RE: Hindi Sex Kahaniya अनौखी दुनियाँ चूत लंड की
पिंकि ने लाल और काले चेक वाली शर्ट पहन रखी थी जिसे उसने अपनी नींली जीन्स के अंदर डाला हुआ था जिसके कारण उसके उन्नत और सुडौल स्तंन बड़े-2 सेबों की भांति लग रहे थे जो उसके हर कदम के साथ ऊपर नीचे हो रहे थे । उसके खुले हुए लम्बे बालों की लटों के घुँराले छल्ले उसकी पतली कमर पर उछल रहे थे । टाइट जीन्स में उसके नितम्ब मटकों की तरह लग रहे थे ।
भानु-अबे पागल राहुल तेरे लिए ही आ रही है यह राँड़ ।
विक्रम(राहुल ने देखा कि विक्रम अपना लन्ड मसल रहा है)- भाई इसके मोम्मे तो देख कितने बड़े हैं ...दूध के टैंक हैं यह ।
भानु-सही कहा भाई , इसे कुतिया की तरह करके इसकी बड़ी गाँड़ को चोदने में बड़ा मजा आएगा तब इसके मोम्मे गुबारों की तरह ऊपर नीचे होंगे ।
पिंकि सीधे आकर राहुल को अपनी बाहों में भर लेती है । राहुल को ऐसा प्यार भरा आगोश पहली बार मिला था । पिंकि के बदन की महक उसे पागल सी करने लगी थी ।
भानु(ज़ोर से बोलता है ताकि पिंकि सुन ले)- रंडी इस छक्के से कुछ नहीं होगा आ मैं अपने लौड़े से तेरी अच्छी खातिर करूँगा ।
राहुल के नथुने गुस्से से फड़कने लगे थे वो भानु और विक्रम की तरफ मुड़ता है पर पिंकि उसका हाथ पकड़कर उसे रोक लेती है । "राहुल बोलने दो उन्हें चलो हम कहीं और चलते हैं" पिंकी राहुल को अपनी ओर खींचते हुए कहती है ।
विक्रम-इससे तेरी आग नहीं भुजेगी जानेमन ,तेरे लिए मेरे जैसा असली मर्द चाहिए ।
राहुल (पिंकि के माथे को चूमता है और उसकी डरी हुई आंखों में देखकर ,अपना हाथ उसके हाथ से छुड़वाते हुए कहता है )- पिंकि विश्वास करो मेरा इनको सबक सीखना ज़रूरी है ,बस एक मिनट दो मुझे ।तुम बस एक मिनट आँख बंद करलो और सोचो कि तुम यँहा हो नहीं ।
राहुल विक्रम और भानु के पास चला जाता है और हेल्लो करने के लिए आपना हाथ आगे करता हुआ कहता है ,और दोस्तों कैसे हो ? "यह है अपना असली दोस्त अपनी माशूका को हमसे चुदवाने की बात करने आया है " भानु कहते हुए अपना हाथ राहुल की और बड़ा देता है । हड्डियों के कडने की तेज आवाज के साथ भानु की एक चीख निकलती है ।
राहुल(अपनी पकड़ को थोड़ा और कसते हुए)-तो चलो मिलोगे नहीं उससे ?
भानु(रोते हुए)-भाई छोड़ दे गलती हो गयी ।
राहुल-पक्का या कुछ बाकी है । वो अपनी पकड़ को थोड़ा और कसता है ...एक हड्डी के टूटने की आवाज़ होती है और वो भानु का हाथ छोड़ देता है और पिंकि को लेकर पार्क से निकल जाता है ।
पिंकि-तुमने उनके साथ क्यों लड़ाई की ,बस बोल ही तो रहे थे । तुम्हें कुछ हो जाता तो ?
राहुल-मैं कोई झगड़ा करने थोड़े ही गया था ,मेरी क्लास के थे दोनों बस मिलने गया था हेल्लो किया और आ गया ।
पिंकि-फिर मुझे चीखें क्यों सुनाई दीं ।
राहुल-वो भानु था उसे मज़ाक करने की आदत है । अब यह सब छोड़ो और बताओ कि अब कँहा चलें ?
पिंकि -जँहा हमें कोई तंग करने वाला न हो ,बस हम दोनों अकेले हों ।
राहुल को उन्ही पहाड़ों का ख्याल आता है जँहा वो कल गया था । "हम्म वँहा मैं पिंकि को सब बता सकता हूँ ....पर वो तो काफी दूर है ...पर मैं अगर अपनी शक्तियों का प्रयोग करूँ तो ? " वो मन में सोचता है ।
पिंकि-कुछ बोलो भी ,तुम तो कँही गुम ही हो जाते हो ।
राहुल-एक जगह के बारे में सोच रहा था जहाँ हमें तंग करने वाला कोई नहीं होगा ।
पिंकि- तो वंही चलते हैं ।
राहुल-पर मेरी एक शर्त है ।
पिंकि-वो क्या ?
राहुल -अगले 10 मिनटों में जब तक मैं नहीं कहता तुम अपनी आँखें नहीं खोलोगी ।
पिंकि-ठीक है प्रॉमिस । वो आँखे बंद करते हुए कहती है ।
राहुल झट से पिंकि को गोद में उठा लेता और बिजली की रफ्तार से भागने लगता है । अगले कुछ ही मिनटों में वो एक पहाड़ की चोटी पर थे ।
राहुल(पिंकि को गोद से उतारते हुए)- अब तुम आँखें खोल सकती हो पिंकि ।
पिंकि(खुद को इतनी जल्दी पहाड़ों पे देखकर चककरा जाती है)--ह्म्म्म हम यँहा कैसे ?
राहुल (उसे पिंकि के चेहरे पर डर दिखाई देता है)- तुम्हें डर लग रहा है ?
पिंकि(राहुल से लिपटते हुए)- नहीं बस थोड़ी हैरान हूँ कि इतनी जल्दी हम यँहा कैसे पहुँचे ।
राहुल (एक पेड़ का सहारा लेकर बैठ जाता है)-आओ न बैठो यह एक लम्बी कहानी है ।
पिंकि(उससे चिपक कर बैठ जाती है और उसका हाथ पकड़ लेती है)-जितनी भी लम्बी कहानी हो मैं सुनूँगी।
राहुल अपनी कहानी शुरू करता है "3-4 दिन पहले की बात है उसी दिन कि जिस रात आखिरी बार हम छत पर मिले थे .........."
,,,,,,,,,,,,,,,,,
पाठक इस कहानी को अच्छे से जानते हैं कि जब पहली बार बबिता ने राहुल को सिड्यूस किया था और उसे अनोखी शक्तियां मिली थी इसलिए जितनी देर राहुल पिंकि को अपनी दास्तान सुनाता हम रमा के पास चलते हैं जो इस समय घर का सारा काम खत्म करके रवि से मिलने उसके घर जा रही थी। रमा आज अपनी ही बेटी के मुँह से उसकी पहली और फुद्दी फाड़ चुदाई के बारे में सुनने वाली थी वो अपने घर से बाहर निकली ही थी कि उसे मनोज मिल गया(तनु का ट्यूटर)।
|