RE: Incest Kahani दीदी और बीबी की टक्कर
हम दोनो मे से कोई नही बोल रहा था ना मौसी ना ही मैं
कुच्छ देर के बाद मौसी गोद मे सर रखे सो गयी.
मेने मौसी को बढ़िया से सुला दिया.
तभी मेरा ध्यान मौसी की लड़की की तरफ गया. मेने उसे अपने पास बुलाया.
वो डरते-डरते मेरे पास आई बहुत ही डरी हुई मेरी तरफ देखने लगी. 2 साल की बच्ची को इस तरह डरे हुए देख कर मैं समझ गया कि ज़रूर कुच्छ हुआ है.''
मेने उस बच्ची को अपने गोदी मे बिठा लिया
बहुत ही संदर बच्ची थी..
मैं उसको गोदी बिठाते ही उसके बालो सहलाने लगा. जिससे धीरे-धीरे उसका डर कम हो गया.
मैने उसके माथे को चूमा ऑर उसके बालो को सहलाते हुए पूछा. '' बेटा आपका नाम क्या है''
: वो मेरी ओर देखती रही फिर धीरे से बोली' अंजू'
मौसी की इस बेटी का नाम अंजू था...
मैं अंजू के बालो को सहलाते हुए' बेटा तुम्हारे पापा का नाम क्या है'
अंजू- मेरे पापा का नाम मम्मी ने नही बताया कहती बाद मे बताउन्गी.
राज- अंजू बेटा तुम अपने पापा को देखी हो.
अंजू अपना सर ना मे हिलाने लगी 'नही देखी हूँ'
मेने बिना कुच्छ सोचे-समझे बोल दिया' मैं ही तुम्हारा पापा हूँ 'राज '
मेरे इतना कहते ही अंजू मेरी गोदी से खड़ी हुई मुझे पापा कहते हुए मेरे से चिपक गयी..
मेने भी उसको अपनी बाहों भिच लिया.
आज अंजू के मुँह से ' पापा ' सुनकर मेरा दिल खुशी के मारे झूमने लगा.
मैने बहुत देर तक अंजू को चिपकाए रखा, अंजू अपनी छोटी-छोटी कोमल उंगलियो को मेरी पीठ पर पकड़ी हुई रही.
कुच्छ देर के बाद मैने अंजू को अपनी गोदी मे आराम लिटाया ऑर धीरे-धीरे उसके बालो को सहलाने लगा.
एकाएक अंजू बोली- पापा आप इतना दिन से मुझे मिलने क्यो नही आए, जानते हो पापा मैं आपको बहुत मिस करती हूँ. सब कोई के पापा थे आप नही थे तो मैं बहुत उदास रहती थी.
अब आप मुझको अलग नही ना करोगे. मम्मी बहुत रोती है.''
इतना बोलकर अंजू मेरी आँखो में तरसी हुई निगाहो से देखने लगी.
अंजू के मासूम चेहरे को बहुत प्यार झलक रहा था... मुझसे बर्दास्त नही हुआ मैंने अंजू को अपने सीने से लगाकर,' नही बेटा मैं अपने बच्चे को कभी अलग नही करूँगा.
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