Kamvasna दोहरी ज़िंदगी
10-11-2019, 01:13 PM,
#2
RE: Kamvasna दोहरी ज़िंदगी
उन टीचरों के लिये बात वहीं दब गयी लेकिन मुझे इस बात पर यकीन नहीं हुआ क्योंकि दोनों काफी दबंग किस्म की लड़कियाँ थीं थीं और इतनी ज़रा सी बात पे रोने वाली लड़कियाँ नहीं थीं। इसलिये मैंने अगले दिन खुद सुहाना और उसकी सहेली फ़ातिमा को खाली पीरियड में अपने कमरे में बुलाया और उससे पूछा कि प्रॉब्लम क्या है। वो बोली, "कुछ नहीं तबस़्सुम मैम... सब ठीक है!"

"मुझसे झूठ मत बोलो", मैंने कहा, "उस दिन भी मैंने तुम्हें इसी तरह बस से रोते हुए उतरते देखा था और फ़ातिमा तुम्हें कह रही थी कि हम कल तबस़्सुम़ मैम को ये बात बतायेंगे और वो उनकी खबर लेंगी! मुझसे छुपाओ मत और खुल के बताओ कि प्रॉब्लम क्या है?"

इस पर सुहाना फूट-फूट कर रोने लगी। तब फ़ातिमा बोली, "त़बस्सुम मैम मैं आपको बताती हूँ कि प्रॉब्लम क्या है। आप तो जानती हैं कि हमारी बस में कितनी भीड़ होती है और हमें पीछे खड़े हो कर जाना पड़ता है!"

"हाँ! हाँ!" मैंने कहा।

"तो मैम प्रॉब्लम ये है कि पिछले एक महीने से वो हमारी क्लॉस के मुस्टंडे... वो बास्केटबॉल प्लेयर्स... वो फेल्यर्स... हमें बस में रोज़ तंग करते हैं। हम लड़कियों का उन्होंने बस में सफ़र करना मुश्किल कर दिया है! कभी तो वो हमारे लोअर बैक में उंगली डालते हैं तो कभी हमारी ब्रेस्ट पर चुँटी काटते हैं! कल तो उन्होंने हद ही कर दी। कल उन चारों ने हमें कस कर पीछे से पकड़ लिया और ज़ोर से हमारी ब्रेस्ट्स मसल दी!" वो बोली।

"क्या उनकी ये हिम्मत! मैं आज ही उनकी शिकायत प्रिंसपल से करती हूँ और खुद भी उनकी अच्छी पिटाई करुँगी... और ये सब तुमने पहले क्यों नहीं बताया... और बाकी लड़कियों ने इसकी शिकायत क्यों नहीं की?" मैं बोली।

"नहीं-नहीं त़बस्सुम मैम... आप प्लीज़ ये बात किसी से ना कहियेगा वरना सब हम पर हसेंगे और हमारी स्कूल में बदनामी होगी और मज़ाक बनेगा। आप चाहें तो उनकी पिटाई कर दीजिये पर ये बात आप उनसे भी ना कहियेगा कि हमने बताया है वरना वो हमें और तंग करेंगे या फिर बदनाम करेंगे!" वो बोली।

"ठीक है, मैं देख लूँगी!" मैंने कहा। उस दिन उस क्लॉस में जाते ही मैंने उन चारों को खड़ा कर लिया और बिना कुछ बताये उनको जमकर थप्पड़ लगाये कि मेरे हाथ दुखने लगे और उनके गालों पर मेरे थप्पड़ों की वजह से निशान पड़ गये। जब उन्होंने पूछा कि "अख़तर मैम आप हमें क्यों मार रही हैं?" तो मैंने कहा, "तुम्हें बस में सफ़र करने की तमीज़ सिखा रही हूँ!" और वो चारों सिर झुका कर खड़े हो गये।

उस वाकिये के बाद कुछ दिन तक सब ठीक रहा, लेकिन एक दिन फिर वो लड़कियाँ मेरे पास आयी तो मैंने उनसे पूछा, "अब क्या हुआ... अब तुम किस बात पर परेशान हो? क्या वो तुम्हें अभी भी तंग करते हैं?"

इस पर वो मुझे बोलीं, "त़बस्सूम मैम आपने जब उनकी पिटाई की थी तो कुछ दिन तक सब ठीक रहा लेकिन पिछले दो दिन से वो फिर से हमें तंग कर रहे हैं!"

"लगता है अब प्रिंसपल से बात करनी ही पड़ेगी।" मैं बोली।

"प्लीज़ प्लीज़ तबस्सुम मैम आप प्रिंसपल से कुछ मत कहियेगा... ये बात अगर फ़ैल गयी तो हमारा मज़ाक उड़ेगा! हमारा स्कूल आना मुश्किल हो जायेगा!" वो गिड़गिड़ायीं।

"तो ठीक है... आज मैं तुम लोगों के साथ बस में खड़ी रहुँगी। अगर उन्होंने कुछ किया तो में उनकी वहीं पिटाई करूँगी!" मैंने गुस्से में तमतमाते हुए कहा।

उस दिन मैंने क्लॉस में फिर उन चारों की पढ़ाई और होमवर्क ना करने के बहाने से पिटाई की और छुट्टी के बाद बस में लड़कियों के साथ पीछे खड़ी हो गयी। जब मेरी साथी टीचरों ने पूछा तो मैंने कहा कि मैं स्टूडेंट्स के साथ मिक्स-अप होने की कोशिश कर रही हूँ ताकि ये मुझसे इतना ज़्यादा ना डरें। उस दिन सब ठीक रहा। मैं उनके साथ तीन-चार दिन बस में खड़े हो कर सफ़र करती रही। वो चार बदमाश हमारे पीछे ही खड़े रहते थे लेकिन उनमें से किसी की हिम्मत नहीं हुई कि कुछ कर सकें। फिर कुछ दिन बाद मैं फिर आगे बैठने लगी। दो ही दिन बाद वो लड़कियाँ फिर मेरे पास वही शिकायत ले कर आ गयीं। उस दिन मैं फिर पीछे खड़ी हो कर सफ़र करने लगी।

दो-एक दिन तक सब ठीक था लेकिन फिर एक दिन अचानक मुझे ऐसा लगा जैसे किसी ने कोई चीज़ मेरे पीछे मेरे चूतड़ों के बीच घुसा दी हो। मैं एक दम काँप गयी। मेरा पूरा जिस्म ठंडा पड़ गया। मेरे शौहर को गुज़रे हुए सात-आठ महीने हुए थे और इस दौरान मैंने अपनी जिस्मनी ख्वाहिशों को बिल्कुल दबा कर रखा था। कभी-कभार रात को अपनी उंगलियों से अगर खुद-लज़्ज़ती कर भी लेती थी तो तसव्वुर हमेशा अपने मरहूम शौहर का ही होता था। मैं बेहद पाक और नेक तरबियत वाली औरत थी। वैसे तो मैं गोरी-चिट्टी बेहद खूबसूरत और स्लिम और सैक्सी हूँ और अपने शौहर के साथ बेहद एक्टिव और अच्छी सैक्स लाईफ़ थी मेरी। लेकिन मेरे शौहर के अलावा किसी गैर-मर्द ने मुझे कभी छुआ तक नहीं था और ना ही मैंने कभी उनके अलावा किसी को ऐसी नज़र से देखा था।
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RE: Kamvasna दोहरी ज़िंदगी - by sexstories - 10-11-2019, 01:13 PM

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