RE: Hindi Porn Kahani पडोसन की मोहब्बत
राजेश ट्रेकिंग की पूरी तैयारी से था पर मैंने जान बूझ कर लेदर के जूते पेहन लिए थे. मंकी पॉइंट पहुचने के बाद जब दिव्या को पता चला की हमको पहाड़ के ऊपर जाना है तो वो थोडा परेशान हुई तभी राजेश बोला "जो सबसे पहले ऊपर कदम रखेगा उसके लिए कुछ इनाम रखना चाहिए क्यों मनीष."
मैं बोला "हम सब २५०० रुपये मिलाते है और जो सबसे पहले ऊपर पहुचेगा उसे ये १०००० रुपये मिलेंगे."
राजेश ने कहा "बहुत अच्छी बात है. लो मेरे और दिव्या के ५००० रुपये."
मैंने पैसे लेकर उसमे ५००० और मिला कर दिव्या को रखने के लिए दे दिए. मैंने रेणुका किनारे ले जाकर बोला "देखो मैं तो लेदर शूज पहने हूँ तो तेज़ी से नहीं चढ़ पाऊँगा पर तुम ट्रैकिंग वाले कपडे पहने हो. जल्दी से चढ़ जाना. इनाम तुम्हे ही मिलना चाहिए."
फिर हमने काउंट डाउन शुरू किया और चारो ऊपर चढ़ने लगे. सबसे तेज़ी से रेणुका चढ़ रही थी फिर राजेश उसके पीछे मैं और सबसे बाद में दिव्या थी. देखते ही देखते रेणुका और राजेश मेरी नजरो से ओझल हो गए तो मैं थोडा रुक कर दिव्या का वेट करने लगा. ५ मिनट बाद दिव्या नज़र आई. मुझे रुका देख आकर बोली "क्या हुआ, शर्त नहीं जीतनी क्या?".
मैंने बोला "इन जूतों में तो नहीं जीत पाऊँगा. अब तो बीवी का ही सहारा है."
"मुझे पहले पता होता तो मैं हाई हील न पहनती. स्पोर्ट शूज पहनती. इनमे पहाड़ चढ़ना तो बहुत मुश्किल है." दिव्या मेरे बराबर आ कर बोली. अब हम दोनों ने साथ साथ चढना शुरू कर दिया.
उधर रेणुका पहले तो तेज़ तेज़ चढ़ी फिर जब थक कर थोडा धीमे हुई तो राजेश उसके बराबर आ गया और बातें करते करते उसके साथ चलने लगा और जैसे वो लोग पहाड़ी पर पहुचने वाले थे राजेश ने अचानक रेणुका को पीछे से कमर में हाथ डाल कर उठा लिया और चलने लगा.
रेणुका बोली "अरे ये क्या कर रहे है. मुझे नीचे उतारिये"
राजेश बोला "उतार दूंगा पर पहाड़ी पर पहुचने के बाद ताकि सबसे पहले मेरे कदम ही ऊपर पड़ी फिर तुम्हारे."
रेणुका के लाख कहने के बाद भी राजेश ने उसे नीचे नहीं उतारा और रेणुका भी इस डर से की कही वो गिर न जाए सिर्फ मुह से ही कहती रही. रेणुका को इस तरह बाँहों में भरने से राजेश का लंड खड़ा हो गया और रेणुका की गांड में चुभने लगा.
रेणुका समझ गयी की उसे क्या चुभ रहा है और उसका चेहरा शर्म से लाल हो गया. जब पहाड़ी पर पहुच कर राजेश ने रेणुका को धीरे धीरे नीचे उतारा तो उसने अच्छे से रेणुका की चून्चियो का मजा भी ले लिया और अपना कड़क लंड अच्छे से रेणुका की गांड की दरार में रगड़ दिया.
नीचे उतर कर रेणुका थोडा गुस्सा दिखाते हुए बोली "ये गलत बात है"
"प्यार और जंग में सब जायज है मेरी जान और यहाँ तो प्यार भी है और जंग भी." राजेश ने मुस्कुराते हुए कहा.
रेणुका ने सोचा की अब वो राजेश से बात ही नहीं करेगी लेकिन ऊपर के हसीं नज़ारे देख कर रेणुका ज्यादा देर गुस्सा न रह सकी और राजेश ने जब उससे कहा "सच में यहाँ से नीचे का नज़ारा कितना सुंदर दिख रहा है." तो वो बोल पड़ी "शायद मैं आज पहली बार इतनी उचाई पर आई हूँ".
राजेश बोला "अरे अगर मेरे साथ रहोगी तो देखना कैसी कैसी उचाईयों पर ले चलूँगा तुम्हे."
राजेश की द्विअर्थी बात सुन कर रेणुका फिर से झेप गयी.
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