RE: Hindi Porn Kahani पडोसन की मोहब्बत
इधर मैं और दिव्या धीरे धीरे ऊपर जा रहे थे. मैं सोच रहा था की कल राजेश ने रेणुका को किस कर लिया था और मैं अभी तक दिव्या का सिर्फ हाथ ही पकड़ पाया हूँ तभी ऊपर वाले ने मेरी सुनी और दिव्या का पैर फिसल गया.
मैंने फ़ौरन दिव्या को पकड़ा. इसी चक्कर में दिव्या की गुदाज चूंची मेरे हाथ में आ गयी और मैंने उसे कस कर दबा दिया. दिव्या को समझ नहीं आया की ये मैंने जान बूझ कर किया या उसको गिरने से बचाने में अपने आप हो गया तो वो कुछ नहीं बोली पर दिव्या का पैर मुड़ने से उसके पैर में मोच आ गयी थी.
दिव्या मुझसे बोली "अब मैं तो ऊपर नहीं जा पाऊँगी." और वो पर्स से फोन निकाल कर राजेश को मिलाने लगी. थोड़ी कोशिश के बाद मुझसे बोली "मेरे मोबाइल में नेटवर्क भी नही है. तुम अपने फोन से राजेश को फोन करो." नेटवर्क मेरे फोन में भी नहीं था. तो वो बोली "मैं सामने चट्टान पर बैठती हूँ. तुम ऊपर जाकर राजेश को नीचे भेज दो."
मैंने दिव्या को बोला "देखिये आपको इस वीराने में अकेला तो नहीं छोड़ सकता. गाड़ी की चाभी तो आप ही के पास है. आप मेरा सहारा लेकर नीचे चलिए और गाडी में बैठ कर आराम कीजिये. वहाँ से मैं राजेश भाई को फोन कर दूंगा."
दिव्या ने मेरा सहारा लेकर खड़े होने की कोशिश की लेकिन उसको दर्द ज्यादा हो रहा था. वो गाडी की चाभी मुझे देकर बोली "मुझसे चला नहीं जायेगा. गाडी की मेडिकल किट में एक स्प्रे होगा. आप जाकर ले आओ."
"हमको नीचे जाने में ज्यादा देर नहीं लगेगी और मैं यहाँ आपको अकेला छोड़ कर नहीं जाऊँगा." इतना बोल कर मैंने दिव्या को अपनी गोद में उठा लिया और नीचे जाने लगा. दिव्या बोली "अरे मैं गिर जाऊंगी. मुझे नीचे उतारिये."
मैंने कहा "बस नीचे पहुच कर उतार दूंगा. आप अपने हाथ मेरे गले में डाल लीजिये और थोडा सब्र कीजिये."
मैं तेज़ी से नीचे उतरने लगा और दिव्या गिरने के डर से मेरे गले में हाथ डालकर मेरे सीने से लग गयी. उसकी चून्चिया मेरे सीने में गड रही थी और मेरा एक हाथ उसकी पीठ पर था और दूसरा उसकी गदराई गांड पर. दिव्या का मुह शर्म से लाल हो रहा था पर वो कर भी क्या सकती थी. करीब २० मिनट में हम कार के पास पहुच गए और मैंने दिव्या को पीछे की सीट पर लिटा दिया.
लिटाने के बाद मैंने दिव्या के होठो पर एक किस कर लिया. दिव्या मुझे हैरानी से देखने लगी. मैंने वही डायलॉग मार दिया जो राजेश ने रेणुका को बोला था. मैंने कहा "माफ़ कीजिये दिव्या जी लेकिन इतना हुस्न इतने नज़दीक से देख कर मुझसे रहा नहीं गया."
दिव्या नाराजगी से कुछ नहीं बोली और राजेश को फ़ोन मिलाने लगी. मुझे पता था की फोन नहीं मिलेगा क्योंकि नीचे तो नेटवर्क था लेकिन ऊपर राजेश और रेणुका के फोन में तो नेटवर्क होगा ही नहीं तो मैं तसल्ली से डिक्की में दवाई ढूढ़ने लगा. मुझे स्प्रे के साथ आयोडेक्स भी मिल गया. मैं दिव्या के पैरो के पास बैठ गया और उसके पैर अपनी गोद में रख कर आयोडेक्स लगाने लगा. दिव्या बोली "तुम रहने दो. मुझे दो. मैं अपने आप लगा लूंगी."
मैंने कहा "आप लेटी रहिये. मुझ पर गुस्सा फिर कभी निकाल लीजियेगा. अभी मुझे मालिश करने दीजिये."
दिव्या चुप हो गयी और मैं उसके पैर की अच्छे से मालिश करने लगा. मालिश करते करते मेरा लंड खड़ा हो गया और दिव्या के पैर में लगने लगा. जब दिव्या को ये महसूस हुआ तो वो बोली "अब रहने दो. काफी आराम है. पर राजेश का फोन नहीं लग रहा."
मैंने मालिश करना बंद कर दिया. मैंने देख लिया था की मोच ज्यादा नहीं है और थोड़ी देर में ठीक हो जाएगी.
"अब सिवाय यहाँ उन लोगो का इंतज़ार करने के और चारा भी क्या है." मैंने दिव्या से कहा और उसके पैर और जांधे सहलाने लगा. दिव्या कुछ नहीं बोली. वो समझ चुकी थी की जब तक राजेश वापस नहीं आता तब तक मैं इतनी छूट तो लूँगा ही.
जब काफी देर हम उपर नहीं पहुचे तो रेणुका बोली "ये लोग अभी तक नहीं आये. हमको जाकर देखना चाहिए."
राजेश को यूं तो रेणुका के साथ बहुत मज़ा आ रहा था पर उसने भी मन में सोचा की कही मैं रास्ते में दिव्या के साथ कुछ ज्यादा हरकतें तो नहीं करने लगा तो वो लोग वापस नीचे आने लगे. वापसी के समय में भी राजेश ने रेणुका से काफी छेड़छाड़ की.
रेणुका और राजेश जब नीचे पहुचे तो उन्होंने देखा की हम दोनों कार में बैठे है. मैंने उन्हें बताया की दिव्या के पर में मोच आ गयी है तो अब कही और जाने की बजाय हमें होटल जाना चाहिए.
राजेश बोला "हां वैसे भी होटल पहुचते पहुचते शाम ही हो जाएगी" और हम वापस होटल लौट आये.
होटल पहुचते पहुचते दिव्या काफी ठीक हो गयी और राजेश का सहारा लेकर अपने रूम में चली गयी..
हम भी अपने कमरे में लौट आये. थोड़ी देर तक रेणुका मुझे बताती रही की ऊपर के नज़ारे बहुत खूबसूरत थे फिर रेणुका नहाने के लिए बाथरूम में घुस गयी तो मैंने कमरे के अन्दर का दरवाजा अनलॉक करके खटखटाया.
राजेश ने भी फ़ौरन दरवाजा खोल दिया तो मैंने बोला की मेरा बाथरूम बिजी है क्या आपका यूज़ कर लूं. राजेश ने फ़ौरन बोला हाँ हाँ आ जाओ. मैं उनके कमरे में घुस गया. दिव्या ने कपडे चेंज कर लिए थे और एक शोर्ट नाईटी पहन ली थी और बेड पर बैठ कर लैपटॉप पर कुछ काम कर रही थी.
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