही हो.., ऐसा लग रहा है जैसे अभी भी किसी का इंतजार है..?
लाजो कुछ संभालते हुए बोली – नही ऐसा तो कुछ भी नही है.., अब यहाँ आपने मुझे इतना अच्छा आसरा दिया है.., माँ-बापू मेरा बहुत ख्याल रखते हैं.., फिर भला और किसका इंतजार करूँगी..?
रंगीली – क्या अपनी बेटी के पिता का भी इंतेज़ार नही है तुम्हें..? कभी दिल तो करता होगा कि बच्ची का पिता कम से कम आकर अपनी बेटी को अपनी गोद में लेकर प्यार करे.., उसके साथ खेले..?
लाजो – क्या आपको पता है उसके पिता कॉन हैं..?
रंगीली – मुझे सब पता है लाजो.., इसलिए तो अब मे तुम्हें बहू नही कह रही.., भले ही तुम्हारा पति कल्लू हो लेकिन वो कम से कम तुम्हारी बेटी का पिता तो नही है…!
लाजो – तो फिर आपके हिसाब से कॉन है इसका पिता..?
रंगीली – मे जानती ही नही.., उन्हें अपने साथ लेकर आई हूँ.., और शायद तुमने उन्हें देख भी लिया है.., इसलिए दरवाजे से भाग आई थी.., है ना…!
लाज बस लाजो ने अपना चेहरा रंगीली के कंधे में छुपा लिया.., आप सब कुछ जानती हैं.., तो फिर क्यों पूछ रही हो..?
रंगीली ने उसे अपने अंक में दबा लिया और भोला को आवाज़ देकर अंदर आने को कहा .
आवाज़ सुनते ही भोला कमरे में दाखिल हुआ.., चूँकि दरवाजे पर वो लाजो को देख नही पाया था.., सो अपने ठीक सामने उसको बैठा देख कर वो पहले तो बुरी तरह से चोंक पड़ा…!
फिर कुछ क्षणों में ही उसके अंदर का गुबार फट पड़ा.., और दौड़कर उसने लाजो को अपने गले से लगा कर फुट-फुट कर रोने लगा..,
उन दोनो का मिलन कराकर रंगीली एक मिनिट के लिए भी उस कमरे में नही रुकी.., बिना उन्हें खबर होने दिए ही वो चुप-चाप उन दोनो प्रेमियों के बीच से खिसक ली !
कुछ देर के लिए तो लाजो भी ये भूल गयी कि यहाँ रंगीली भी है.., वो भी भोला के सीने से लग कर आँसू बहाती रही..,
फिर जब उसे ग्यात हुआ कि यहाँ रंगीली भी है उसने उससे अलग होने की कोशिश करते हुए उसे देखा.., उसे कमरे में ना पाकर वो फिर से भोला से चिपक गयी..!
भोला ने शिकायत करते हुए कहा – कम से कम गाओं छोड़ने से पहले एक बार मिलकर तो आ सकती थी.., तुझे पता है.., जब तू कुछ दिन मुझे दिखाई नही दी, तो मुझे तेरी बहुत याद आने लगी..,
लाजो – सच कह रहे हो तुम.., मेरी याद आती थी..?
भोला – तेरी सौगंध लाजो.., जब मुझसे नही रहा गया.., तो मेने बेशर्म बन कर रामू की बहू से पूछ ही लिया..,
मेरे ज़्यादा मिन्नत करने पर उसने तुझसे मिलवाने का वायदा किया.., लेकिन ये नही बताया कि तू यहाँ मिलेगी…!
लाजो – वो बहुत समझदार औरत हैं.., जब मुझे घर से निकाल दिया था.., तब मेरे सामने अपनी जान देने के अलावा और कोई रास्ता नही बचा था.., कुए में कूदकर अपनी जान देने वाली थी मे..,
लेकिन एन मौके पर पहुँच कर उन्होने मुझे बचाया ही नही अपितु मुझे यहाँ ले आईं, जहाँ उनके माता-पिता ने मुझे अपनी बेटी की तरह ही रखा है..
भोला – अच्छा लाजो एक बात तो बता, बाहर एक छोटी सी प्यारी सी बच्ची देखी मेने रंगीली बहू की गोद में, वो किसकी है.., इस घर में और तो कोई दिखता नही…?
लाजो बड़े रहस्यमयी ढंग से मुस्कुराइ.., फिर उसके सीने पर अपनी हथेली से सहलाते हुए बोली – जब इस घर में कोई और नही है तो फिर मेरी ही होगी ना…!
भोला – तुम्हारी बेटी..? वो कब हुई..?
लाजो – वो आपका ही अंश है मेरे भोले बालम.., जब में यहाँ आई थी तब वो मेरी कोख में ही थी.., यहाँ आते ही मुझे चक्कर आया..,
रंगीली जीजी उसी समय समझ गयी कि मे माँ बनने वाली हूँ और ये बच्चा किसका है..,
भोला – क्या तुम सच कह रही हो.., वो मेरी बेटी है..,
लाजो ने बस मुस्कुरा कर अपनी गर्दन हां में हिला दी.., फिर उसे पलंग पर लेकर पास बैठते हुए बोली – गौर से देखना उसे.., तुम्हारी उसमें साफ-साफ छबि दिखाई देगी…!
ये सुनते ही भोला झट से उठ खड़ा हुआ.., लाजो उसका हाथ पकड़ते हुए बोली – अरे क्या हुआ..? अब कहाँ चले..?
भोला बड़े मासूमियत भरे अंदाज में बोला – अपनी बेटी को लाने.., मुझे उसे अभी गोद में लेकर खिलाना है..,
|