RE: Hindi Sex Kahaniya अनौखी दुनियाँ चूत लंड की
मित्तल-बच्ची तो प्रिया भी थी मनोज ,दोनों सेकंड ईयर में ही तो हैं ,दोनों सहेलियां भी हैं ,पूछले चाहे...बस फर्क यह है कि लन्ड ले चुकी और यह हब्शियों की वीडियोस देख-देखकर चूत में उंगली करती ।बच्ची.... मेरा मतलब है आएशा जी क्या सोच रही हैं ? घुटनों के बल बैठ जाओ और चूस लन्ड मेरा(अचानक मित्तल की आवाज़ कड़क हो गयी थी)। आएशा ज़मीन पर घुटनों के बल रेंगती हुई मित्तल की खुली हुई टाँगों के बीच आ जाती है ।
मित्तल ताली बजा कर अपने दो गुंडों को बुलाता है और उनसे मनोज को नँगा करके कुर्सी पर बाँध देने को कहता है मनोज को बहन के सामने नँगा होना धरती में गड जाने जैसे लग रहा था वो गुंडों से हाथापाई करने की बेकार कोशिश करता वो उसके बदन से एक एक कपड़ा उतार कर उसे कुर्सी से बाँध देते है । आएशा मित्तल की टाँगों के बीच कुतिया बनी हुई थी और मित्तल उसके भरे हुए नाज़ुक होंठो पे अपना लन्ड रगड़ रहा था ।मनोज ने देखा कि मित्तल ने आएशा से कुछ कहा जिसे वो सुन नहीं सका ।आएशा अपने छोटे -पतले नाज़ुक गोरे हाथों से मित्तल के बड़े अंडकोष सहलाने लग गयी ।
मित्तल सोफ़े पर टेक लगा कर बैठ गया और उसने लंड सहलाते हुए आएशा से कहा- जैसे तू आइसक्रीम को चाटती और चूसती है ना.. ठीक वैसे ही चूसना.. तब मज़ा रस बाहर आएगा।
आएशा अब घुटनों के बल बैठ गई और मित्तल किसी बड़ी सी स्ट्राबेरी जैसे सुपारे को जीभ से चाटने लगी। धीरे-धीरे वो मुँह को पूरा खोल कर टोपा मुँह में भर के चूसने लगी। वैसे तो उसके छोटे से मुँह में मित्तल का हब्शी विशाल लंड जाना मुश्किल था.. मगर वो कोशिश पूरी कर रही थी कि ज़्यादा से ज्यादा लंड अन्दर ले सके।
मित्तल(आँखें बंद किए मज़ा लेता हुआ)-बहुत अच्छा लन्ड चूसती है तेरी बहन मनोज ,मज़ा आ गया ।
मनोज के सामने उसकी बहन किसी अनजान आदमी का लन्ड चूस रही थी ,वो आएशा की बड़ी गोल गाँड़ को हिलते देख रहा था । उफ्फ क्या नज़ारा था मनोज का लन्ड भी खड़ा होने लगा था ।
मित्तल के लंड से हल्का पानी रिसने लगा था जिसका स्वाद आएशा को थोड़ा अजीब लगा। एक बार तो उसने लंड मुँह से निकाल भी दिया।
मित्तल- आह.. क्या हुआ ...आएशा .. चूसो ना..!
आएशा- थोड़ा-थोड़ा रस आ रहा है मगर ये नमकीन सा है.. कुछ अजीब सा लग रहा है।
मित्तल- अरे ये तो शुरूआत है.. असली क्रीम तो बाद में आएगी.. तू बस चूसती रह।...देख तेरे भाई का लन्ड भी खड़ा हो गया है तुझे लन्ड चूसते देख ..
आएशा फिर शुरू हो गई.. लंड की चुसाई करने लगी। वो अपने हाथ से लंड को पकड़ कर दबाने लगी और होंठ दबा कर लंड से रस खींचने लगी। आएशा के नर्म होंठ और उसकी गर्मी मित्तल को बहुत सुकून दे रही थी, वो अब धीरे-धीरे कमर को हिलाने लगा था।
मित्तल- आह.. आ ...आएशा..श...आह चूस उफ़ तू बहुत अच्छा चूसती है आह.. निकाल दे आह.. सारा रस उफ़ मेरी जान आह.. ऐसे ही उफ़ आह..
अगले दस मिनट तक आएशा दिलोजान से लंड को चूसती रही। मित्तल तो पहले ही बहुत गरम था, ऊपर से आएशा के टाइट होंठ की चुसाई.. उसको चरम पे ले आई।
मित्तल- आह.. आह पूजा जोर से कर आह.. रस आने वाला है आह.. फास्ट फास्ट मेरी जान उफ..मित्तल अब पूरा गर्म हो चुका था वो किसी भी पल झड़ सकता था ...वो खड़ा हो गया और उसने आएशा के सिर को पकड़ते हुए उसके मुँह को चोदना शुरू कर दिया वो ऐसे ज़ोरदार झटके मार रहा था जितने कभी मनोज ने चूत चुदाई के दौरान भी नहीं लागए थे आखिर उसने आएशा के सिर को पकड़कर अपना लन्ड जड़तक उसके मुँह में घुसा दिया । मनोज ने देखा कि सफेद रस आएशा के मुँह से बाहर रिस रहा है एक दो मिनट तक मित्तल इसी पोजीशन में आएशा के मुँह में ही अपना वीर्य छोड़ता रहा । उसने जब अपना लन्ड आएशा के मुँह से निकाला तो मनोज ने देखा आएशा का पूरा मुँह मित्तल के वीर्य से भरा हुआ है ।मित्तल ने झट से आएशा के होंठो को अपने मजबूत हाथों से बंद कर उसे सारा वीर्य पीने पर मजबूर कर दिया था ।
मनोज-मित्तल भगवान के लिए मेरी बहन को छोड़ दे ....
मित्तल -छोड़ दूँगा यार इनसे इतना मज़ा दिया है मुझे वापिस तो करना पड़ेगा न ? और देख तेरा लन्ड भी कैसे फड़फड़ा रहा है ? इसका मतलब तू मज़े लेकर अपनी को लन्ड चूसता देख रहा था ....हाहाहा...। और तू आएशा ...मेरी जान...मेरी रंडी ...चल सोफ़े पे अपनी टाँगे खोलकर लेट जा ।
मनोज नहीं नहीं चिल्लाता रहा पर मजबूरी की मारी उसकी बहन सोफ़े पे लेट गयी ।अब मित्तल उसकी टाँगों के बीच आ गया और उसने अपने मुँह को आयेश की कुँवारी चूत पे लगा दिया ।
मित्तल कुत्ते की तरह अपनी जीभ से उसकी चुत को चाटने लगा। वैसे तो वो किसी सील बंद तिजोरी की तरह थी, जीभ की नोक भी अन्दर नहीं जा पा रही थी.. मगर मित्तल नोक से उसको कुरेद रहा था और पूरी चुत को होंठों में दबा कर चूस रहा था।
आएशा अब किसी दूसरी ही दुनियां में पहुँच गयी थी ,उसे मजबूरी में ही सही दुनिया का सबसे हसीन तोहफा मिल गया था। वो हवा में उड़ने लगी थी और उसका जिस्म आग की तरह तपने लगा। मनोज से अपनी बहन की हालत देखी नहीं जा रही थी ।
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