RE: Hindi Porn Kahani पडोसन की मोहब्बत
अगले दिन सुबह राजेश ने मेरे रूम में फोन किया. मैंने फ़ोन उठाया तो राजेश बोला "हाँ तो क्या हुआ फिर?"
मैंने कहा "फिलहाल तो रेणुका सो रही है. मैंने उसे बोल दिया है की हम कल जायेंगे. आप बताइए दिव्या का मूड कैसा है."
"उसे अब कोई दिक्कत नहीं थी और जो थी वो मैंने दूर कर दी तो दिव्या तो एकदम कूल है. अभी नहा रही है. तुम भी रेणुका को जगा लो और नहा धोकर नीचे आ जाओ. कही घूमने चलते है." राजेश बोला. मुझे जान कर अच्छा लगा की कम से कम एक औरत तो शांत है. मैंने रेणुका को जगाया और बताया की राजेश और दिव्या हमें साथ घूमने के लिए बुला रहे हैं.
रेणुका बोली "अब मुझे उनके साथ कहीं नहीं जाना. उनसे कह दो की मेरी तबियत ख़राब है."
"ठीक है. मैं उनसे कह देता हूँ की तुम्हारी तबियत ख़राब है तो हम दोनों नहीं जायेंगे लेकिन कही फिर वो दोनों अपना प्रोग्राम कैंसिल करके तुम्हे देखने यहाँ न आ जाये." मैंने रेणुका से कहा.
"तुम एक काम करो. तुम तैयार हो जाओ और उनके साथ चले जाओ और उनसे कह दो की मैं सो रही हूँ तो नहीं जाऊंगी. और नीचे जाकर मेरे लिए नाश्ता यहीं पर भिजवा देना" रेणुका बोली.
मैंने कहा "ठीक है. देखता हूँ"
"देखता हूँ नहीं. तुम चले ही जाओ." रेणुका बोली तो मैं नहा कर ब्रेकफास्ट करने नीचे चला गया. वहां मुझे दिव्या मिल गयी. उसने एक बहुत सेक्सी ड्रेस पहनी हुई थी जिसमे वो बहुत माल लग रही थी.
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मैंने उससे कहा "बहुत सेक्सी लग रही हो मेरी जान."
वो हंस कर बोली "पराई औरतों से ऐसे बात करते है"
"पराई? अरे भूल गयी कल हमारी शादी हुई है. तुम मेरी बीवी हो हाँ कल हमारी सुहागरात नहीं हुई लेकिन वो तो हमने परसों ही मना ली थी."
दिव्या हसने लगी और फिर मुझसे ऐसे बात करने लगी जैसे की कुछ हुआ ही न हो. हम दोनों साथ साथ ब्रेकफास्ट करने लगे. मैंने सोचा चलो कम से कम ये तो मान गयी वरना पंडित वाले ५००० पूरे पानी में चले जाते.
मैंने उससे पुछा "राजेश कहाँ है?"
"नहा रहा है. मुझे भूख लगी थी तो मैं खाने आ गयी. कल रात राजेश ने बहुत मेहनत करवाई है मुझसे. तुम्हारी बीवी समझ कर चोद रहा था." दिव्या मुस्कुरा कर बोली. "सही तो समझ रहा था" कह कर मैंने भी उस पर प्यार से एक नज़र डाली. तब तक राजेश भी आ गया और उसने पुछा "तैयार हो गए? रेणुका कहाँ है?"
"वो जाने से मना कर रही है. बोल रही है की तबियत ख़राब है." मैंने बताया.
"कोई बात नहीं. मेरी तबियत भी कुछ गड़बड़ लग रही है. एक काम करो तुम दिव्या को लेकर कौसानी चले जाओ. अभी जाओगे तो दोपहर तक पहुचोगे. वहां मैंने मेरे नाम से होटल के २ रूम बुक करवाये है. तुम एक रूम कैंसल करके रात में वही रुक जाना और कल वापस आ जाना. मैं भी एक दिन रेस्ट कर लूं." राजेश गाडी का चाभी मुझे देता हुआ बोला.
"पर मैंने रेणुका को बोला है की कल सुबह हम वापस जायेंगे. मैं रेणुका को नाश्ता देकर आता हूँ और पूछ भी लेता हूँ वरना वो और नाराज़ हो जाएगी." मैंने राजेश से बोला.
"तुम जाओ यार. अब रेणुका को मेरे ऊपर छोड़ दो. उसका नाश्ता मैं भिजवा दूंगा और समझा भी दूंगा.".राजेश बोला.
मैंने राजेश से कहा "देखिये कोई जबरदस्ती मत कीजियेगा. कही वो ज्यादा नाराज़ न हो जाए."
"कैसी बात कर दी भाई तुमने. तुम चिंता मत करो. जाओ एन्जॉय विथ योर न्यू वाइफ." राजेश बोला.
दिव्या भी मुझसे बोली "अरे अब चलो भी."
दिव्या के कहने पर मैं इंकार कर ही नहीं सकता था. मैं फ़ौरन उसका हाथ पकड़ कर निकल पड़ा. उधर राजेश ने दो प्लेटो में नाश्ता लगवाया और वेटर के साथ रेणुका के पास कमरे में पहुच गया.
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