RE: Hindi Porn Kahani पडोसन की मोहब्बत
दिव्या भी मस्ती से अपने हाथ पैर पटकने लगी. फिर अचानक से मैंने उसकी चूत में अपनी ऊँगली डाल दी तो उसके मुंह से अहहहह निकल गयी. कई साल लंड खाने के बाद भी दिव्या की चूत कसी हुई थी. मैं धीरे धीरे उसकी चूत में अपनी ऊँगली को अंदर बाहर करने लगा था.
वो जोर जोर से अहहआा स्सस्सस्सस्स अहहहहहह ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् कर रही थी. थोड़ी देर तक ऐसा करने के बाद दिव्या ने मेरे अंडरवियर में हाथ डाल दिया और मेरे लण्ड को सहलाते हुए बोली "अह्ह्ह्ह मनीष अब और मत तड़पाओ…"
लेकिन मुझे तो अभी उसकी चूत का और मजा लेना था तो मैं ६९ पोजीशन में आ गया और अपना मुंह फिर से उसकी टांगो के बीच में लगा दिया.
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मेरा लण्ड अब उसके मुंह के सामने थे. मैंने उसकी कमर के नीचे एक पिलो लगा दिया और चूत को फिर से चाटना शुरू कर दिया. दिव्या बहुत ही उत्तेजित हो उठी और मेरे लण्ड को पकड़ हिलाने लगी. फिर उसने भी मेरा लण्ड अपने मुंह में भर लिया और लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी.
करीब १० मिनट के बाद हम दोनों झड़ गए. वो मेरा सारा पानी पी गई और उस ने मेरे लण्ड को चाटकर फिर से कड़क कर दिया.अब उसकी चूत में लण्ड डालने की बारी थी. मैं बेड पर खड़ा हो गया और मैंने दिव्या की दोनों टांगो को फैला कर हवा में उठा लिया. फिर मैंने अपने लण्ड को उसकी चूत पर लगाया और रगड़ना शुरू कर दिया.
दिव्या एकदम से तड़प उठी और अपनी गांड को उठा कर मेरे लण्ड को अंदर लेने की कोशिश करने लगी. मैंने एक जोरदार धक्का मार कर अपने लण्ड को उसकी चूत के अंदर कर दिया. चूत गीली होने की वजह से लण्ड पूरा एक ही बार में अंदर चला गया. दिव्या के मुह से एक चीख निकल गयी. मैं ताबड़ तोड़ धक्के मार मार कर दिव्या की बुर का बाज़ा बजाने लगा.
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दिव्या से बर्दाश्त नहीं हो रहा था लेकिन मैंने दिव्या की टांगो को कसकर जकड लिया था और मैं उसी पोजीशन में धक्के लगाये जा रहा था. दिव्या बोली "बस करो. मेरी फट जाएगी."
मैंने दिव्या की बात सुन कर उसे वापस लिटा दिया और वापस लंड उसकी चूत में डाल दिया. अब दिव्या को मजा आ रहा था और वो अहहहहह अहहहहह अहहहह ऊऊफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ करके मजे ले रही थी. पुरे रूम में फट फट की आवाज़ गूंज रही थी.
दिव्या भी मजे से मेरे लण्ड को अंदर ले रही थी. उसको चोदते हुए मैं उसकी गदराई हुई जांघो को दबा रहा था. कुछ देर में दिव्या का पानी निकल गया तो मैंने उसे पलटा कर पीछे से लंड उसकी चूत में पेल दिया और अपने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी.
दिव्या की हालत ख़राब होने लगी. वो बोली "बसस्सस्सस्स करो म्मम्ममनीष आःह्ह्ह अब आऔऊर नहीईईईईईईईईईईईईईईइ" लेकिन मैं अब रुक नहीं सकता था. मैंने धक्के लगाने रखे और थोड़ी देर बाद मैंने अपना सारा माल दिव्या की चूत में डाल दिया और फिर उसके ऊपर ही लेट गया.
मैंने दिव्या से पुछा "कैसा लगा मेरी जान." वो मुस्कुरा कर बोली "जान निकाल दी तुमने तो आज पर मजा आ गया."
मुझे जान कर ख़ुशी हुई की दिव्या को मेरी चुदाई से संतुष्टि हुई थी. मैं दिव्या के नंगे बदन से खेलता रहा और कुछ देर में फिर से मेरा लण्ड खड़ा हो गया. मैंने दिव्या को घुटनो के बल बिठाया और वो मेरे लण्ड को मुंह में ले कर चूसने लगी. ऐसा लग रहा था जैसे कि स्वर्ग में पहुंच गया हु. फिर मैंने उसको आगे की तरफ झुकाया और दुसरे राउंड के लिए उसके पीछे खड़ा हो गया. मैंने अपने लण्ड को पीछे की तरफ से उनकी चूत में लगा दिया और उनकी चूत पर रगड़ना शुरू कर दिया. वो भी अपनी कमर को आगे पीछे करने लगी और लण्ड को अंदर लेने की कोशिश कर रही थी. मैंने पूरा लण्ड दिव्या की चूत में डाल दिया और उसकी कमर को पकड़ कर धक्के लगाने लगा.
वो फिर से अहहह अहहहह अहहह कर के अपनी कमर को जोर से हिला रही थी. उसके मुंह से ये आवाजे और कामुक लग रही थी. थोड़ी देर बाद मैंने अपना लंड उसकी चूत से निकाला और गांड में डाल दिया.
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लंड दिव्या की चूत के रस से भीगा हुआ था इसीलिए आराम से गांड में घुस गया पर दिव्या को काफी दर्द हुआ. वो बोली "आह्ह्ह्ह यार कल राजेश ने भीईईई सूखी ले ली थी और आआअआज तुमने भीईईइ. अह्ह्ह्ह कम से क्क्क्ककमम्मम्म ग्गग्ग्गगांड में क्रीमम्मम्मम्म तो लगा देतेईईईईए."
मैंने कहा "अब तो घुस ही गया है डार्लिंग बस तुम अपनी टाँगे खोल लो." और फिर दिव्या की टाँगे चौड़ी करके एक धक्का और मार दिया.
अब दिव्या कुछ नही बोली तो मैं वापस फुल स्पीड में पिस्टन चलाने लगा.
१० मिनट दिव्या की करारी गांड मारने के बाद मैंने फिर से लंड उसकी चूत में डाल दिया. कुछ देर बाद मैंने लंड निकाला और अपना माल दिव्या की गांड का छेद जो १० के सिक्के के बराबर खुल गया था उसी पर छोड़ दिया.
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थोड़ी देर आराम करने के बाद दिव्या अपने कपडे पहनने लगी तो मैंने उसे रोका "क्या हुआ जान, क्या कर रही हो."
"वो बोली चलो थोडा बाहर घूम कर आते है." दिव्या कपडे पहनते हुए बोली.
"अभी घूमने का बहुत टाइम है. राजेश का फोन आया था. हमे यहाँ २-३ दिन रुकना पड़ेगा. समझी जानेमन." मैंने उसका हाथ पकड़ा तो हसने लगी "समझी की अब २-३ दिन तुम चोद चोद कर मेरी चूत का भोसड़ा बना दोगे."
मैंने हँसते हुए कहा "छी छी स्कूल में बच्चों को ऐसी ही भाषा सिखाती हो"
दिव्या ने वापस कपडे उतारे और मेरे साथ बेड में घुस कर हँसते हुए बोली "मुझे तो खुद ऐसी भाषा नहीं आती थी. तुमने और राजेश ने मुझे ये भाषा सिखाई है."
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