Antarvasna Sex kahani मायाजाल
10-16-2019, 01:37 PM,
#18
RE: Antarvasna Sex kahani मायाजाल
बाबा ! वह भावुक होकर बोला - अपनों का गम । उनके बिछुङने का गम । शायद सबसे बङा होता है । भले ही अपनों से बिछङा इंसान जन्म दर जन्म कालखण्डों के तूफ़ानों में अपनी डगमगाती कश्ती यहाँ से वहाँ ले जाता रहे । जुदाई की ये तङप । विरहा की ये आग । उसके अन्दर कभी नहीं बुझती । माया के वशीभूत जीवात्मा पिछली बातों को भूल अवश्य जाता है । पर एक अज्ञात सी हूक उसके कलेजे में जागती रहती है । क्या अजीव विधान है सृष्टि रचियता का । इंसान अपने बीबी बच्चों में खुश होता है । जीवन की बगिया में महकते फ़ूल खिल रहे होते हैं । उसका युवा जवान पुत्र होता है । और उस पुत्र की बहुत सुन्दर पत्नी या प्रेमिका होती है । उसकी खुद की भी पत्नी होती है ।
वह अमीर होता है । या गरीब होता है । इससे ज्यादा मतलब नहीं होता । वह अपनी जीवन की फ़ुल बगिया में सुखी ही महसूस करता है । पर कितना अजीब है ना । तब एक.. तूफ़ान आता है । प्रलयकारी तूफ़ान...।
अचानक बूङे का बदन हिलने लगा । उसने ढोल बजाने वाली लकङी उठा ली । उसके बूङे हाथ तेजी से कांप रहे थे । प्रसून अन्दर ही अन्दर सन्तुष्ट हुआ । पर अभी भी मामला खराब हो सकता था ।
- और वह तूफ़ान । वह फ़िर से सधे स्वर में बोला - कभी कभी जिन्दगियों को उजाङ देने वाला होता है । हँसती खेलती जिन्दगी उजाङ देने वाला तूफ़ान..बिजली कङकङाती है ..और फ़िर..।
बूङे का हाथ हिला । उसकी गर्दन हिल रही थी । और फ़िर मुठिया वाली लकङी की थाप ढोल पर पङी । ढमऽऽ की आवाज गूँजी । मौजूद स्त्री पुरुषों के चेहरे पर अजीव सी रौनक खिल उठी । वे इस जादुई पुरुष को गौर से देख रहे थे ।
- किसी की बीबी ! वह फ़िर से बूङे को गौर से देखता हुआ भावुक होकर बोला - किसी का जवान बेटा । किसी का पति । और किसी की प्रेमिका भी..ये तूफ़ान..भयानक जंगलों में ..
ढम ढम..ढमाढम..बूङा तेजी से हाथ चला रहा था । अब प्रसून की बातों से उसका ध्यान हट चुका था । क्या अजीव जादू था । उस ढोल की लय में । सब उसकी बातें सुनना छोङकर ढोल में मगन हो गये । प्रसून रहस्यमय मुस्कराहट के साथ उन सबको देखने लगा । उसका उद्देश्य पूरा हो चुका था । देखते हैं । आगे क्या होता है । उसने सोचा । बूङा दर्द भरी आवाज में कोई गीत गा रहा था । और वे लोग भीगी आवाज में उसकी किसी मुख्य कङी में सुर मिलाते थे । वे प्रसून को भूल सा गये थे । उसे गीत के बोल और उसका अर्थ समझ नहीं आ रहा था । पर आवाज का गहरा दर्द एक अंधा भी महसूस कर सकता था ।
ये आवाज मानों आत्मा की आवाज थी । तब उसने दर्द की आवृति का गोल छोटा सा भंवर बनते देखा । उसके गानों में रूसी गाने की तरह एक अजीव सी शैली समायी हुयी थी । जो गाते वक्त रोने की फ़ीलिंग देता था । तभी बाहर की तरफ़ से कुछ शोर सा सुनाई दिया । उसे जस्सी द्वारा खुद को पुकारने की आवाज सुनाई दी ।
- सत्यानाश ! उसके मुँह से निकला । सब किया कराया चौपट हो गया था । पूरी मेहनत पर पानी फ़िर गया था । अन्य लोग भी चौंककर उधर ही देखने लगे । व्यवधान आते ही बूङे ने ढोल फ़िर बन्द कर दिया था । उसका भाव रुक गया । बाहर कुछ गणों के साथ जस्सी खङी थी । वे किसी कैदी की भांति उसे पकङे हुये थे ।
वह तुरन्त वहाँ पहुँचा । जस्सी बङी हैरत से उसे देख रही थी । और खुशी से उससे लिपट जाना चाहती थी । उसने एक गहरी सांस भरी । क्या सब कुछ खत्म होने वाला था । कितना बङा हस्तक्षेप हुआ था । बस एक घण्टे भी और वही स्थिति रहती । तो सब कुछ खुली किताब की तरह हो जाने वाला था ।
- महोदय ! एक प्रहरी बोला - आप कोई योगी मालूम होते हैं । पर कृपया आपको प्रेतराज को सूचना देकर उनकी जानकारी में आना चाहिये था । क्या इस जीवात्मा से आपका कोई सम्बन्ध जुङता है ? आपके यहाँ आने का उद्देश्य क्या है ? ये देवी कौन है ? आप कब तक यहाँ रहने वाले हैं ?
उसने जस्सी को देखा । कमाल की लङकी थी । कैसे उसके पास एक जादू की तरह आ गयी थी । और मुश्किल बात ये थी कि अभी यही नहीं पता था कि वो जिन्दा थी । या मर चुकी थी । पर प्रहरी को उसके मनोभावों से कोई मतलब नहीं था । उसे अपने उत्तरों की शीघ्रता थी । वह जानता था कि उसकी जगह कोई रूह भटकती हुयी गलती से इधर पहुँच जाती । तो ये पहरेदार तुरन्त उसे कैद कर लेते । जैसे जस्सी अभी कैद थी । पर वे योगियों के लिये नियम जानते थे ।
- उसे छोङ दो । वह जस्सी की तरफ़ देखता हुआ बोला - वो मेरी प्रेमिका है । उसी की बाधा के चलते मैं यहाँ आया हूँ । दरअसल मैं अपने अभियान के बीच यकायक यहाँ आया । मुझे इसकी अभी की स्थिति का भान था । मैं अपने अभियान के पूरा होते ही वापिस जाऊँगा । ये लङकी और मैं दोनों बाहरी व्यक्ति हैं । इसके अलावा हमारे
साथ कोई नहीं है । तब तक तुम हमारे बारे में यही से पता कर सकते हो । क्योंकि इस बाधा का सम्बन्ध यहीं से है । वैसे तुम जानते ही होगे । फ़िर भी हम दोनों प्रथ्वी से हैं । अनावश्यक चिंता न करो । हम यहाँ कोई परेशानी वाली बात नहीं करेंगे । प्रेतराज को मेरा नमस्कार कहना ।
ये सब बात उसने विशिष्ट अन्दाज में सूक्ष्म लोकों में योगियों की स्थिति अनुसार कही थीं । वे तुरन्त समझ गये । और आदर के साथ उन्होंने जस्सी को छोङ दिया । वह दौङकर प्रसून से लिपट गयी । लोक वायु प्रहरियों ने उसका अभिवादन किया । और वापिस चले गये ।
चाहे वह मामूली चींटी चींटा हो । इंसान हो । या फ़िर देवतुल्य बङी शक्तियाँ ही क्यों न हों । हरेक का जीवन शतरंज पर बिछी बिसात के समान है । एक मामूली मोहरे के इधर से उधर होते ही जिन्दगी के खेल की पूरी चाल ही बदल जाती है । और तब बङे से बङे खिलाङी के माथे पर बल पङ जाते हैं । एक चाल हजारों नई चालों को जन्म देती हुयी आती है । अब क्या हो ? कैसे हो । ऐसा हो । तो वैसा हो । वैसा हो । तो ऐसा हो । फ़िर भी पता नहीं । उसका परिणाम कैसा हो । कभी कभी कितना असहाय महसूस होने लगता है । जब किसी बङे मोहरे से जूझता राजा भी थोङी सी लापरवाही से मामूली पैदल सैनिक के निशाने पर मरने को मजबूर होता है । राजा हो या रंक सभी का अन्त एक सा होय ।
अंधेरा गहराने लगा था । पहले से ही अंधेरे इस लोक में रात होने लगी थी । सो उसकी प्रारम्भिक अवस्था ही प्रथ्वी की आधी रात के समान थी । वह और जस्सी बाहर ही खुले में मिट्टी के चबूतरे पर बैठ गये थे । उन्होंने किसी सोलर सिस्टम के उपकरण की भांति किसी अजीव से साधन से प्रकाश किया था । जिसका उजाला अधिक नहीं पर पर्याप्त था । उसे सिगरेट की भी तलब महसूस हो रही थी । पर इस तलब को पूरा नहीं कर सकता था ।
बूङा मिचमिची आँखों से उन्हें ही देख रहा था । अन्य लोगों को भी उत्सुकता थी । कुछ और लोग भी आने लगे थे । वे यह सब जानना चाहते थे । पर वह क्या बताता । और कैसे बताता । और बताने का शायद टाइम भी नहीं था । उसने जस्सी की तरफ़ देखा । तो उसने शरमाकर नजरें झुका लीं ।
अजीव पागल है । पहले उसने सोचा । ये प्रथ्वी से बहुत दूर कितनी अजीव स्थितियों में है । फ़िर भी कैसी निश्चिन्त सी थी । फ़िर उसे लगा । पागल बह नहीं । बल्कि वह स्वयं पागल है । जब उसने इधर का सफ़र किया होगा । भले ही वह जीते जी या मरे हुये किया होगा । तब उसके दिलोदिमाग में सिर्फ़ वही छाया होगा । वह उससे किसी पूर्ण समर्पित प्रेमिका की तरह एक भाव हो गयी होगी । तब रास्ते में जो भी व्यवधान या डरावनी परिस्थितियाँ बनी होगी । उसका ध्यान सहायता के लिये उसी की तरफ़ गया होगा । तब सूक्ष्म शरीरी होने से उसकी आसान योग स्थिति बनी होगी । और इस तरह उसका एक विशिष्ट वी आई पी दर्जा बन गया होगा । इससे तमाम बाधक तत्व उससे स्वतः दूर हो गये होंगे । दूसरे उससे एकभाव होने से उसके सूक्ष्म शरीर में योगत्व प्रभाव खुद भी पैदा हो गया होगा । तब उसे ये मरना या ये यात्रा भी रोमांचक ही लगी होगी । एकाएक उसके दिल में जस्सी के लिये प्यार सा उमङा । और उसने उसके गले में बाँहें डालकर उसे अपने साथ सटा लिया । वह किसी भयभीत चिङिया सी उसके सीने से लग गयी ।
कितनी मजे की बात थी । वह उसके होते निश्चिन्त थी । और कुछ भी नहीं सोच रही थी । जबकि वह उसके होते परेशानी में उलझा हुआ था । और लगातार उसी के बारे में सोच रहा था । बात शायद अभी वहीं के वहीं थी ।
प्रसून जी ! अचानक उसे कुछ याद सा आया । और वह हँसती हुयी बोली - आपको मालूम है । मैं मर चुकी हूँ । ओह गाड ! कितना अजीव है ना । अब मैं मर चुकी हूँ ।
ये बात उसने ऐसी मासूमियत से कही थी कि सब कुछ भूलकर वह जोर जोर से हँसने लगा । उस अजीव सी लाइट में वह उसके सुन्दर मुखङे को देखता रह गया । उसने आसमान को देखा । वहाँ चाँद कहीं नहीं था । पर तारे बहुत नजर आ रहे थे । गहरे काले घुप्प अंधेरे में वे मद्धिम चमक वाले तारे रात की रानी की काली चुनरी में टंके सितारों के समान थे ।
- जस्सी ! क्या पागल हो तुम । वह हँसता हुआ ही बोला - अगर तुम मर गयी हो । फ़िर मेरे सामने बैठी कैसे हो । बोल कैसे रही हो । क्या तुम्हें किसी तरह लग रहा है कि तुम मर गयी हो । मरा इंसान तो बस बिना हिले डुले एक ही स्थान पर पङा रहता है । क्या तुम्हे अपने अन्दर कोई मरने वाली बात लग रही है ?
वह एकदम झुंझलाई सी हो गयी कि इस पागल को क्या समझाये । फ़िर वह मानों और भी चौंकती हुयी बोली - उफ़ ! आप मेरा यकीन क्यों नहीं करते । सच्चाई..सच्चाई तो ये है । सिर्फ़ मैं ही नहीं आप भी मर चुके हो ।
- ओ गाड । ओ गाड । अबकी वह दुगनी जोर से हँसा - लङकी कहीं तू पागल तो नहीं है । उसने मुझे भी मार डाला । फ़िर ये जो मैं हट्टा कट्टा तेरे सामने बैठा हूँ । ये क्या मेरा भूत है । भूत..हा हा हा हू हू..डर अब तू डर ।
उसने अजीव से असमंजस में नजरें झुका लीं । अब वह क्या बोले । अब वह प्रसून को क्या समझाती कि वाकई वह दोनों मर चुके थे । उसने खुद सब कुछ देखा था । प्रसून उसकी हालत का मजा ले रहा था । जीवन के पार जीवन का ये उसका इस जीवन में पहला अनुभव था । वह उससे अपने पीछे के हालात जानना चाहता था । उसने ऐसा क्या किया था । जो यहाँ तक आ गयी थी । पर ये सब अभी पूछने का समय नहीं था । क्योंकि अपने बारे में तो वह बता आया था । पर जस्सी को मरा देखकर राजवीर और बराङ पर क्या गुजरी होगी ? बस यही ख्याल उसे हलकान कर रहा था । खास उसे बस एक ही चिन्ता थी कि कहीं वे वाकई उनके शरीर का संस्कार करके उसे नष्ट न कर दें । बस उसके दिल में एक ही आशा बनती थी कि अगर वे योग स्थितियों के बारे में थोङा भी जानते होंगे । उसके कहे पर विचार करेंगे । तो फ़िर ऐसा नहीं करेंगे । कम से कम उसने अपनी बातों में उन्हें ऐसी झलक सी महसूस करवा दी थी कि वह उन्हें मरा हुआ भी लग सकता है । और तब वे शायद बाधा के चलते जस्सी को भी ऐसा ही कुछ समझ लें । और धैर्य से कुछ दिन इन्तजार करें । जो भी हो । उसकी समझ में नहीं आ रहा था । वाकई वे क्या सोचेंगे । और फ़िर क्या करेंगे ?
कुछ लोग अतिथि भाव से भोजन ले आये थे । और वे सब भोजन कर रहे थे । पर वह भोजन करता हुआ भी आगे के लिये विचार मग्न था । आगे क्या करना चाहिये ।
- ये सुन्दर सी लङकी मेरी प्रेमिका है । भोजन आदि के बाद वह उन सबका संस्पेंस दूर करता हुआ बोला - मैं अचानक चला आया । तो मेरे पीछे पीछे यह भी चली आयी......।
पर बूङा उनकी बात नहीं सुन रहा था । वह बङे गौर से अति सुन्दर जस्सी को देख रहा था । उसके होंठ कंपकपा रहे थे । उसकी आँखें दूर शून्य 0 में स्थिर हो चुकी थी । उन दोनों को पास पास बैठा हुआ देखकर उसका शरीर जोर जोर से कांप रहा था । उसकी गर्दन हिलने लगी थी ।
क्योंकि सभी लोगों का ध्यान उसकी तरफ़ नहीं था । सो जैसे ही यकायक उसने ढोल पर जोरदार थाप दी । सब चौंक ही गये । प्रसून भी चौंक गया । जस्सी ने अजीव भाव से उसकी तरफ़ देखा । पर बूङा अब किसी को नहीं देख रहा था । वह कृमबद्ध लय से धीरे धीरे ढोल को थाप दे रहा था । जो हर थाप पर तेज हो रही थी । फ़िर ढोल बजने लगा । क्या संगीत था । क्या लय थी । क्या ताल थी । मानों प्रकृति भी झूम उठी हो । पूरा हुजूम संगीत में डूबने लगा । अब उससे किसी को कोई मतलब नहीं रह गया था । सबने अपने अपने सहायक वाध यन्त्र उठा लिये थे । और ताल से ताल मिला रहे थे ।
- हे प्रभु ! वह आसमान की ओर हाथ उठाकर बोला - आपकी लीला अपरम्पार है । इसे बङे से बङे ज्ञानी भी नहीं समझ सकते । मैं मूर्ख कर्ता बना हुआ अभी भी सोच रहा था कि आगे क्या और कैसे करूँगा । पर आपने पल में ही मेरा ये अहम भी चूर चूर कर दिया । कोटिष वन्दन ।
किसी आदिवासी इलाके जैसा माहौल बन गया था । संगीत धीरे धीरे अपने चरम पर पहुँच रहा था । प्रसून की गहरी आँखों में अनोखी चमक सी पैदा होती जा रही थी । वह बङी दिलचस्पी से आने वाले क्षणों का इन्तजार कर रहा था । और सावधानी से अनदेखा सा करते हुये बेहद लापरवाही का प्रदर्शन करता हुआ जस्सी को ही देख रहा था । फ़िर अचानक उसे कुछ याद आया । और वह चौंककर उसके पास से हटकर अलग टहलने लगा । जस्सी मन्त्रमुग्ध सी वहीं बैठी रह गयी । वह पूरी तन्मयता से उन्हें देखती हुयी सुन रही थी ।
फ़िर अचानक उसका शरीर हिलने लगा । उसमें किसी प्रेत के आवेश की भांति वायु भरने लगी । उसका सर बहुत तेज चकरा रहा था । और वह गोल गोल घूम रही थी । घूमती ही चली जा रही थी ।
प्रसून गौर से उसकी एक एक गतिविधि देख रहा था । वह थोङा और थोङा और करके पीछे हटता जा रहा था । उसकी यहाँ मौजूदगी इस रहस्य के खुलने में बाधा हो सकती थी । अतः उस संगीत से और उससे जुङे भावों से जो विचार वृत बन रहा था । वह उससे दो कदम पीछे हटता ही चला जा रहा था । जैसे किसी भीङ के गोल घेरे में किसी जादूगर को तमाशा करता हुअ देख रहा हो ।
- नल्लाऽऽऽऽ ! अचानक संगीत के बीच वह बूङा गला फ़ाङकर चिल्लाया - देख तेरी दमयन्ती आ गयी । वो लौट आयी । नल्ला मेरे लाल । अब तू भी लौट आ । लौट आ मेरे बच्चे ।
ये दर्द भरी पुकार उसने ढोल बजाने के मध्य कही थी । और फ़िर से झूमता हुआ ढोल बजाने लगा था । विचार वृत गहराता जा रहा था । उसके शरीर की भाव रूपी तरंगों से निकली किरणों में अणु परमाणु जमा होते जा रहे थे । तमाम रंगों के अणु परमाणु मानवीय आकार लेते हुये लहराते हुये से उङ रहे थे । और एक बङे गोल दायरे में कैद थे । और फ़िर वो हुआ । जिसका प्रसून जाने कब से बेकरारी से इन्तजार कर रहा था । उन सभी विचार वृतियों का एक छोटा बवंडर बनने लगा । और किसी लट्टू की भांति तेजी से घूमने लगा । धुनी हुयी रुई के बहुत छोटे छोटे रंगीन टुकङों की भांति वे सभी मानव आकृतियाँ उस बवंडर में फ़ँसकर गोल गोल घूमने लगी ।
तब वो क्षण आ गया । जो आगे आना ही चाहिये था । जस्सी अपनी जगह से मदहोश सी उठी । और झूमती हुयी नाचने लगी । उसने पास ही से एक बांस के समान लम्बा डण्डा उठा लिया था । और किसी कुशल नटनी की भांति कलाबाजियाँ दिखा रही थी । पर सिवाय उसके कोई किसी को नहीं देख रहा था ।
सिर्फ़ वह किसी साक्षी की भांति दिलचस्पी से इस खेल को देख रहा था । खेल । असली खेल । जो अब शुरू हुआ था ।
प्रसून इस बात को लेकर स्योर था । अगर नटों की कलाबाजी के तमाशे हेतु बंधी रस्सी पहिया और थाली आदि दूसरे उपकरण होते । तो उसे खूबसूरत जस्सी के यादगार क्षण देखने को मिलते । काश ! ये क्रिया उसके स्थूल शरीर से होती । और उसे शूट करने का कोई साधन उसके पास होता । पर ये दोनों ही बातें फ़िलहाल तो संभव नहीं थी ।
उसने कैसा भी कोई हस्तक्षेप नहीं किया । और जो हो रहा था । उसे साक्षी बनकर सिर्फ़ देखता रहा । काली रात गहराती जा रही थी । स्याह काले अंधेरे ने उस रहस्यमय लोक को अपनी लपेट में ले लिया था ।
उस अंधेरे के बीच मद्धिम प्रकाश में वह दृश्य प्रेतों के उत्सव जैसा नजर आ रहा था ।
तभी उसे एक बात सूझी । उसने जस्सी को मध्यम स्वर में पुकारा । जो उसकी आवाज उस तक आरा्म से पहुँच सके । पर जस्सी की तरफ़ से कोई प्रतिक्रिया नहीं हुयी । वह पूर्ववत नाचती ही रही । तब उसके चेहरे पर गहन सन्तुष्टि के भाव आये । यानी सब कुछ सही था । उसे बहुत बेकरारी से अगले क्षणों का इन्तजार था । और उन्हीं की सफ़लता पर सारा दारोमदार निर्भर भी था । अगले क्षण । जो अब आने ही वाले थे ।
Reply


Messages In This Thread
RE: Antarvasna Sex kahani मायाजाल - by sexstories - 10-16-2019, 01:37 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,541,216 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 548,973 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,249,476 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 944,623 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,677,572 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,100,600 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,984,945 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,167,408 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,073,835 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 288,804 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 1 Guest(s)