Free Sex Kahani काला इश्क़!
11-26-2019, 07:58 PM,
#93
RE: Free Sex Kahani काला इश्क़!
update 48

रात के एक बजे थे और मुझे झपकी लगी थी की ऋतू मेरे कमरे में आई और और झुक कर मेरे होठों को चूसने लगी| मैंने तुरंत आँख खोली और जब नजरें ऋतू पर पड़ीं तो मैं निश्चिंत हो गया और उसके होठों को चूसने लगा| दरअसल मैं दरवाजा बंद करना भूल गया था, इसलिए ऋतू चुप-चाप अंदर आ गई थी| इधर आग दोनों के जिस्म में भड़क चुकी थी पर कुछ भी करना खतरे से खाली नहीं था! मैंने ऋतू को रोका और उठ बैठा; "जान! मेरा भी बहुत मन है पर यहाँ घर पर कुछ भी करना ठीक नहीं है! कल कॉलेज की छुट्टी कर ले और फिर वो पूरा दिन हम दोनों एक साथ होंगे!" ये सुन कर ऋतू का मुंह फीका पड़ गया और वो मुड़ कर जाने लगी| अब मुझसे उसका ये उदास चेहरा देखा नहीं गया, मैं पलंग से उतरा और ऋतू का हाथ पकड़ कर खींच कर उसे छत पर ले गया| छत की पैरापेट वाल थोड़ी ऊँची थी, करीब 4 फुट की होगी, मैं वहाँ नीचे बैठ गया और ऋतू को भी अपने पास बिठा लिया| हम दोनों कुछ इस तरह बैठे थे की अगर कोई ऊपर चढ़ कर आता तो हमें साफ़ दिखाई दे जाता पर वो हमें नहीं देख पाता| उससे हमें इतना समय तो मिल जाता की हम एक दूसरे से अलग हो कर बैठ जाएँ| हाँ वो इंसान जब छत पर आ जाता तो ये सवाल जर्रूर आता की तुम दोनों छत पर अकेले क्या कर रहे हो? ये वो एक सवाल था जिसका हमारे पास कोई जवाब नहीं होता, पर जब प्यार किया है तो रिस्क तो लेना ही पड़ता है| सवाल के जवाब में झूठ बोलने के अलावा कोई और चारा नहीं था हमारे पास| खेर नीचे बैठा था और अपनी दोनों टांगें 'V' के अकार में खोल रखी थी| मैंने ऋतू को ठीक बीच में बैठने को कहा, ऋतू बैठ गई और अपना सर मेरे सीने से टिका दिया| हम दोनों ही आसमान में देख रहे थे| चांदनी रात में टीम-टिमाते तारे देखने का मजा ही कुछ और था, ऊपर से चारों तरफ सन्नाटा और हलकी-हलकी हवा ने समा बाँध रखा था|


ऋतू: जानू! आपको पता है आज क्या हुआ?

मैं: क्या हुआ? (मैंने ऋतू के गाल को चूमते हुए कहा)

ऋतू: ससस... मेरी सहेलियाँ कह रही थी की मैं मोटी हो गई हूँ? मेरी Ass, मेरी Breast और मेरे Lips मोटे हो गए हैं, और ये सब आपकी वजह से हुआ है?

मैं: शिकायत कर रही हो या कॉम्पलिमेंट दे रही हो?

ऋतू: कॉम्पलिमेंट

मैं: I feel you're ready to be a mother!

ऋतू: सच? तो कब बंद करूँ वो प्रेगनेंसी वाली गोली लेना? (उसने मजाक में कहा|)

मैं: पागल! (मैंने ऋतू के दूसरे को गाल को चूमते हुए कहा|)   

ऋतू: ससस... सच्ची जानू! आपने मेरे बदन को तराशने में बड़ी मेहनत की है!

मैं: हम्म्म... (मैं ऋतू की जुल्फों की महक सूंघते हुए बोला|)

अब ऋतू ने अपने दाहिने हाथ को मेरी जाँघ पर रख उसे सहलाने लगी जिसका सीधा असर मेरे लंड महराज पर हुआ| उन्हें फूल कर खड़ा होने में सेकंड नहीं लगा और वो ऋतू की कमर पर अपनी दस्तक देने लगे| ऋतू मेरी तरफ घूमी और प्यासी नजरों से मुझे देखने लगी, पर वहाँ कुछ भी कर पाना बहुत बड़ा रिस्क था! पर प्यास तो लगी थी, और उसे बुझाना तो था ही! मैंने ऋतू को ऐसे ही बैठे रहने को कहा और मैंने अपने दोनों हाथों से उसकी पजामी के नाड़े को खोलना शुरू कर दिया| नाडा खोल कर मैंने अपना दाहिना हाथ अंदर डाला तो पाया की ऋतू ने पैंटी नहीं पहनी, मतलब वो पहले से ही तैयारी कर के बैठी थी! मैंने अपनी बीच वाली ऊँगली को ऋतू की बुर में सरकाया तो पाया की वो तो पहले से ही गीली है| "मेरी जान को प्यार चाहिए?" मैंने पुछा तो ऋतू ने सीसियाते हुए 'हाँ' कहा| मैंने अपनी ऊँगली से ऋतू की बुर की फांकों को सहलाना शुरू कर दिया और ऋतू ने अपने आप को मेरी छाती से दबाना शुरू कर दिया| मैंने अपनी तीनों उँगलियों से ऋतू की बुर की फाँकों को धीरे-धीरे मनसलना शरू कर दिया, और ऋतू का कसमसाना शुरू हो गया| मैंने अपनी दो उँगलियाँ उसके बुर में डाली और उन्हें ऋतू की बुर में गोल-गोल घुमाने लगा| अब ऋतू ने अपनी कमर को मेरे लंड पर और दबाना शुरू कर दिया| "जानू...ससस....!!!! आपको नहीं पता ये नौ दिन मैंने कैसे तड़प-तड़प के निकाले हैं!" मुझे ऋतू की प्यास का अंदाज हो चला था तो मैंने अपनी दोनों उँगलियाँ उसकी बुर में तेजी से अंदर-बाहर करनी शुरू कर दी| "उम्ममम ...ससस... और कितना ...स..ससस...तड़पाओगे?" ऋतू ने धीमी आवाज में सिसकते हुए कहा| "जान! प्लीज आज रात इसी से काम चला लो कल शहर पहुँच कर कपडे फाड़ के सेक्स करेंगे!" मैंने अब भी ऋतू की बुर में अपनी ऊँगली अंदर-बाहर किये जा रहा था, ऋतू की आँखें बंद हो चलीं थी और उसके दोनों हाथ मेरी जाँघ पर थे| "ससस...जानू!! ....ससस...पिछले कुछ दिनों से में डरी हुई थी...स्स्स्साहह... मुझे लगा ....मेरे जिस्म का जादू आप पर से उतर गया!" ऋतू के मुँह से अनायास शब्दों ने मेरा ध्यान खींचा, अब मुझे जानना था की ऋतू किस जादू की बात कर रही है इसलिए मैंने और तेजी से उसकी बुर की चुदाई अपनी उँगलियों से शुरू कर दी!| ऋतू इस आनंद से फिसल कर आगे की ओर जाने लगी तो मैंने अपने बाएँ हाथ को उसके पेट पर रखा और उसे आगे फिसलने नहीं दिया| "ममममममम.... उस सससस....हरामजादी .....ने मुझे एक बात सिखाई थी.... की अपने बंदे को अपने काबू में रखना है तो उसे अपनी चूत से बाँध कर रख! आअह..सससस...." अब मुझे सब कुछ समझ आने लगा था! ऋतू का अचानक से सेक्स में इतना 'निपुण' हो जाना सिर्फ उसकी insecurity को छुपाने के लिए एक पर्दा था| मैं उसे छोड़ कर किसी और के पास ना जाऊँ इसलिए ऋतू इस तरह मुझसे चिपकी रहती थी| मैंने उसे इतनी बार भरोसा दिलाया, कसमें खाईं पर उसे क्यों यक़ीन नहीं होता की मैं बस उसका हूँ| उसका ये possessive होना अब सारी हदें पार कर रहा है, अगर इसने अपनी जलन और insecurity के चलते किसी के सामने कुछ बक दिया तो? वो दिन हम दोनों का अंत होगा! पर आखिर कारन क्या है की ऋतू इस कदर insecure है? मैंने ऐसा क्या कर दिया की उसे ये insecurity होती है? Wait a minute ..... ये मुझसे प्यार भी करती है या फिर ये सिर्फ इसकी सेक्स की भूख है?!! मैं यही सब सोच रहा था और अपनी उँगलियों को ऋतू की बुर में तेजी से अंदर-बाहर किये जा रहा था| अब ऋतू छूटने वाली थी और उसने अपने नाखून मेरी जाँघ में गाड़ दिए थे जिससे मैं अपने ख्यालों से बाहर आया और अगले ही पल ऋतू झड़ गई और निढाल हो कर मेरी छाती पर सर रखे हुए लेटी रही|


ये तो साफ़ था की मैं चाहे कुछ भी कह लूँ या भले ही अपना दिल निकाल कर ऋतू के सामने रख दूँ ये मानने वाली नहीं है| अगर इससे प्यार न करता तो अब तक इसे छोड़ देता पर साला अब करूँ क्या ये नहीं पता! ऊपर से मैं भी चूतिया हो चला था जो ऋतू के चक्कर में एक से बढ़कर एक चूतियापे करने लगा था? क्या जर्रूरत थी तुझे बहनचोद यहाँ छत पर खुले में ये सब करने की? पर अगर ये ना करता तो मुझे ये सब कैसे पता चलता? तुझे जरा भी डर नहीं लगा की तू इस तरह ऋतू को अपने लंड से चिपटाये पड़ा है? भूल गया वो खेत के बीचों बीच पेड़ की डाल पर लटक रहे भाभी और उनके प्रेमी की अस्थियाँ? वहीँ जा कर मरना है तुझे? और ये क्या तूने ऋतू को अपने सर पर चढ़ा रखा है? बहनचोद उसकी हर एक ख्वाइश पागलों की तरह पूरी करता है और बदले में उसे ही तेरे ऊपर विश्वास नहीं! ये कैसा प्यार है?   


ऋतू की सांसें दुरुस्त होने तक मेरा ही दिमाग मेरे दिल को गरिया रहा था| "जानू! क्या सोच रहे हो?" ऋतू ने मुझे झिंझोड़ा तो मैं अपने 'मन की अदालत' से बाहर आया| मैंने उसकी बात का कोई जवाब नहीं दिया बल्कि अपनी टांगें मोड़ कर ऋतू के इर्द-गिर्द से हटाईं और उठ खड़ा हुआ| ऋतू फटाफट कड़ी हुई और मेरा हाथ पकड़ के रोक लिया; "क्या हुआ? कहाँ जा रहे हो?" मैं अब भी कोई जवाब नहीं दिया और उसके हाथों की गिरफ्त से अपना हाथ छुड़ाया और आंगन में आ गया| ऋतू छत पर से नीचे  झाँकने लगी और फिर उसे मैं बाथरूम में जाता हुआ नजर आया| ऋतू छत पर कड़ी नीचे देखती रही और इंतजार करने लगी की मैं बाथरूम से कब निकलूँगा| मैंने निकल कर ऊपर देखा तो वो अब भी वहीँ खड़ी थी और मेरे ऊपर आने का इंतजार कर रही थी| मैं अगर उस समय ऊपर जाता तो वो मुझसे पूछती की मेरे उखड़ जाने का कारन क्या है और तब मेरा कुछ भी कहना बवाल खड़ा कर देता, ऐसा बवाल जिसे सुन आज काण्ड होना तय था| इसलिए में आंगन में पड़ी चारपाई पर ही लेट गया पर ऋतू अपनी जगह से टस से मस ना हुई और टकटकी बांधे मुझे देखती रही| मैंने अपनी आँखें बंद की और सोने की कोशिश करने लगा, जो बात मेरे दिम्माग में चल रही थी वो ये थी की मुझे अपने दिल पर काबू रखना होगा वरना ऋतू मुझे कहीं फिर से अपनी जिस्म के जरिये पिघला ना ले| पिछले नौ दिनों से जो हम दोनों के बीच जिस्मानी दूरियाँ आई थी उससे कुछ तो काम आसान होगया था पर आज उस कर्म वाले काण्ड ने फिर से उस दबी हुई आग को हवा दे दी थी| शायद इस तरह उससे दूरियाँ बनाने से ऋतू को कुछ अक्ल आये, अब क्योंकि उसकी हर ख़ुशी पूरी करने के चक्कर में मैं अपनी और नहीं लगवाना चाहता था| शादी के बाद चाहे वो मुझसे जो करवा ले पर उससे पहले तो हम दोनों को maturity दिखानी होगी| पर दिमाग जानता था की कुछ होने वाला नहीं है...काण्ड तो होना ही है! इधर ऋतू की हिम्मत नहीं हो रही थी की वो नीचे आ कर मुझसे पूछ सके की मैं क्यों उसके साथ ऐसा बर्ताव कर रहा हूँ? वो पैरापिट वाल पर अपनी कोहनियाँ टिकाये मुझे बस देखती रही! वो पूरी रात मैं बस करवटें बदलता रहा और बार-बार ऋतू को खुद को देखते हुए notice करता रहा| सुबह हुई तो ताई जी उठ के आंगन में आईं; "अरे मुन्ना? तू यहाँ क्या कर रहा है?" उन्होंने पुछा| उन्हें देखते ही ऋतू नीचे आ गई; "ताई जी..वो रात को पेट ख़राब हो गया था इसलिए मैं नीचे ही लेट गया|" मैंने झूठ बोला| ताई जी मेरे पास बैठ गईं और ऋतू बाथरूम में नहाने घुस गई और फ्रेश हो कर चाय बनाने लगी| मैं भी उठा और नहा धो के तैयार हो गया और अब तो घर वाले सब बरी-बारी नाहा के नाश्ते के लिए तैयार बैठे थे| "मानु, चन्दर तुम लोगों के साथ जायेगा|" ताऊ जी ने कहा और मैंने बस 'जी' कहा| पर ये सुनते ही ऋतू को बहुत गुस्सा आया, वो सोच रही थी की वो शहर जा कर मुझसे कल रात के उखड़ेपन का कारन पूछेगी पर चन्दर भैया के साथ जाने से उसके प्लान पर पानी फिर गया था| पर मुझे तो जैसे कोई फर्क ही नहीं पड़ा था, नाश्ता कर के हम तीनों निकले और बस स्टैंड तक पैदल चल दिए| ऋतू पीछे थी और आगे-आगे मैं और चन्दर भैया थे| वो अपनी बातें किये जा रहे थे और मैं बस हाँ-हुनकुर ही कर रहा था| बस आई और हम तीनों चढ़ गए, ऋतू तो एक अम्मा के साथ बैठ गई| हम दोनों खड़े रहे और कुछ देर बाद हमें सीट मिल गई| मुझे नींद आ रही थी तो मैं खिड़की से सर लगा कर सो गया पर ऋतू के मन में उथल-पुथल मची थी| बस स्टैंड पहुँच कर चन्दर को तहसीलदार के जाना था और उसे वहाँ का कुछ पता नहीं था तो हमने एक ऑटो किया और उसमें बैठ गए| सबसे पहले ऋतू हुई, फिर मैं और आखरी में चन्दर घुसा| मैं ऋतू की तरफ ना देखकर सामने देख रहा था, अब ऋतू मुझसे बात करने को मृ जा रही थी पर अपने बाप के डर के मारे कुछ कह नहीं पा रही थी| ऋतू ने चुपके से मेरा दाहिना हाथ पकड़ लिया पर मैंने किसी तरह हाथ छुड़ा लिया और चन्दर से बात करने लगा| पहले ऋतू का कॉलेज आया और उसे वहाँ उतारने लगे तो लगा जैसे वो जाना ही ना चाहती हो! "जा ना?" मैंने कहा तो ऋतू सर झुकाये कॉलेज के गेट की तरफ चली गई और हमारा ऑटो तहसीलदार के ऑफिस की तरफ चल दिया| चन्दर भैया को वहाँ छोड़ कर मैं घर आ गया और मेल देखने लगा की शायद कोई जॉब ओपनिंग आई हो| एक मेल आई थी तो मैं वहाँ इंटरव्यू के लिए चल दिया| शाम को 4 बजे घर पहुँचा और आ कर ऐसे ही लेट गया| ठीक 5 बजे दरवाजे पर दस्तक हुई और मैंने जब दरवाजा खोला तो सामने ऋतू खड़ी थी|
Reply


Messages In This Thread
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-10-2019, 06:24 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-10-2019, 06:26 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-10-2019, 06:29 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-10-2019, 06:29 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-10-2019, 06:30 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-10-2019, 06:30 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-10-2019, 06:31 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-10-2019, 06:31 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-10-2019, 06:31 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-10-2019, 06:33 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-10-2019, 06:46 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-10-2019, 10:18 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-10-2019, 10:38 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-11-2019, 05:19 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-11-2019, 05:28 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-11-2019, 05:33 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-11-2019, 05:36 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-11-2019, 05:38 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-13-2019, 11:43 PM
RE: काला इश्क़! - by Game888 - 10-14-2019, 08:59 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-14-2019, 10:29 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-14-2019, 10:28 PM
RE: काला इश्क़! - by sexstories - 10-15-2019, 11:56 AM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-15-2019, 01:14 PM
RE: काला इश्क़! - by Game888 - 10-15-2019, 06:12 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-15-2019, 06:56 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-15-2019, 07:45 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-16-2019, 07:51 PM
RE: काला इश्क़! - by sexstories - 10-16-2019, 10:35 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-16-2019, 11:39 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-17-2019, 10:18 PM
RE: काला इश्क़! - by Game888 - 10-18-2019, 05:00 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-18-2019, 05:29 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-18-2019, 05:28 PM
RE: काला इश्क़! - by Game888 - 10-19-2019, 07:49 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-19-2019, 07:52 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-19-2019, 07:50 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-20-2019, 07:38 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-21-2019, 06:15 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-22-2019, 09:21 PM
RE: काला इश्क़! - by Game888 - 10-22-2019, 11:29 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-23-2019, 12:19 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-23-2019, 10:13 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-24-2019, 10:26 PM
RE: Free Sex Kahani काला इश्क़! - by kw8890 - 11-26-2019, 07:58 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,412,085 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 534,509 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,196,276 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 904,235 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,604,280 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,038,368 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,880,972 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,822,049 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,942,971 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 276,741 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 2 Guest(s)