Free Sex Kahani काला इश्क़!
10-19-2019, 07:50 PM,
#37
RE: काला इश्क़!
update 17 

खाना खाने के बाद भी उन कमीने लड़कों की नजरें मैडम पर बानी हुई थी और मैडम बस खिड़की से बाहर देखे जा रही थी| मुझे अब उन पर तरस आने लगा था और मैं मन ही मन सोचने लगा की क्या करूँ? मैंने अपने बैग से लैपटॉप निकाला और उसमें हेडफोन्स कनेक्ट कर के उन्हें दिया| वो हैरानी से मुझे देखने लगी पर जब मैंने उन्हें मूवी देखने को कहा तो वो मुस्कुरा दीं और मूवी प्ले करके देखने लगी| मैंने ऊपर से दो तकिये उतार के अदम को दे दिए जिन्हें मैडम ने अपनी गोद में एक के ऊपर एक रख लिया और सबसे ऊपर उन्होंने लैपटॉप रख लिया| इतनी ऊंचाई होगई थी की मैडम आराम से मूवी देख सकें और उन लड़कों की आँखों से अपने जिस्म को बचा सकें| अब तो वो दोनों मुझे देखने लगे की क्यों मैंने उनके हुस्न के दीदार में बाधा डाल दी| मैडम भी मेरी चालाकी समझ चुकी थी और उन्होंने मुझे नजर बचा के दबी आवाज में थैंक यू और मैंने बस हाँ में गर्दन हिला दी| मैं भी पाँव ऊपर कर के बैठ गया और ऋतू को मैसेज करने लगा| मैंने उसे अभी जो भी कुछ हुआ उसके बारे में कुछ नहीं बताया था वर्ण वो फिर कोई काण्ड कर देती| मैंने उसे सॉरी कहा की दरसल मैं उस समय मैडम से बात कर रहा था इसलिए फ़ोन नहीं उठा पाया पर वो मुझसे रूठ चुकी थी और थोड़ी ही देर में ऑफलाइन चली गई| मूवी देख कर मैडम हँस रही थी और उनकी हंसी मन्त्र-मुग्ध करने वाली थी पर मेरा दिल तो अब किसी और का हो चूका था| इतने साल से ऑफिस में काम कर रहा था पर मैडम को कभी इस तरह मैंने मुस्कुराते हुए नहीं देखा था| वो हमेशा ही ऑफिस में काम करती रहती थी और शायद ही कभी मुस्कुराईं हो! खेर अब चूँकि ऋतू मुझसे नाराज थी तो बात करने वाला कोई था नहीं मेरे पास, तो मैं बैठे-बैठे ऊबने लगा था| मैडम ने मेरी परेशानी भाँप ली और वो मेरे कंधे पर सर रख चिपक गईं और लैपटॉप को थोड़ा टेढ़ा कर लिया, हेडफोन्स का एक सिरा उन्होंने मुझे दे दिया| आज तक सिर्फ एक ऋतू थी जिसने कभी मेरे कंधे पर अपना सर रखा हो अब ऐसे में  मैडम के सर रखने से मुझे बहुत ही अजीब महसूस हो रहा था| वो दोनों लड़के मैडम के इस तरह से बैठने से आहें भरने लगे और मैंने गौर किया तो पाया की मैडम की एक जाँघ उन्हें दिखने लगी थी|  अब चूँकि मैडम ने चूड़ीदार पहना था और उनकी कुर्ती शॉर्ट थी तो उनके जिस्म का उभार उन्हें साफ़ दिख रहा था| मैंने मेरे बगल में पड़ी चादर को उठा के उन पर डाला और तब मैडम को एहसास हुआ की वो लौंडे क्या देख रहे थे और उन्हें बहुत मायूसी होने लगी| मैंने मूवी को फ़ास्ट-फॉरवर्ड कर के हँसी वाला सीन लगा दिया जिसे देख कर मैडम मुस्कुरा दी| वो समझ गईं थीं की मैंने ये सिर्फ उन्हें खुश करने के लिए किया था| रात के बारह बजे होंगे और अब मुझ पर नींद हावी होने लगी थी, अब मैडम तो सो चुकी थीं पर मुझे बड़ी जोर से नींद आ रही थी| मेरी उबासी सुन कर वो समझ गईं और उन्होंने मुझे अपनी गोद में सर रख कर लेटने को कहा तो मैं फिर से हैरान हो गया| मैंने ना में सर हिलाया और वैसे ही बैठा रहा, जेब से एक च्युइंग गम निकाली और चबाने लगा| रैपर मैंने जेब में डाल लिया, फिर मैडम ने भी एक गम माँगी तो मैंने उन्हें भी दे दी| उनका ध्यान मूवी में लगने से उनका अनकम्फर्टेबले लेवल कम हो चूका था|


रात एक बजे गाडी झाँसी पहुँची और ये दोनों लौंडे अपना सामान ले कर उत्तर गए और तब जा कर मैडम का सर मेरे कंधे से उठा| उनके जाते ही दो ऑन्टी केबिन में घुसीं और सामने वाली बर्थ पर बैठ गईं और अपना सामान सेट करने लगीं| मैंने भी मैडम से ऊपर जा के सोने की इजाजत माँगी तो उन्होंने हँसते हुए इजाजत दे दी| सामने वाली एक आंटी भी हँसने लगी| मैंने चादर बिछाई और लेट गया और घोड़े बेच के सो गया| पौने तीन बजे मैडम ने मुझे उठाया तो मैं चौंक कर उठ गया; "सॉरी मानु! वो मुझे ....जाना है|" मैं तुरंत समझ गया की उन्हें वाशरूम जाना है और इतनी रात को ट्रैन में उन्हें अकेले जाने से डर लग रहा है| मैं जूते पहनके उनके साथ बाथरूम तक गया और फिर वापस उन्ही के साथ आ गया| वापस आने के रास्ते में वो शर्मिंदा महसूस कर रहीं थीं पर मैंने ''its alright mam, I can understand.” कह के बात खत्म कर दी| सुबह 8 बजे मैं उठा और अभी इटारसी स्टेशन आया था और अटेंड चाय ले कर आया था| मैडम ने उसे रात के खाने और चाय के पैसे दिए और मैं भी नीचे उतर आया|

फ्रेश हो कर मैं चाय पीने लगा;

अनु मैडम: वो टिकट कितने की थी?

मैं: 3,०००/- की| (मैंने चाय की चुस्की लेते हुए कहा|)

अनु मैडम: वो तो 8,०००/- माँग रहा था?

मैं: वो दरसल उनसे बात की तो पता चला की वो मेरे ही गाँव के हैं और मेरे ही दोस्त के चाचा हैं|

अनु मैडम: आपका गाँव कहाँ है?

मैं: अयोध्या

अनु मैडम: अरे वाह! कभी बताया नहीं आपने?

मैं: जी कभी टॉपिक ही नहीं छिड़ा| पर मैडम सर को पता चला तो वो बहुत गुस्सा होंगे?

अनु मैडम: उन्हें बोलने की कोई जर्रूरत नहीं| उन्हें जरा भी समझ नहीं है, बस सारा टाइम हुक्म चलाते रहते हैं| अचनक से मुझे कहा की तुम चली जाओ, भला ये कोई बात हुई?

उन्हें सर पर बहुत गुस्सा आ रहा था और मैं उनकी किसी भी बात का जवाब हाँ या नहीं में दे रहा था बस चुप-चाप सुने जा रहा था| दस मिनट तक उनके मन की भड़ास निकलती रही और मैं सर झुकाये सुनता रहा की तभी वो दोनों आंटी आ गईं जो फ्रेश होने गईं थी| उनके आते ही मैडम चुप हो गईं और मेरा सर झुका होने से उन्हें लगा की मैडम मुझे हिओ डाँट रही हैं| "अरे बेटा क्या हुआ? काहे झगड़ रहे हो?" पहली आंटी बोलीं|

"अरे मियाँ-बीवी तो ये खट-पट चलती रहती है|" ये कह के दूसरी आंटी हँसने लगी, और ठीक उसी समय वही TTE आ गया और उसने ये मियाँ-बीवी वाली बात सुन ली| अब इससे पहले मैं कुछ बोलता मैडम ही बोल पड़ी; "आंटी मैं झगड़ नहीं रही थी, आपके आने से पहले यहाँ दो छिछोरे बैठे थे और वो बस मुझे घूरे ही जा रहे थे|" मैं बिना कुछ बोले ही वहाँ से उठ के बाहर आ गया और ऋतू को फ़ोन करने लगा|

मैं: Good Morning जान!

ऋतू: जा के अपनी अनु मैडम को बोलिये|

मैं: यार... प्लीज .... बात तो....

ऋतू: बात भी आप जाके अनु मैडम से करिये| मुझे कॉलेज जाना है|

इतना बोल कर उसने कॉल काट दिया, मैं जानता था की वो फ़ोन पर नहीं मानने वाली| TTE ने पीछे से मेरी बातें सुन ली थी और वो आ कर मुझसे चुटकी लेने लगे; "लगे रहो!" मेरा जवाब सुनने से पहले ही वो आगे चले गए| खेर रात दस बजे ट्रैन मुंबई छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस पहुँची और मैं दोनों का सामान ले कर उतर गया| टैक्सी वाले से अँधेरी वेस्ट के लिए पूछा तो कोई भी जाने को तैयार नहीं था, मैंने ओला पर ढूंढा तो एक मिल गया पर अब स्टे की दिक्कत थी| टैक्सी वाले ने अपने जान-पहचान के 6-7  होटल दिखाए पर कहीं भी रूम खाली नहीं था और जहाँ था भी वो सिर्फ सिंगल रूम था| बड़ी मुश्किल से एक होटल मिला और मैडम वहाँ पूछताछ करने गईं और मैं बाहर ही रुक गया टैक्सी वाले के पास| मैडम ने अंदर से मुझे आवाज दी; "मानु जी आ जाइये|" मैंने शुक्र मनाया की कम से कम कमरा मिल गया वर्ण रात के 1 बजे कहाँ मारे-मारे फिरते| टैक्सी वाले को पैसे दे कर मैं उनके पास आया तो उन्होंने मुझे रजिस्टर में साइन करने को कहा| जब मैंने डिटेल पढ़ी तो मैं हैरान रह गया| मैडम ने Mr. Manu Maurya and Mrs. Anu Maurya लिखा था| अब ये देख कर मैंने मैडम की तरफ देखा तो वो बड़ी नार्मल लगीं मुझे! मैंने साइन तो कर दिया पर दिल अंदर से धक-धक करने लगा था| कमरे के अंदर पहुँचा तो लाइट्स मध्यम थीं, बिलकुल रोमांटिक वाली| मैंने तुरंत ही कमरे की ट्यूब लाइट जला दी और जब मैडम की तरफ देखा तो उनकी सांसें बहुत तेज थीं| वो सीधा बाथरूम में घुस गईं और आधे घंटे तक वहीँ रहीं| अब ज्यादा सोचने की जर्रूरत नहीं थी की वो वहाँ क्या कर रहीं हैं, मैंने इस मौके का फायदा उठाया और तुरंत अपने कपडे चेंज कर लिए| फिर मैं सोफे पर अपना बिस्तर लगाने लगा| जब मैडम बाहर आईं तो वो मुझसे नजरें चुरा रहीं थीं और मेरी तरफ पीठ किये हुए ही बोलीं; "आप यहाँ बेड पर सो जाओ वहाँ सोफे पर कैसे सोओगे?"

"It’s alright mam! I’ll manage.” मैंने भी उनकी तरफ देखे बिना ही कहा|

“um.. actually they had just one room and we’ve been searching for an hour… it was very late so… I…” मैडम को आगे बोलने में बहुत हिचकिचाहट हो रही थी|  
“I can understand mam!” इतना कह कर मैंने कमरे की लाइट बंद की और लेट गया| कुछ देर बाद मैडम उठीं और कपडे बदलने के लिए बाथरूम में घुस गईं, लाइट के स्विच की आवाज से मैं चौंक कर उठ गया और देखा तो मैडम अभी बाहर आईं थीं और वो सिल्क की शॉर्ट नाइटी  जो उनके जिस्म से इस कदर चिपकी हुई थी की क्या कहूँ? उनके कंधे नंगे थे और उन पर बस एक पतली सी स्ट्रिंग थी| डीप कट जिससे उनकी छातियों की घाटी साफ़ दिख रही होगी| अब चूँकि मैं दूर था तो वो घाटियाँ नहीं देख सकता था| अब ये सब देखते ही मेरे लंड में तनाव आने लगा था और मैं मुँह दूसरी तरफ कर के खुद पर काबू करने लगा| मैंने ऋतू के बारे में सोचना शुरू कर दिया| उसका मासूम चेहरा याद करने लगा, पर उसे याद करते ही मुझे कल शाम का वाक्य याद आ गया| अब तो लंड अकड़ के पूरा खड़ा हो गया और मैंने जान बुझ कर दूसरी तरफ करवट ली और मैं लंड की अकड़न छुपाने लगा| दस मिनट बाद मुझे कमरे में शराब की महक आने लगी और ये ऐसी महक थी जिसने मेरे दिमाग में कोहराम मचा दिया| मन बेचैन होने लगा और मैं उस खुशबु का पीछा करते हुए उठ बैठा और देखा मैडम बिस्तर पर बैठीं और उनके हाथ में एक पेग है! अब ये देखते ही मुझे डर लगने लगा की कहीं कुछ गलत न हो जाए| मैडम ने जब मुझे बैठे हुए देखा तो वहीँ से मुझसे पूछा; "आप पियोगे?" मैंने ना में सर  हिलाया पर कमरे में इतनी रौशनी नहीं थी की वो मेरी गर्दन हिलती हुई देख सकें| इसलिए उन्होंने दुबारा पूछा पर मेरे जवाब देने से पहले ही मेरे क़दमों में जैसे जान आ गई और वो अपने आप ही उनकी तरफ चल पड़े| पर दिमाग ने जैसे अंतर् आत्मा को झिंझोड़ा और अपना वादा याद दिलाया| मैंने “no thank you mam” कहा और बाथरूम में घुस गया, वाशबेसिन के सामने खड़े हो कर अपने आप को देखने लगा और अपने मन पर काबू करने लगा" बार-बात खुद को ऋतू को किया वादा याद दिलाने लगा, पर मन शर्म की खुशबु से बावरा हो गया था| मन कह रहा था की एक बार चीट करने में दिक्कत ही क्या है?! मैंने अपने मुँह पर पानी मारना शुरू कर दिया ताकि खुद को किसी तरह संभाल सकूँ| एक दृढ निश्चय कर मैं बाहर आया और वापस सोफे पर लेट गया और चादर ओढ़ ली पर मन साला काबू में नहीं आ रहा था| मैंने करवटें बदलनी शुरू कर दीं| मैडम ने इसका कुछ अलग ही मतलब निकाला, "Manu the couch’s not comfortable come and sleep on the other side, its not like I need the whole bed to myself! We are grownups and know our limits. No need to be afraid of me!”             


                                          “No mam, its okay… it’s a new place….umm….” मुझसे बोला नहीं जा रहा था| “Then come we’ll talk.” उन्होंने बात शुरू करने के लिए कहा|
अब मैं उठा और जा कर उनके सामने खड़ा हो गया तो उन्होंने अपने पास बैठने को कहा तो मैंने पास पड़ी कुर्सी उठा ली और उसे घुमा कर बैठ गया| 


अनु मैडम: आप बहुत फॉर्मेलिटी दिखाते हो?

मैं: umm… you’re my boss, I’m your employee. How can I sit or sleep next to you on a bed?

अनु मैडम: chivalry  ???

मैं: yes mam!

अनु मैडम: That’s the first time….. For me! (उन्होंने एक सिप लिया|)
मैं अब उनसे नजरें चुरा के इधर-उधर देख रहा था|
अनु मैडम: So do you have a girlfriend?


मैं: No

अनु मैडम: Wow! How come you’re single? You’re such a gentleman?
मैं: umm… I don’t get time!
अनु मैडम: I know… I know…. That asshole husband of mine is always yelling on you! I know….. bloody bastard! Ruining everyone’s life…. But I…(hic) … won’t let… (hic)


शराब अब मैडम पर अपने जादू दिखाने लगी थी और उन्होंने हिचकी लेना शुरू कर दिया था|

मैं:  ummm… mam… its getting late… we’ll talk tomorrow!

पर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया और आखरी घूँट जैसे तैसे पिया और बाथरूम जाने को उठीं और लड़खड़ाने लगीं| मैंने कमरे की लाइट्स जला दी ताकि उन्हें ठीक से दिखाई दे और तब मैंने उन्हें ठीक से देखा और जो शराब का जादू मेरे मन पर हावी था वो खत्म हो गया और लंड अकड़ने लगा| मैडम अब बाथरूम में घुस गईं थीं, तो मैंने एक गहरी साँस ली और अपने जज्बातों पर काबू करने लगा और सोफे की तरफ घुमा और तभी मेरी नजर बोतल पर पड़ी| मैडम ने कम से कम तीन पेग मारे थे व्हिस्की के वो भी नीट! अब तो मुझे डर लगने लगा की आज रात जर्रूर कुछ होगा? ये सोचते हुए मैं एक कदम चला हूँगा की मुझे मैडम के बाथरूम से बाहर आने की आवाज आई और वो गिरने लगी| मैंने भाग कर उन्हें तुरंत थाम लिया पर अब तो गजब ही सीन था! मैंने मैडम को कमर से पकड़ रखा था और वो नीचे को झुकी हुई थीं| उनकी नाइटी बिलकुल उनके शरीर से चिपकी हुई थी, जिससे उनके सारे के सारे उभार दिखने लगे थे| उनके वो 38D के वक्ष! 30 इंची कमर मुझे उनकी तरफ खींचने लगी थी| लंड तो फूल चूका था और पूरी तैयारी में था की आज उसे कुछ नया मिलेगा चखने को मर मन मेरे काबू में था| मैंने उन्हें सहारा दे कर खड़ा किया, पर मैडम के मन में मेरे लिए कुछ गंदे विचार नहीं थे इसलिए उन्होंने किसी भी तरह की पहल नहीं की थी| मुझे लग रहा था की वो शायद इतने होश में तो हैं की सही और गलत पहचान सकें| खेर मैं उन्हें पलंग तक ले आया और उन्हें लिटा दिया और उनके ऊपर चादर डाल दी और वापस आ कर अपने पलंग पर लेट गया| मैं लेटे-लेटे सींचने लगा की ये आखिर हो क्या रहा था मेरे साथ? मेरे मन में उनके लिए कोई गंदे विचार नहीं हैं फिर भी किस्मत क्यों मेरे साथ ऐसा कर रही थी? ट्रैन में उनका मुझे पति बनाने का नाटक! मेरी गोद में सर रख लेट जाना वो भी बिना मुझसे पूछे? ठीक है की उन्हें उन लड़कों की गन्दी नजरों से बचना था पर एटलीस्ट मुझसे पूछा तो होता? फिर होटल के रजिस्टर में Mr. Manu Maurya nad Mrs. Anu Maurya लिखना? मुझे अपने साथ बिस्तर पर लेटने को कहना? फिर भले ही वो इसलिए कहा हो की मैं आराम से सो सकूँ! पर हूँ तो मैं पराया ही ना? ऑफिस में उन्होंने सिवाए काम के कभी मुझसे कोई बात नहीं की, प्लेटफार्म पर भी वो कुछ नहीं बोल रहीं थी, पर ट्रैन में बैठते ही वो इतना कैसे बदल गईं? हम दोनों में तो दोस्ती भी नहीं है की मैं इस साब को ये मान कर टाल दूँ की दोस्तों में ये सब चलता है| ये सोचते-सोचते मैं सो गया और सुबह 8 बजे उठा और देखा तो मैडम अब भी सो रही हैं| मैं नाहा-धो के तैयार हो गया| पर मैडम अब भी नहीं उठीं थी, मैंने एक ब्लैक कॉफ़ी आर्डर की और मैडम को उठाने के लिए उनके कन्धर पर दो उँगलियों से ना चाहते हुए छुआ| पर मैडम नहीं उठीं तो मजबूरन मुझे उन्हें थोड़ा हिलाना पड़ा और वो थोड़ा कुनमुनाने लगीं और अपनी आँखें खोलीं जो ठीक से खुल भी नहीं रही थीं; “ Good Morning Mam!” मेरा मुस्कुराता हुआ चेहरा देख कर उन्हें होश आया और उन्होंने साइड टेबल पर पड़ी अपनी घडी उठाई और टाइम देखा| मैं तुरंत घूम गया क्योंकि मुझे पता था उन्होंने बहुत तंग नाइटी पहनी है और उन्हें इस हालत में शर्म आना तय है| मेरे घूमते ही मैडम तुरंत बाथरूम में घुस गईं और मैं अपने बैग में लैपटॉप और कुछ फाइल रखने लगा| मेरी पीठ अब भी बाथरूम की तरफ थी, मैडम फटाफट बहार आईं और अपने कपडे ढूंढने लगीं| मैं बिना उनकी तरफ मुड़े ही दरवाजा खोल कर बाहर चला गया|


दस मिनट ही मैडम की ब्लैक कॉफ़ी आ गई जिसे मैंने चुप-चाप कमरे में रख दिया और बाहर लॉबी में बैग ले कर आगया| आधे घंटे बाद मैडम भी अपना बैग और लैपटॉप ले कर बाहर आ गईं और मुझसे नजरें चुराती हुई बाहर आ गईं और फ़ोन कर के राखी से पूछने लगीं की वो कहाँ है| मैडम ने इस समय बिज़नेस सूट पहन रखा था और वो बहुत सुन्दर लग रहीं थी, पर मुझे क्या? मेरे पास तो मेरा प्यार था; ऋतू! उसके आगे सब फीका था! मैंने ओला बुला ली थी और उसने हमें Palmer Infotech छोड़ा| वो एक बहुत बड़ी बिल्डिंग थी, जैसे की फिल्मों में दिखाया जाता है| दसवीं मंजिल पर पहुँचे तो वहां का नजारा बिलकुल कॉर्पोरेट वाला था| सभी लोग वहाँ बिज़नेस सूट पहने थे, एक मैं ही था जो वहाँ सिर्फ टाई पहने आया था| मुझे तो ऐसा लग रहा था जैसे की मैं वहाँ इंटरव्यू दे ने आया हूँ| मैं अभी उस कॉर्पोरेट कल्चर को महसूस करने में बिजी था की पीछे से राखी ने आ कर मेरी पीठ पर हाथ रखा और मैं एक दम से पलटा|

ये राखी वही लड़की थी जो पहले मेरे ऑफिस में काम करती थी और जिसे मैं ऋतू से प्यार होने से पहले पसंद करता था| "Hi Maanu! How’re you?”

“I’m fine, how you doing? How’s your new job?” मैंने पूछा|

“I already resigned, I’ll be joining sir again!” उसने कहा पर आगे कुछ बात होने से पहले ही मैडम आ गईं और वो अब भी मुझसे नजरें चुरा रही थीं| "मानु....अ...आप... यहीं वेट करो!" इतना कह कर मैडम और राखी दोनों अंदर चले गए| मैं सोचने लगा की ये सब हो क्या रहा है? मुझे अगर मीटिंग में शामिल ही नहीं करना था तो मुझे यहाँ लाये ही क्यों? पर फिर मुझे समझ आया की सबने बिज़नेस सूट पहना है और ऐसे में मैं ही सब से अलग दिख रहा था? मुझे ये सोच कर बड़ी निराशा हुई की मेरे पास कोई बिज़नेस सूट नहीं है| मैं वहीँ वेटिंग एरिया में चुप-चाप बैठ गया और ऋतू को फ़ोन किया पर उसने फ़ोन काट दिया! मुझे लगा की शायद क्लास में होगी, पर जब वो क्लास में होती तो कॉल काटते समय वो मैसेज कर देती थी| इसबार उसका कोई मैसेज नहीं आया था, मतलब साफ़ था की वो बहुत नाराज है| पर मैंने जब वहाँ लड़के-लड़कियों को आपस में खुल कर बातें करते देखा तो मैं सोचने लगा की जब वो जॉब करेगी तभी ये सब समझेगी| खेर मीटिंग 3 घंटे चली और मैं बुरी तरह बोर हो चूका था| जब मैडम और राखी बाहर आये तो वो काफी खुश दिखे पर मुझे मायूस देख राख ने पूछा; "क्या हुआ मानु?" मैडम फिर से नजरें चुरा कर दूसरी तरफ मुँह कर के जाने लगीं| "कुछ नहीं यार, आज पता चला की इंसान की जिंदगी में कपड़ों की क्या वैल्यू होती है!" ये मैडम ने सुन लिया पर वो कुछ नहीं बोलीं और रिसेप्शन की तरफ चली गईं| राखी मेरे पास आ कर बैठ गई और डिटेल पूछने लगी पर मैंने उसकी बात टाल दी| उसने बताय की प्रेजेंटेशन सक्सेसफुल रही और शायद कॉन्ट्रैक्ट हमें ही मिलेगा| तभी मैडम आ गईं और उन्होंने हमें कैफेट्रेरिअ चलने को कहा| वहाँ जा कर उन्होंने खाना आर्डर किया पर मेरा मन अब भी बुझा हुआ|


मैडम और राखी मीटिंग के बारे में बात कर रहे थे और मैं बस खिड़की से बाहर देख रहा था, वैसे भी मैं क्या इनपुट देता जब मुझे ये ही नहीं पता था की वहाँ हुआ क्या है? मैं अपनी कॉफ़ी ले कर चुप-चाप उठा और एक काँच की खिड़की के पास आ कर खड़ा हो गया| मेरा बयां हाथ मेरी पैंट की पॉकेट में था और मैं बस वो हरा-भरा नजारा देख रहा था| उम्मीद कर रहा था की शायद ऋतू कॉल कर दे, उसकी आवाज सुने हुए बहुत टाइम हो गया था| मैंने फ़ोन निकाला और दुबारा मिलाया पर एक घंटी बजते ही उसने फ़ोन काट दिया| आगे मैं कुछ सोचता उससे पहले ही राखी आ गई; "मानु! Come yaar! Let’s celebrate?” मैडम ने लंच आर्डर कर दिया था, मैं वापस आ कर बैठ गया और फिर राखी ने अपनी बातों से मेरा ध्यान लगाए रखा| मैं बस हाँ-ना में मुस्कुरा कर जवाब दे रहा था| लंच के बाद राखी की ट्रैन थी तो वो निकल गई, पर मेरी और मैडम की ट्रैन रात 11 बजे की थी जो हमें लखनऊ अगले दिन रात 3 बजे छोड़ती| राखी के जाने के बाद हम दोनों अकेले उसी टेबल पर बैठे थे, मैडम अब भी मुझसे नजरें चुरा रही थीं और मुझे रह-रह कर ऋतू की याद आ रही थी| अब वापस होटल भी नहीं जा सकते थे क्योंकि वहाँ एक कमरे में हम दोनों ही ऑक्वर्ड हो जाते| बात शुरू करते हुए मैंने मैडम से कहा; “congratulations mam … for the contract!” जवाब में उन्होंने बीएस मुस्कुरा दिया और "thank you" कहा| “so mam….should we just sit here…. Or go out?” मैडम ये सुन कर हैरानी से मेरी तरफ देखने लगीं| “Go out? Where?” उन्होंने पूछा| “ummm… how about beach?” मैंने थोड़ा उत्साह दिखते हुए कहा| तो उन्होंने वही प्यारी सी मुस्कान दी और वो उठ कड़ी हुईं| उनकी awkwardness अब खत्म हो गई थी| मैंने ओला बुक की और और उसने हमें जुहू बीच छोड़ा|                  
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RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-10-2019, 06:24 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-10-2019, 06:26 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-10-2019, 06:29 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-10-2019, 06:29 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-10-2019, 06:30 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-10-2019, 06:30 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-10-2019, 06:31 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-10-2019, 06:31 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-10-2019, 06:31 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-10-2019, 06:33 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-10-2019, 06:46 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-10-2019, 10:18 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-10-2019, 10:38 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-11-2019, 05:19 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-11-2019, 05:28 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-11-2019, 05:33 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-11-2019, 05:36 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-11-2019, 05:38 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-13-2019, 11:43 PM
RE: काला इश्क़! - by Game888 - 10-14-2019, 08:59 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-14-2019, 10:29 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-14-2019, 10:28 PM
RE: काला इश्क़! - by sexstories - 10-15-2019, 11:56 AM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-15-2019, 01:14 PM
RE: काला इश्क़! - by Game888 - 10-15-2019, 06:12 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-15-2019, 06:56 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-15-2019, 07:45 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-16-2019, 07:51 PM
RE: काला इश्क़! - by sexstories - 10-16-2019, 10:35 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-16-2019, 11:39 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-17-2019, 10:18 PM
RE: काला इश्क़! - by Game888 - 10-18-2019, 05:00 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-18-2019, 05:29 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-18-2019, 05:28 PM
RE: काला इश्क़! - by Game888 - 10-19-2019, 07:49 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-19-2019, 07:52 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-19-2019, 07:50 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-20-2019, 07:38 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-21-2019, 06:15 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-22-2019, 09:21 PM
RE: काला इश्क़! - by Game888 - 10-22-2019, 11:29 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-23-2019, 12:19 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-23-2019, 10:13 PM
RE: काला इश्क़! - by kw8890 - 10-24-2019, 10:26 PM

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